छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री भूपे और उनकी उपसचिव को लेकर बीजेपी का बड़ा तंज, कार्टून जारी कर मौम्या और नूरा के दिल का दर्द झलकाया, कहा- यूं ही कोई बेवफा नहीं होता, बघेल मौन…..

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री की प्रेम कहानी सुर्ख़ियों में है। इसे लेकर बीजेपी ने कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री पर सीधा तंज कसा है, हालांकि पार्टी ने साफतौर पर पूर्व मुख्यमंत्री का नाम नहीं लिया। लेकिन कार्टून जारी कर ईशारों ही ईशारों में निलंबित उपसचिव मौम्या और उसके पालनहार ‘नूरा’ के दिल का दर्द, जाहिर कर राजनैतिक चुटकी ली है। कार्टून में नूरा की तस्वीर पूर्व मुख्यमंत्री से मेल खाती नजर आती है, हालांकि जेल की सीखचों के करीब लिखा ‘नूरा’ शब्द एक महिला अधिकारी से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

सूत्र तस्दीक करते है कि भूपे-मौम्या और उनके ‘हम दो हमारे दो’ का गैर क़ानूनी उदहारण पेश करने के बाद कई ऐसे लोगो ने, जिनके घरों में बहु-बेटियां है, पूर्व मुख्यमंत्री से किनारा कर लिया है। छत्तीसगढ़ भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यालय में पदस्थ मौम्या समेत कोल खनन परिवहन घोटाले में लिप्त अफसरों और उनकी कार्यप्रणाली को लेकर सनसनीखेज तंज कसा है। पार्टी ने रायपुर जेल में बंद दागी अफसरों के कार्टून जारी कर कांग्रेसी नेताओं को आड़े हाथों लिया है।

सोशल मीडिया में भूपे एंड कंपनी और उनके क्रिया कलाप खूब सुर्खियां बटोर रहे है। नए नाम से सोशल मीडिया में राजनीति के मजनूओं की पोस्ट खूब वायरल हो रही है। कार्टून कैरेक्टर्स को नूरा और मौम्या नाम दिया गया है, इसके साथ कैप्शन लिखा गया है कि ‘कुछ तो मजबूरियां रही होंगी यूं.. भाजपा की ऑफिसियल साइट से पोस्ट कार्टून में विभिन्न घोटालों में जेल की हवा खा रहे अफसर अपने आकाओं को यह कहते दिख रहे हैं कि हम भी तुम्हारे लोग ही हैं, हमारे लिए भी प्रदर्शन कर लो कांग्रेसियों।

दरअसल छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। उनके खिलाफ महादेव ऐप घोटाले में मुख्य अभियुक्त की तर्ज पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है। मामले की जांच EOW को सौंपी गई है। इस बीच यह मामला सीबीआई को सौंपे जाने की सरगर्मियां तेज है। राजनीति के जानकार तस्दीक करते है कि गिरफ्तारी के भय से पूर्व मुख्यमंत्री भूपे की नींद हराम है। लिहाजा वो ED समेत दूसरी केंद्रीय एजेंसियों पर दबाव बनाने के लिए फिजूल के मुद्दों को लेकर सड़कों पर उतर रहे है, ताकि खुद को कांग्रेस का दमखम वाला नेता साबित किया जा सके।

पूर्व मुख्यमंत्री की राजनैतिक रणनीति पर नजर रखने वाले जानकार यह भी तस्दीक करते है कि बघेल जानबूझ कर ED दफ्तर के समक्ष प्रदर्शन कर उनके खिलाफ जारी जांच को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे है। वे कभी विधायक देवेंद्र यादव की रिहाई की मांग को लेकर अपनी राजनैतिक रोटी सेंक रहे है तो कभी हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बहाने अपना शक्ति प्रदर्शन करने में जुटे है। उनके मुताबिक आम कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने भूपे के निजी राजनैतिक कार्यक्रमों से भी किनारा कर लिया है। इस बीच जेल में बंद अपने प्रिय साथियों की ओर से मुँह फेर लेने के चलते बीजेपी ने कार्टून पोस्ट कर पूर्व मुख्यमंत्री की हकीकत जनता के सामने ला खड़ा किया है।