कोलकाता: RG Kar Case: पश्चिम बंगाल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले को एक महीना से अधिक समय बीत चुका है। देशभर में अभी भी नाराजगी है। राज्य सरकार और बंगाल पुलिस की लगातार किरकिरी हो रही है। इस मामले में सबकी निगाहें अब केंद्रीय जांच ब्यूरो पर टिकी हुई हैं। ऐसे में सीबीआई ने जांच तेज कर दी है। उसने बुधवार को दावा किया कि आरोपी संजय रॉय के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने में देरी की। पुलिस ने उसके कपड़े जब्त करने में दो दिन की देरी की। जबकि रॉय की अपराध में भूमिका होने के बारे में घटना के एक दिन बाद यानी 10 अगस्त को ही पता चल गया था।
गौरतलब है, आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार कक्ष में नौ अगस्त को प्रशिक्षु डॉक्टर का शव मिला था। घटना के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन हो रहे हैं। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इस सिलसिले में कोलकाता पुलिस के नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया था। फुटेज में रॉय तड़के सुबह चार बजकर तीन मिनट पर सेमिनार कक्ष की ओर जाता दिखा था। तनाव बढ़ता देख कलकत्ता हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को जांच सीबीआई को सौंप दी थी। अधिकारियों ने कहा कि अपराध करने में आरोपी संजय रॉय की भूमिका पहले ही सामने आ चुकी थी, लेकिन ताला पुलिस ने उसके कपड़े और अन्य सामान जब्त करने में दो दिन की अनावश्यक देरी की। अगर समय रहते कपड़े जब्त कर लिए जाते तो उसके खिलाफ मजबूत सबूत मिल सकते थे।
कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बाद 14 अगस्त को इस मामले को अपने हाथ में लेने वाली केंद्रीय जांच एजेंसी ने पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष और ताला पुलिस थाने के प्रभारी अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने आरोप लगाया कि दोनों लोग अपना बयान बार-बार बदल रहे हैं। अधिकारी ने दोनों पर दुर्भावनापूर्ण इरादे का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि टीम ने सबूतों और इस मामले से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश के तहत जांच शुरू की है। उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआई अब रॉय, घोष और मंडल के बीच किसी आपराधिक साजिश की जांच कर रही है।
एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई सभी फोन कॉल के विवरण को सत्यापित करेगी ताकि मुख्य आरोपी और सह-आरोपियों के बीच आपराधिक साजिश रचे जाने की संभावना का पता लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि एजेंसी दोनों से ताला पुलिस थाने, अपराध स्थल, मेडिकल कॉलेज के सीसीटीवी फुटेज के साथ पूछताछ करेगी। साथ ही उनके फोन से निकाले गए मोबाइल डेटा की भी जांच की जाएगी ताकि अगर कोई साजिश/सांठगांठ है तो उसका और मामले को दबाने की कोशिश का पता लगाया जा सके।
अधिकारियों ने बताया कि मंडल और घोष ने कथित तौर पर अंतिम संस्कार में जल्दबाजी की थी, जबकि परिवार के सदस्य शव का दूसरी बार परीक्षण करने की मांग कर रहे थे। सीबीआई ने आरोप लगाया कि घोष कार्यवाही की बारीकी से निगरानी करने और इसे संरक्षित करने तथा जल्द से जल्द प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के बजाय अपराध स्थल से जानबूझकर अनुपस्थि रहे।