नई दिल्ली: भारत में मंकीपॉक्स के एक संदिग्ध मरीज के मिलने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एक्शन में आ गया है. मंत्रालय ने आज इस बाबत सभी राज्यों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है. इसके तहत संदिग्धों की जांच करने, उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाने को कहा गया है.
दरअसल, रविवार (8 सितंबर) को भारत में मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मरीज मिला था. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लेकर बताया था कि विदेश से भारत लौटे एक व्यक्ति में एमपॉक्स के लक्षण मिले हैं. फिलहाल उसे अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है. अफसरों का कहना है कि उसकी हालत ठीक है, सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा है. प्रोटोकॉल के तहत व्यक्ति के संपर्क में आए सभी लोगों की ट्रेसिंग कराई जा रही है.
मंकीपॉक्स एक संक्रामक बीमारी है, जो आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति या जानवर के सीधे संपर्क में आने से फैलती है. इस बीमारी को एमपॉक्स नाम से भी जाना जाता है. यह वायरस आमतौर पर जानवरों और मनुष्यों को प्रभावित कर सकता है. मंकीपॉक्स के लक्षण 3 से 17 दिन के बाद शुरू हो सकते हैं, जब मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई देते हैं तो इसे इनक्यूबेशन पीरियड कहा जाता है. तो चलिए हम आपको बताते हैं कि मंकीपॉक्स के लक्षण क्या है और कैसे आप इससे बचाव कर सकते हैं.
फिलहाल एमपॉक्स का सबसे ज्यादा प्रकोप कांगो में देखने को मिल रहा है. अफ्रीका में यह बीमारी भयावह रूप ले रहा है. लोगों को इंफेक्शन से बचाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. लोगों को जागरूक किया जा रहा है. कांगो में साल 2023 में अब तक 27 हजार केस सामने आ चुके हैं. वहीं 1100 मरीजों की मौत हो गई थी. एमपॉक्स के गिरफ्त में आने वाले ज्यादातर बच्चे है. एमपॉक्स से सबसे ज्यादा प्रभावित प्रेग्नेंट महिला और कमजोर इम्युनिटी वाले लोग. खासकर जिन लोगों को यौन संबंधित बीमारी है उन्हें भी यह बीमारी जल्दी होती है. कांगों में एमपॉक्स के दो स्ट्रेन तेजी से फैल रहे हैं.