सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर खड़े किए सवाल, कहा- दोषी होने पर भी नहीं गिराया जा सकता घर

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सुप्रीम कोर्ट ने कुछ राज्यों में आरोपियों के घरों पर बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल खड़े किए। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा सिर्फ इसलिए घर कैसे गिराया जा सकता है क्योंकि वह आरोपी है? अगर वह दोषी भी है तो भी घर नहीं गिराया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई मामले पर सुनवाई के दौरान यह बात कही। सुप्रीम कोर्ट 17 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई करेगा।

केंद्र और कुछ भाजपा शासित राज्यों ओर से एसजी तुषार मेहता ने कहा कि हमारे द्वारा दायर पहले के हलफनामे में यह मुद्दा शामिल है। तुषार मेहता ने कहा कि ऐसा केवल नगर निगम के कानून के अनुसार ही किया जा सकता है। तुषार मेहता ने कहा कि अदालत के सामने गलत ढंग से याचिकाकर्ता मामले को रख रहे हैं। नियमों का पालन नहीं करने कार्रवाई की गई है। वहीं, पीड़ितों के लिए वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि एक बयान दिया जाए कि पूरे देश में संपत्ति पर इस तरह का बुलडोज़र नहीं चलेगा। इस पर एसजी ने कहा कि हम पूरी तरह से नगरपालिका क्षेत्र के हिसाब से चलते हैं।

जस्टिस गवई ने कहा- ठीक है, फिर हम दर्ज करेंगे कि ऐसा नहीं हो सकता। किसी का घर या अन्य संपत्ति सिर्फ इसलिए कैसे ध्वस्त की जा सकती है क्योंकि वह एक आरोपी का है, या यहां तक कि वह एक दोषी है? यदि निर्माण अनधिकृत है तो ठीक है.. कुछ सुव्यवस्थित करना होगा। हम एक प्रक्रिया बनाएंगे। आप केवल नगरपालिका कानूनों का उल्लंघन होने पर ही तोड़फोड़ की बात कह रहे हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि आप इसका कुछ ज्यादा ही उल्लंघन कर रहे हैं। कुछ दिशानिर्देशों की आवश्यकता है।

जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी पक्षों को सुनने के बाद हम इस मामले में दिशा निर्देश जारी करेंगे, जो पूरे देश भर में लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट 17 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई करेगा।