पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की सौम्या को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत, EOW में दर्ज मामला बना गले की फ़ांस, अभी जेल से बाहर नहीं आएंगी भ्रष्टाचार की महारानी, दो अलग-अलग मामलों की विवेचना जारी…… 

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दिल्ली/रायपुर: सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ की PCS स्तर की अधिकारी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल की तत्कालीन उपसचिव सौम्या चौरसिया को शर्तों के साथ जमानत दी है। हालांकि EOW में दर्ज मामले के चलते सौम्या जेल से अभी बाहर नहीं आ पाएगी। हालांकि यह मामला भी अदालत में कितने दिनों तक टिकेगा, कहा नहीं जा सकता ? चर्चा है कि सौम्या के खिलाफ दर्ज मामलों को लेकर नौकरशाही में प्रभावशील के एक खास वर्ग का नजरिया पूर्व मुख्यमंत्री और उनके कुनबे के प्रति काफी लचीला है। आरोपी सौम्या को प्राप्त  जमानत के पीछे अभियोजन पक्ष की कई कमजोरियां गिनाई जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस राज में हुए घोटालों को लेकर नौकरशाही के बेलगाम रवैये से राज्य की मौजूदा बीजेपी सरकार को भी दो-चार होना पड़ रहा है। उसके रवैये से कई महत्वपूर्ण घोटालों और उसकी विवेचना के मामलों को विवादित रूप देने से मोदी गारंटी भी दांव पर बताई जा रही है। यह भी बताया जा रहा है कि सुपर सीएम की दौड़ में शामिल कुछ अफसरों ने बीजेपी सरकार को मुश्किल में डालना शुरू कर दिया है।

उनकी कार्य प्रणाली से कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार को अंजाम देने वाले नेताओं और अधिकारियों के हौसले बुलंद है। क़ानूनी दांवपेचों का सहारा लेकर वे एक के बाद एक जेल से बाहर निकल रहे है। उन्हें सबक सिखाने के मामले में एजेंसियां फेल हो रही है। राजनीति के जानकारों के मुताबिक सौम्या चौरसिया की जमानत से जहाँ भूपे खेमे के हौंसले बुलंद है, वही पूर्व मुख्यमंत्री के पलटवार से उनकी गिरफ्तारी का मामला लगातार टलते जा रहा है। बताते है कि बघेल की गिरफ्तारी को लेकर सरकार का रवैया एक कदम आगे और दो कदम पीछे की ओर खिसकता जा रहा है। ऐसे में आरोपियों के हौसले बुलंद होना स्वाभाविक बताया जा रहा है। उधर घोटालेबाजों को क़ानूनी-दांवपेचों का सहारा मिलने से राज्य की बीजेपी सरकार की कार्यप्रणाली भी चर्चा में है। बताते है कि सालभर भी नहीं हुआ कि मोदी गारंटी पर सवालियां निशान लग रहे है। कई कुख्यात आरोपियों की धर पकड़ तो दूर ED के आरोपियों की लगातार रिहाई हो रही है। बताते है कि उन पर कसा क़ानूनी शिकंजा अब जवाब देने लगा है। 

पीएम मोदी ने विधानसभा चुनाव के दौरान घोटालेबाजों की सुध लेते हुए कहा था कि जल्द ही उन्हें उनके असल ठिकाने भेजा जायेगा। लेकिन नौकरशाही के दोगले रवैये के चलते तमाम आरोपी जमानत पर रिहा हो रहे है। सौम्या को 02 दिसंबर 2022 को ED ने गिरफ्तार किया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद भी लंबे अरसे तक सौम्या चौरसिया को तत्कालीन भूपे सरकार ने निलंबित नहीं किया था। बता दें कि छत्तीसगढ़ में सौम्या चौरसिया सुपर सीएम के नाम से जानी-पहचानी जाती थी। पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने उसे अपनी संवैधानिक शक्ति भी सौंप दी थी। कोयला घोटाले और मनी लांड्रिंग जैसे मामले को लेकर सौम्या को तत्कालीन मुख्यमंत्री का भरपूर समर्थन भी प्राप्त होता था। लेकिन बीजेपी शासन में भी सौम्या चौरसिया को प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष मिल रहा क़ानूनी संरक्षण राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। ईडी ने सौम्या चौरसिया को 2 दिसंबर 2022 में गिरफ्तार किया था। पूछताछ के बाद से सौम्या चौरसिया सेंट्रल जेल रायपुर में कैद है।

बताया जाता है कि Supreme Court से प्राप्त जमानत के तथ्यों पर ईडी और अन्य जांच एजेंसियां गौर फरमा रही है। बताते है कि सौम्या एवं अन्य के खिलाफ दो नए प्रकरण पंजीबद्ध होना बाकि है, इन मामलों की शिकायत पर विवेचना जारी बताई जा रही है। प्रणाली से कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार को अंजाम देने वाले नेताओं और अधिकारियों के हौसले बुलंद है। क़ानूनी दांवपेचों का सहारा लेकर वे एक के बाद एक जेल से बाहर निकल रहे है। उन्हें सबक सिखाने के मामले में एजेंसियां फेल हो रही है। 

राजनीति के जानकारों के मुताबिक सौम्या चौरसिया की जमानत से जहाँ भूपे खेमे के हौंसले बुलंद है, वही पूर्व मुख्यमंत्री के पलटवार से उनकी गिरफ्तारी का मामला लगातार टलते जा रहा है। बताते है कि बघेल की गिरफ्तारी को लेकर सरकार का रवैया एक कदम आगे और दो कदम पीछे की ओर खिसकता जा रहा है। ऐसे में आरोपियों के हौसले बुलंद होना स्वाभाविक बताया जा रहा है। उधर घोटालेबाजों को क़ानूनी-दांवपेचों का सहारा मिलने से राज्य की बीजेपी सरकार की कार्यप्रणाली भी चर्चा में है।

बताते है कि सालभर भी नहीं हुआ कि मोदी गारंटी पर सवालियां निशान लग रहे है। कई कुख्यात आरोपियों की धर पकड़ तो दूर ED के आरोपियों की लगातार रिहाई हो रही है। बताते है कि उन पर कसा क़ानूनी शिकंजा अब जवाब देने लगा है। पीएम मोदी ने विधानसभा चुनाव के दौरान घोटालेबाजों की सुध लेते हुए कहा था कि जल्द ही उन्हें उनके असल ठिकाने भेजा जायेगा। लेकिन नौकरशाही के दोगले रवैये के चलते तमाम आरोपी जमानत पर रिहा हो रहे है। सौम्या को 02 दिसंबर 2022 को ED ने गिरफ्तार किया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद भी लंबे अरसे तक सौम्या चौरसिया को तत्कालीन भूपे सरकार ने निलंबित नहीं किया था। बता दें कि छत्तीसगढ़ में सौम्या चौरसिया सुपर सीएम के नाम से जानी-पहचानी जाती थी। पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने उसे अपनी संवैधानिक शक्ति भी सौंप दी थी। 

कोयला घोटाले और मनी लांड्रिंग जैसे मामले को लेकर सौम्या को तत्कालीन मुख्यमंत्री का भरपूर समर्थन भी प्राप्त होता था। लेकिन बीजेपी शासन में भी सौम्या चौरसिया को प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष मिल रहा क़ानूनी संरक्षण राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। ईडी ने सौम्या चौरसिया को 2 दिसंबर 2022 में गिरफ्तार किया था। पूछताछ के बाद से सौम्या चौरसिया सेंट्रल जेल रायपुर में कैद है। बताया जाता है कि Supreme Court से प्राप्त जमानत के तथ्यों पर ईडी और अन्य जांच एजेंसियां गौर फरमा रही है। बताते है कि सौम्या एवं अन्य के खिलाफ दो नए प्रकरण पंजीबद्ध होना बाकि है, इन मामलों की शिकायत पर विवेचना जारी बताई जा रही है।