Tuesday, September 24, 2024
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बर्खास्त IAS पूजा खेडकर जैसा मामला? गाड़ी चलाते हुए दिखे HCS टॉपर अश्वनी गुप्ता, दृष्टि बाधित कोटे से किया था टॉप, चयन पर उठे सवाल

चंडीगढ़. सिविल सेवा से बर्खास्त महिला आईएएस पूजा खेडकर के मामले से आप सब वाकिफ होंगे. हरियाणा में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां पर एक अधिकारी के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है और ऐसे में हरियाणा सिविल सर्विसेज में कोटे से टॉप करने वाले एचसीएस अश्वनी गुप्ता के चयन पर सवाल उठ रहे हैं.

दरअसल, दृष्टि बाधित कोटे से टॉप कर चयनित होने वाले अश्वनी गुप्ता का कार चलाते हुए एक वीडियो सामने आया है. साथ ही उनका ड्राइविंग लाइंसेस भी कोर्ट को सौंपा गया है. इसमें उनकी कोटे के तहत नियुक्ति पर सवाल उठाए गए हैं. जानकारी के अनुसार, अश्वनी गुप्ता मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं. उनका ड्राइविंग लाइसेंस भी हिमाचल प्रदेश से जारी हुआ है. उधर, हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को भरोसा दिया है कि मामले की जांच की जाएगी और फिर नियुक्ति दी जाएगी.

18 जून 2024 को हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) की तरफ से चयनित 112 अभ्यर्थियों को नियुक्ति-पत्र देने की सिफारिश की गई थी. लेकिन इस मामले में अब हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई और दृष्टिबाधित कोटे से एचसीएस टॉपर अश्वनी गुप्ता के चयन पर सवाल उठाए. इससे पहले, जुलाई में भी सर्विस कमीश्न को शिकायत दी गई थी.

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने बताया कि अश्वनी गुप्ता ने एचसीएस चयन प्रक्रिया के लिए गलत जानकारी उपलब्ध कराई थी. युवती ने याचिका में कहा कि अश्वनी का चयन दृष्टिबाधित कोटे से हुआ है, जबकि उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस है और वह वाहन भी चलाते हैं.

अश्वनी गुप्ता मूलरूप से हिमाचल के सोलन जिले के परवाणु शहर के रहने वाले हैं. उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी है. अहम बात है कि उनके गाड़ी चलाने का वीडियो भी है. अब जांच के लिए मांग की जा रही है कि हिमाचल के स्थाई निवासी ने क्या बतौर हरियाणा के स्थाई निवासी के तौर पर आवेदन किया था. याचिका में अश्वनी के ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी भी हाईकोर्ट में पेश की. साथ ही अगर वह दृष्टिबाधित हैं तो उनका लाइंसेंस कैसे बना और बड़ी बात कि वह कार कैसे चला रहे हैं, जबकि वह तो देख नहीं सकते हैं. उधर, हाईकोर्ट ने मामले को गंभीर बताते हुए हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है.

गौरतलब है कि नेत्रहीन किसी भी व्यक्ति का ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन सकता है. चाहे फिर वह 100 प्रतिशत देख नहीं सकता या फिर देखने में उसे एक प्रतिशत भी दिक्कत हो. ऐसे में इस पूरे मामले में अब सवाल उठ रहे हैं. अश्वनी गुप्ता का लाइसेंस साल 2019 में जारी हुआ है. वहीं, राशन कार्ड में भी वह परवाणू के स्थानी निवासी हैं. मौजूदा समय में वह पंजाब नेशनल बैंक में नौकरी कर रहे हैं.

Bureau Report
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