गृह मंत्रालय ने बढ़ते साइबर खतरों के बीच सभी राज्यों को साइबर कमांडो की एक विशेष शाखा स्थापित करने को कहा है। बढ़ते साइबर खतरों और साइबर रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के बाद भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की ओर से यह निर्णय लिया गया। बीते एक हफ्ते में भारतीय विमानन कंपनियों को 170 से अधिक फर्जी बम धमकियां मिलीं। इनमें अधिकांश सोशल मीडिया पर दी गई। ये खाते वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) या डार्क वेब ब्राउजर का इस्तेमाल करके बनाए गए थे और जांच एजेंसियां इन्हें पकड़ नहीं पाई।
गृह मंत्रालय अगले पांच वर्षों में 5,000 साइबर कमांडो तैयार करने की योजना बना रहा है। साइबर कमांडो विंग पुलिस संगठन का अभिन्न अंग होगा और इसे राष्ट्रीय संसाधन माना जाएगा। आदेश में कहा गया कि संभावित साइबर कमांडो का चयन राज्यों, संघ शासित प्रदेशों और केंद्रीय पुलिस संगठनों के विभिन्न पुलिस संगठनों में कार्यरत कर्मियों में से किया जाएगा। जनवरी 2023 और 2024 में हुई डीजीपी, एलजीपी सम्मेलन में पीएम मोदी ने ‘साइबर कमांडो’ की विशेष शाखा स्थापित करने की सिफारिश की थी।
ये कमांडो अपने मूल संगठन के लिए काम करेंगे और उनसे अपेक्षा की जाएगी कि उन्हें डिजिटल फोरेंसिक, घटना प्रतिक्रिया और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) बुनियादी ढांचे की सुरक्षा में प्रशिक्षण के दौरान विकसित विशेषज्ञता के अनुसार भूमिकाएं सौंपी जाएंगी।