Iran Vs Israel: कौन हैं वॉर के किरदार? जो तय करते हैं हमला-बदला और तबाही का स्केल !

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अविनाश दुबे, रायपुर : दुनिया कंट्रोल से बाहर हो रही हैं,पश्चिम एशिया में फिलहाल खौफ भरी शांति छाई हुई है. ईरान ने इजरायल के खिलाफ ऑपरेशन Operation true promise 2 का आगाज कर दिया और कहा कि ये बदला है हमारे नेताओं की मौत का. ईरान ने कहा कि ये कार्रवाई हमारे भाई हिज्बुल्लाह कमांडर हसन नसरल्लाह, जरनल अब्बास निलोफरशन की हत्या का जवाब है. इजरायल में लोग बंकरो में दुबके हैं. रात को यहां कभी भी सायरन बज उठता है और लोग बंकर में चले जाते हैं. ईरान बदले की आग में उबल रहा है. इस पूरे क्षेत्र में कौन हैं वॉर के किरदार? किनके हाथों में है जंग की कमान और कौन तय कर रहा है कि अगला मिसाइल कहां गिरेगा. ये जानना दिलचस्प है.

ईरान ने मंगलवार को जब अपनी गदर , इमाद और फतह बैलेस्टिक मिसाइलों का जखीरा इजरायल की ओर छोड़ा तो दुनिया एक बार फिर अनहोनी की आशंका से सहम उठी. इजरायल में सायरन जोर-जोर से चीखने लगे और लोगों को सुरक्षित स्थान में शरण लेने के लिए आगाह करने लगे. मिसाइलों में हुए ब्लास्ट की आवाजें येरुशलम और जॉर्डन की घाटी तक सुनाई दे रही थी. लाखों इजरायली मिनटों में बंकरों में पैक हो गए. ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने कहा कि ये तो हमारी शक्ति की झलक भर है. ईरान से टकराने की कोशिश मत कीजिए. 

फिलहाल इस समय पश्चिम एशिया में टेंशन ऑल टाइम हाई है.लेकिन इस जंग को ड्राइव करने वाले किरदार कौन कौन हैं. कौन हैं इजरायल और ईरान के वो कमांडर जो एक दूसरे के खिलाफ रण और रणनीति बना और चला रहे हैं. ये वो चेहरे हैं जो तय करते है हमला कितना घातक होगा.

अली खामेनेई- सर्वोच्च इस्लामी नेता

85 साल के अली खामेनेई ईरान के सुप्रीम धार्मिक नेता हैं. वे 35 साल से ईरान के सर्वेसर्वा बने हुए हैं. ईरान से जुड़े सारे फैसले अली खामेनेई करते हैं. वे सेना के सुप्रीम कमांडर भी है. ईरान में फिलहाल उनकी सत्ता को कोई चुनौती नहीं है. मंगलवार को इजरायल पर हमले के बाद खामेनेई ने कहा कि घबराओ नहीं खुदा की मदद बहुत जल्द आने वाली है, जीत करीब है. अली खामेनेई फिलहाल अपने जीवन के बेहद चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं. अमेरिकी प्रतिबंधों, इजरायली हमलों ने ईरान में उनकी लोकप्रियता पर असर डाला है.

मसूद पेजेशकियन- ईरान के राष्ट्रपति

मसूद पेजेशकियन ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति हैं. हाल ही में पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद वे राष्ट्रपति बने हैं. मसूद पेजेशकियन की भूमिका ईरान की सैन्य रणनीति और सुरक्षा मामलों में बहुत महत्वपूर्ण है. वे ईरान के सुप्रीम लीडर, अली खामेनेई के बहुत ही करीबी माने जाते हैं. उनका छोटा कार्यकाल बहुत चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है. उनके राष्ट्रपति बनते ही ईरान में ही हमास के नेता हानिया की हत्या हो गई. इसके बाद ईरान के करीबी हसन नसरल्लाह, ईरानी जरनल अब्बास निलोफरशन को भी इजरायल ने जंग में मार गिराया है. 

मोहम्मद रजा अश्तियानी- ईरान के रक्षा मंत्री

मोहम्मद रजा करैई अश्तियानी ईरान के वर्तमान रक्षा मंत्री हैं. मंगलवार के ईरानी ऑपरेशन के बारे में उन्होंने कहा कि इजरायल के खिलाफ  Operation True Promise 2 में हमने अपनी सबसे उन्नत मिसाइल क्षमताओं का उपयोग नहीं किया, जिनकी शक्ति सबसे ज़्यादा है. अश्तियानी ने कहा है कि अगर इलाके में तनाव और युद्ध बढ़ता है, तो हम और कठोरता से निपटेंगे. 

अब्दुल रहीम मौसावी- ईरान के आर्मी चीफ 

अब्दुल रहीम मौसावी ईरान के आर्मी चीफ हैं और उन्होंने यह पद 21 अगस्त 2017 से संभाल रखा है. हसन नसरल्लाह की मौत के बाद उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी है और कहा था कि सैय्यद हसन का खून निश्चित रूप से यहूदी शासन और उसके आकाओं को नष्ट कर देगा. उन्होंने कहा था कि वे अपनी कब्र को और गहरा कर रहे हैं. ईरान के आर्मी चीफ के रूप में वे देश की सिक्योरिटी और काउंटर ऑफेंसिव ऑपरेशन के लिए जिम्मेदार है. मौसावी अपने कमांडरों के साथ मिलकर ही तय करते हैं कि इजरायल को निशाना कहां, कब और कितना घातक तरीके से बनाया जाए. 

मेजर जनरल मोहम्मद बघेरी- चीफ ऑफ स्टाफ, ईरान आर्म्ड फोर्सेज

इजरायल के खिलाफ हमला करने और उसका जवाब देने में राजनीतिक नेतृत्व के अलावा सैन्य लीडरशिप का अहम रोल है और ईरान में ये रोल इस्लामिक रिव्योलेशनरी गार्ड कॉर्प्स के चीफ मेजर जनरल मोहम्मद बघेरी के हाथों में हैं. बघेरी ईरान के सशस्त्र बलों की समग्र रणनीति और संचालन के समन्वय के लिए जिम्मेदार हैं.वह अलग-अलग क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं, जिसमें इजरायल और अन्य विरोधियों से खतरे शामिल हैं, के जवाबों की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने में शामिल रहे हैं. वे ईरान के सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के सदस्य भी हैं.

मेजर जनरल हुसैन सलामी-IRGC कमांडर-इन-चीफ 

मेजर जनरल हुसैन सलामी ईरान के एक प्रमुख सैन्य अधिकारी हैं और इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के कमांडर-इन-चीफ हैं. सेना के पॉवर कॉरिडोर में उन्होंने मेंटल वार फेयर का प्रैक्टिशनर कहा जाता है. सलामी को उनके अमेरिका, इजरायल और सऊदी अरब के खिलाफ आक्रामक भाषणों के लिए जाना जाता है.

ये तो ईरानी मिलिट्री के नामी-गिरामी चेहरे हैं. इनके अलावा कई जूनियर कमांडर, ब्रिगेडियर और दूसरे सैन्य अधिकारी ईरानी की सेना में नीतियां बनाने और उसके कार्यान्वयन में लगे हैं. 

अब अगर बात करें इजरायली सेना की तो यहां जंग की कमान फिलहाल प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के हाथ में हैं. 

बेंजामिन नेतन्याहू- प्रधानंमत्री, इजरायल

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सैन्य शक्तियां और अनुभव काफी व्यापक हैं. वे अपने कमांडरों की मदद से जंग से जुड़े सारे फैसले ले रहे हैं. नेतन्याहू ने 1967 में 6 दिन के युद्ध के तुरंत बाद इजरायल रक्षा बल में शामिल हुए थे. उन्होंने सायरेट मट्कल, एक विशेष बल इकाई में सेवा की और कप्तान के पद तक पहुंचे. इसके अलावा नेतन्याहू वॉर ऑफ एट्रिशन और योम किप्पुर युद्ध में भाग लिया. मंगलवार को ईरानी हमले के बाद उन्होंने ईरान को साफ चेतावनी देते हुए कहा कि ईरान इसकी कीमत चुकाएगा. नेतन्याहू ने कहा कि ईरान का हमला इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली की बदौलत विफल हो गया जो दुनिया में सबसे उन्नत है. 

योआव गैलेंट- रक्षा मंत्री, इजरायल

योआव गैलेंट इजरायली राजनीतिज्ञ और सेवानिवृत्त सैन्य जनरल हैं. फिलहाल वे इजरायल के रक्षा मंत्री हैं. मौजूदा परिस्थिति में उनकी अहम भूमिका है. गैलेंट ने इजरायल रक्षा बलों में अपनी सेवा के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया,जिनमें सैन्य सचिव और सेना के उप प्रमुख शामिल हैं. रक्षा मंत्री के रूप में गैलेंत ने देश की सुरक्षा और रक्षा नीतियों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया है. उन्होंने इज़रायल की सेना को दुनिया की मॉर्डन आर्मी बनाने और उसकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं. 

हर्जी हलेवी, चीफ ऑफ जनरल स्टाफ, इजरायल आर्मी

हर्जी हलेवी लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर हैं. वे आईडीएफ में सर्वोच्च रैंक वाले अधिकारी हैं और सीधे रक्षा मंत्री को और अप्रत्यक्ष रूप से प्रधानमंत्री और कैबिनेट को रिपोर्ट करते हैं. हर्जी इजरायल डिफेंस फोर्सेज के सभी कमांड को कंट्रोल करते हैं. मंगलवार को ईरानी हमले के बाद उन्होंने कहा कि हमने दुश्मन को कामयाबी हासिल करने से रोक लिया. ऐसा नागरिकों के अनुशासित व्यवहार और एक बेहद मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम की वजह से हो सका. हर्जी हलेवी ने कहा कि अब हम ये तय करेंगे कि इजरायल पर कब और कैसे और कहां हमला करना है. 

डेविड बॉर्निया- डायरेक्टर, मोसाद

इजरायल के जवाब देने की बात हो और मोसाद की चर्चा नहीं हो ऐसा हो ही नहीं सकता. इजरायल की जासूसी एजेंसी मोसाद कवर्ट ऑपरेशन की दुनिया में वो नाम है जो दुश्मन के दिल में सिहरन पैदा कर देता है और इसी संस्था को हेड करते हैं डेविड बॉर्निया. वे जून 2021 से इस पद पर हैं. बार्निया की नियुक्ति पूर्वी प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट द्वारा की गई थी. बार्निया ने मोसाद के डायरेक्टर के रूप में अपनी प्राथमिकताओं के रूप में ईरान के परमाणु कार्यक्रम का अवलोकन टॉप पर रखा है. इसके अलावा वे टेररिज्म और सायबर सिक्योरिटी पर भी पैनी नजर रखते हैं. हाल के युद्ध में मोसाद का रोल काफी बढ़ा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हिज्बुल्लाह चीफ नरसल्लाह के खात्में एक जासूस ने ही इजरायल की मदद की थी.

डैनियल हगारी- प्रवक्ता, इजरायल डिफेंस फोर्सज

डैनियल हगारी इजरायली डिफेंस फोर्सेज़ में रियर एडमिरल हैं और वर्तमान में आईडीएफ स्पोक्सपर्सन यूनिट के प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं. आजकल आप उन्हें अक्सर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इजरायली सेना की गतिविधियों की जानकारी देते हुए देखते हैं. वे हमास, हिज्बुल्लाह और हूती के खिलाफ युद्ध में इजरायल का चेहरा बन गए हैं. हगारी 1995 में इजरायल डिफेंस फोर्सेज़ में शामिल हुए थे, जहां उन्होंने नेवल स्पेशल ऑपरेशंस यूनिट विशेषज्ञता हासिल की थी. हगारी तेल अवीव के रहने वाले हैं उन्होंने तेल अवीव यूनिवर्सिटी से दार्शनिक और डिप्लोमेसी में स्नातक और स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है.

लेख का स्त्रोत –  TIMES OF INDIA, THE WIRE, THE MIRROR