छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री के निशाने पर गृह मंत्री विजय शर्मा, पुत्र चैतन्य की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की कवायत जोरों पर, राज्य महिला आयोग को फरमान, बघेल के निजी हितों से जुड़े धरना-प्रदर्शनों में ‘कांग्रेस’ के झंडे-बैनर के उपयोग को लेकर बवाल……

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दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल उर्फ़ बिट्टू की गिरफ्तारी के आसार दिनों-दिन बढ़ते जा रहे है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली बीजेपी और उसकी सरकार पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल के हमले भी लगातार तेज हो रहे है। रायपुर में कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में आयोजित एक पत्रकार-वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री ने बीजेपी और उसकी सरकार पर फिर हमला बोला है। लेकिन निशाना राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा पर साधा गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री के तीखे-तेवरों के बीच यह जानकारी भी सामने आ रही है कि एक हफ्ते तक लगातार सरकार पर ऐसे ही हमले तेज करने के लिए बघेल ने कमर कस ली है। बीजेपी पर प्रहार करने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज से बघेल की चर्चा, गौरतलब बताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक कभी प्रदेश की कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खरा कर तो कभी कवर्धा में आपराधिक घटनाओं को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपे, खास इरादे के साथ गृह मंत्री विजय शर्मा पर लगातार दबाव बनाने की रणनीति पर अमल कर रहे है।

मकसद साफ है, पुत्र बिट्टू को हर सूरत में गिरफ्तारी से बचाना है। सूत्र यह भी तस्दीक कर रहे है कि कांग्रेस मुख्यालय में गुरुवार-शुक्रवार को आयोजित एक विशेष बैठक में कई पदाधिकारियों ने पूर्व मुख्यमंत्री को जमकर खरी-खोटी सुनाई है। मामला भिलाई ऑनर किलिंग अटेम्प्ट कांड से जुड़ा बताया जाता है। इस मामले में आयोजित होने वाले प्रदर्शनों से पार्टी के कई नेताओं ने किनारा कर लिया है।

बताया जाता है कि पार्टी फोरम में आम राय ना बनते देख पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य महिला आयोग को भी राजनीति के मैदान में उतरने के फरमान जारी किये है, जल्द ही महिला आयोग की अध्यक्ष कवर्धा के बिरनपुर गांव का दौरा कर गृह मंत्री विजय शर्मा और राज्य की बीजेपी सरकार को घेरेंगी। बताते है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने आयोग को अपनी मंशा से अवगत भी कराया है। महिला आयोग की एक पूर्व पदाधिकारी के मुताबिक कवर्धा में आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए कई लोगों को पूर्व सूचना भी भेज दी गई है।

उधर यह भी बताया जा रहा है कि कांग्रेस की ढाल और बघेल की चाल से गृह मंत्री शर्मा भी पूरी तरह से वाकिफ है, उन्होंने साफ कर दिया है कि कानून अपना कार्य कर रहा है, किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस स्वत्रंत है। यह भी कहा जा रहा है कि बघेल लाख कोशिश कर ले, गृह मंत्री दबाव में आने वाले नहीं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने बीजेपी पर लगातार हमले जारी रखे है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सत्ता में आने के तत्काल बाद ही कांग्रेस ने सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था।

बीजेपी और कांग्रेस के बीच राजनैतिक रस्साकसी आम बात है। बताया जाता है कि केंद्रीय संगठन से जारी निर्देशों के तहत आयोजित राजनैतिक प्रदर्शनों में हिस्सा लेने में पार्टी के कई नेताओं को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री की स्वविवेक के आधार पर बीजेपी और गृह मंत्री विजय शर्मा के खिलाफ आयोजित प्रदर्शनों में शामिल होने को लेकर विवाद की स्थिति बन गई है। पूर्व मुख्यमंत्री और उनके परिजनों से जुड़ी आपराधिक गतिविधियों से पार्टी के कई नेता ना केवल किनारा कर रहे है, बल्कि इन प्रदर्शनों में कांग्रेस के झंडे-बैनर और पार्टी कार्यालय के उपयोग को लेकर आपत्ति भी जाहिर कर रहे है।

बताया जाता है कि केंद्रीय संगठन द्वारा निर्धारित कार्यक्रमों के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा अपने व्यक्तिगत स्तर पर कई धरना प्रदर्शन आयोजित किये जा रहे है। इन प्रदर्शनों को गृह मंत्री विजय शर्मा को दबाव में लाने की रणनीति से जोड़ कर देखा जा रहा है। यह भी बताया जा रहा है कि हफ्तेभर तक कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों का रेला लगा रहेगा। यहाँ कई नेता, आये दिन गृह मंत्री और प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर अपना मुँह खोलेंगे।

उन्हें कवर्धा कांड और इस इलाके में अंजाम दी गई आपराधिक वारदातों को लेकर गृहमंत्री पर कटाक्ष करने के निर्देश दिए गए है। यही नहीं प्रेस और मीडिया में मुद्दे जोर-शोर से उछल सके, इसका भी तगड़ा बंदोबस्त किया गया है। हालांकि पार्टी के कई नेता पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के निजी हितों को कोई तवज्जो नहीं दे रहे है। उनका मानना है कि पूर्व मुख्यमंत्री के खुद के घोटालों के अलावा पुत्र चैतन्य के काले कारनामों से पार्टी की छवि धूमिल हो रही है।

उनके मुताबिक केंद्रीय संगठन को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। पहचान जाहिर ना करने की शर्त पर पार्टी के कई महत्वपूर्ण पदाधिकारी यह भी तस्दीक कर रहे है कि मामला पार्टी फोरम में चर्चा का विषय बना हुआ है। उनका मानना है कि पहले मुख्यमंत्री की कुर्सी से हाथ धोने फिर राजनांदगांव लोकसभा सीट से करारी हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री की राजनीति वैसे ही हासिए में है, अब पुत्र को गिरफ्तारी से बचाने के लिए गृह मंत्री को दबाव में लाने का उपक्रम, उनके गले नहीं उतर रहा है।

उनके मुताबिक इस मामले में वरिष्ठ नेताओं को भी वाकिफ कराया जा रहा है। फ़िलहाल पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने कांग्रेस मुख्यालय में डेरा डाला हुआ है। यह देखना गौरतलब होगा कि उनकी रणनीति बीजेपी को घेरने में किस हद तक कामयाब रहती है।