राजनांदगांव | सालों से बिना अपराध किए सालों से एक पानी की टंकी में कैद तीन कछुओं को आखिरकार आजादी मिली गई है | न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था | न्यायालय के आदेश पर तीन कछुओं को वन विभाग और पुलिस की निगरानी में शिवनाथ नदी में छोड़ दिया गया है |
दरअसल, 2015 में पुलिस ने तंत्र-मंत्र में इस्तेमाल करते हुए 6 आरोपियों से बरामद किया था । जानकारी के मुताबिक पुलिस ने छापा मार सभी 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया, और बतौर साक्ष्य के रूप में इन 4 कछुओं को भी एक टंकी में रखा गया । इनमें से एक की मौत छह महीने में हो गई थी । इसके लिए वन विभाग ने बाकायदा पोस्टमार्टम कराया गया था ताकि कोई विवाद या आपत्ति होने पर मौत का कारण बता सकें । अफसरों का कहना है कि पुलिस ने जब सौंपा तब से ही उस कछुए के शरीर में चोट के निशान थे । इसके बाद तीन कछुओं की निगरानी वन अमले के लिए चुनौती बनी हुई थी ।
गौरतलब है कि मामले में आरोपियों को तो कोर्ट से जमानत मिल गई, लेकिन ट्रायल जारी है । कोर्ट में कभी भी इन कछुओं को बतौर साक्ष्य प्रस्तुत करना पड़ सकता है । इसके लिए इनकी देखभाल की जा रही थी । लेकिन न्यायालय के आदेश पर तीन कछुओं को वन विभाग और पुलिस की निगरानी में शिवनाथ नदी में छोड़ दिया गया है |
गौरतलब है कि ऐसे मामलों में जो भी वन्य जीव आरोपियों के कब्जे से बरामद होते हैं, वे शासन के अधीन होते हैं । वन विभाग चाहे तो संरक्षित क्षेत्र में वन्य जीवों को छोड़ सकता है ।
