भिलाई/रायपुर: छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल के पुत्र बिट्टू की गिरफ्तारी को लेकर राज्य की बीजेपी सरकार पशोपेस में बताई जाती है। बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री के राजनैतिक प्रभाव और बीजेपी सरकार की अफसरशाही में घुसपैठ के कारण पर्याप्त सबूत होने के बावजूद पुलिस के हाथ बांध दिए गए है। लंबी पूछताछ और अपराध में संलिप्ता के बावजूद बिट्टू की गिरफ्तारी टाल दी गई है। एक प्रोफ़ेसर की हत्या की सुपारी से जुड़े तार पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र से जुड़े पाए गए है। हालांकि कातिलाना हमले के बाद इस प्रोफ़ेसर की जान बच गई थी। उसे मरा समझकर, हमलावर मौके से नौ-दो-ग्यारह हो गए थे।
बताया जाता है कि दो आरोपियों की धर पकड़ के बाद पुलिस को कई ऐसे सबूत हाथ लगे है, जिससे पता चलता है कि आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री के परिवार के संपर्क में थे। भिलाई के स्थानीय थाने में आरोपियों से जुड़ी विवेचना में कई ऐसे डिजिटल सबूतों को लेकर चर्चा आम है कि हाईप्रोफ़ाइल मामले को रफा-दफा करने के लिए पुलिस पर काफी दबाव है। सूत्र दावा कर रहे है कि पूर्व मुख्यमंत्री और उनके परिवार को नई मुश्किलों से बचाने के लिए नौकरशाही का एक प्रभावशील वर्ग जोर-शोर से जुटा हुआ है। ऐन वक़्त पर उसने बिट्टू की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। इसके लिए हरी झंडी का इंतज़ार करने का फरमान भी सुना दिया गया है। यही नहीं, पीड़ित के साथ समझौता कराये जाने की चर्चा भी जोरो पर है।
बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री का परिवार एक हाईप्रोफ़ाइल मामले में लिप्त पाया गया है। मामला ऑनर किलिंग और एक प्रोफ़ेसर पर जानलेवा हमले से जुड़ा बताया जाता है। गुरुवार को गहमागहमी के बीच भिलाई के एक स्थानीय थाने में पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र-पुत्री से पुलिस ने घंटों पूछताछ करने के बाद एक मोबाइल फ़ोन जब्त किया है। जानकारी के मुताबिक चैतन्य बघेल उर्फ़ बिट्टू पिता भूपेश बघेल से लगभग 4 घंटे तक और उनकी पुत्री से ढाई घंटे तक लंबी पूछताछ की गई है। पुलिस ने विवेचना के लिए दोनों को तलब किया था। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र-पुत्री से क्या सवाल किये गए ? इसकी जानकारी आधिकारिक रूप से अभी सामने नहीं आई है। पुलिस सूत्र तस्दीक करते है कि मामले की विवेचना जारी है, जैसे जांच के तथ्य सामने आएंगे, चैतन्य बघेल से दोबारा पूछताछ की जा सकती है। एक स्थानीय प्रोफ़ेसर पर कातिलाना हमले को लेकर पूछताछ की है।
बताया जाता है कि बिट्टू ने दो हमलावरों की पहचान करते हुए, उन्हें पार्टी का कार्यकर्ता बताया है। जबकि पुत्री से भी आरोपियों की शिनाख्ती और पीड़ित से संपर्कों को लेकर पूछताछ की गई है। पूर्व मुख्यमंत्री की पुत्री को आखिर क्यों तलब किया गया ? ढाई घंटे तक उससे क्या पूछताछ की गई ? इसे लेकर भी पुलिस ने अभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। पीड़ित प्रोफ़ेसर पर हमला करने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने रीवा से गिरफ्तार किया था। इस मामले में अभी दो से अधिक आरोपी फरार बताये जाते है। यह भी बताया जा रहा है कि इन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद प्रोफ़ेसर पर हमले की असलियत सामने आएगी।
बता दे कि विगत माह 19 जुलाई को भिलाई के खूबचंद बघेल कॉलेज के एक प्राध्यापक पर हमलावरों ने उस समय ताबरतोड़ वार किये, जब वे कार से उतर कर एक चाय-पान के ठेले में कुछ खरीदी कर रहे थे। प्रोफ़ेसर को मरा समझकर हमलावर मौके से नौ दो ग्यारह हो गए थे। मौके पर मौजूद लोगों ने पीड़ित को अस्पताल पहुंचाया और पुलिस को सूचित भी किया था। पीड़ित का नाम विनोद शर्मा बताया जाता है। यह भी बताया जाता है कि दिल्ली के मेदांता अस्पताल में लंबे इलाज के बाद उनकी जान बच गई थी।
इस मामले में बिट्टू की गिरफ्तारी के आसार काफी पहले से जताये जा रहे थे। इस मामले को लेकर पुलिस की सक्रियता से पूर्व मुख्यमंत्री का रुख जांच के खिलाफ देखा गया था। राजनीति के जानकारों के मुताबिक मामले की विवेचना रोकने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने दुर्ग के एसपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। फ़िलहाल छत्तीसगढ़ पुलिस दबाव में बताई जा रही है। इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की ओर से कोई प्रतिक्रिया अभी सामने नहीं आई है। इस बीच बीजेपी सरकार ने साफ़ कर दिया है कि आरोपी कितने भी प्रभावशील हो, कानून अपना कार्य करेगा।