बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में एक ही परिवार के 4 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई है। घटना को टोनही के शक में अंजाम दिया गया है। मृतकों में दो बहनें, भाई और एक साल का एक बच्चा शामिल हैं। सभी के शव एक मकान में मिले हैं। यह भी बताया जा रहा है कि घटना बुधवार रात अंजाम दी गई थी। पुलिस ने 3 आरोपियों को हिरासत में लिया है, पकड़े गए आरोपी पिता-पुत्र हैं। वारदात के बाद कसडोल थाना क्षेत्र में सनसनी है। दरअसल, सालों पहले प्रदेश के कई इलाकों में टोनही नामक अंधविश्वास ने अपनी जड़े जमाई हुई थी। राज्य सरकार इस पर लगाम कसने के लिए टोनही निवारण अधिनियम बनाया था।
इसके तहत इस अंधविश्वास को दंडनीय अपराध में तब्दील कर 5 वर्ष से अधिक की सजा का भी प्रावधान किया था। इसके अच्छे परिणाम सामने आये थे। इस परंपरा और इससे जुड़ी किवदंती पर रोक भी लगी थी। लेकिन लंबे अरसे बाद एक बार फिर टोनही अंधविश्वास के फैलने की आशंका जाहिर की जा रही है। स्थानीय पुलिस लोगों को समझाने-बुझाने में भी जुटी है, ताकि ग्रामीण आबादी कों विज्ञान और आधुनिक विचारों से अवगत कराया जा सके। हत्या से इलाके में तनाव को देखते हुए पुलिस फोर्स तैनात किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, छरछेद गांव के एक घर में 4 लोगों की खून से लथपथ लाश मिलने से इलाके में गहमागहमी है। मरने वालों की पहचान चेतराम (40), जमुना बाई केवट, यशोदा बाई केवट और एक साल के बच्चे के रूप में हुई है। पकड़े गए आरोपियों में रामनाथ पाटले पुत्र सुखी पाटले, दीपक पाटले पुत्र रामनाथ पाटले और दिल पाटले पुत्र रामनाथ पाटले शामिल हैं। बलौदाबाजार के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने बताया कि, पकड़े गए 3 आरोपी पड़ोस के हैं, तीनों एक ही परिवार के हैं। पुलिस ने आरोपियों के साथ ही स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की है। आशंका जताई जा रही है कि, आरोपियों ने टोनही के शक में पूरे परिवार का खात्मा कर दिया।
छत्तीसगढ़ में झाड़ फुंक, तंत्र-मंत्र एवं जादू टोना करने वाले महिलाओं को टोनही के नाम से जाना-पहचाना जाता है, टोनही या काला जादू करने वाली महिला के साथ प्रताड़ना के कई मामले पूर्व में सामने आ चुके है। हालांकि विज्ञान के तकाजे पर ऐसी मान्यताएं घोर अंधविश्वास के दायरे में है। बावजूद इसके यहां के कई लोगों का मानना है कि टोनही जादू टोना करके व्यक्तियों का अशुभ या नुकसान करती हैं।
गांव-कस्बों में ऐसे क्रियाकलापों से जुड़े लोग समाज से उपेक्षित एवं हेय दृष्टि से देखे जाते है। कई मौकों पर गंभीर आरोप लगा कर पीड़ित की हत्या कर दी जाती है। इसे लेकर ग्रामीणों की अंधविश्वासी मान्यताएँ भी ऐसे अपराधों को बढ़ावा देते है। फिलहाल हत्या का कारण आधिकारिक रूप से सामने नहीं आया है। पुलिस घटना की विवेचना में जुटी है।