Kolkata Rape-Murder: डॉक्टर से दरिंदगी मामले में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और अन्य 4 डॉक्टरों का पॉलीग्राफ टेस्ट करेगी CBI

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Kolkata Rape-Murder: कोलकाता के ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर केस में जांच एजेंसी सीबीआई आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और चार अन्य डॉक्टरों का पॉलीग्राफ टेस्ट करेगी। यह टेस्ट 8 अगस्त को अस्पताल में एक पीजी ट्रेनिंग कर रही डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या के मामले में किया जाएगा। वारदात की रात ये चारों डॉक्टर ड्यूटी पर थे और उन्होंने रात करीब 2 बजे पीड़िता के साथ खाना भी खाया था। इसके बाद ट्रेनी डॉक्टर सेमिनार हॉल में आराम करने चली गई थी। अगले दिन यहीं पर उसका शव खून से लथपथ मिला था।

सुप्रीम कोर्ट ने इम मामले में अहम सुनवाई के दौरान कोलकाता पुलिस की जांच और सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल उठाए थे। साथ ही रेप-मर्डर केस की जांच कर रही सीबीआई को निर्देश दिया था कि मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीष घोष और 4 अन्य जूनियर डॉक्टरों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया जाए। इसके बाद कोलकाता की विशेष अदालत ने गुरुवार को सीबीआई को पॉलीग्राफ टेस्ट की मंजूरी दी। इस तरह का टेस्ट सिर्फ कोर्ट की अनुमति और संदिग्ध की सहमति से ही किया जा सकता है। सीबीआई ने इस मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय का भी पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की मांग की है।

देश को दहला देने वाली यह वारदात 8 अगस्त की रात आरजी कर मेडिकल कॉलेज के तीसरी मंजिल पर स्थित चेस्ट विभाग के सेमिनार हॉल में हुई थी, जहां पीड़ित डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने बताया कि पीड़िता के शरीर पर कई चोटों के निशान मिले। इस जघन्य अपराध से देशभर में बड़े पैमाने पर आक्रोश देखने को मिला और मेडिकल कम्युनिटी के भीतर और बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।

देश के अधिकांश सरकारी अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने पिछले 11 दिनों से इस घटना के खिलाफ हड़ताल कर रखी थी, जिसके कारण सभी वैकल्पिक सेवाएं, जैसे ओपीडी, गैर-आपातकालीन सर्जरी और डायग्नोस्टिक्स, बंद कर दी गई थीं। गुरुवार को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने डॉक्टरों से हड़ताल समाप्त करने का अनुरोध किया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- “अगर डॉक्टर काम पर नहीं आएंगे तो सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा कैसे चलेगी? न्याय और चिकित्सा हड़ताल पर नहीं जा सकते।” अदालत ने सीबीआई को इस मामले की जांच की प्रगति पर रिपोर्ट सौंपने करने का आदेश दिया और कोलकाता पुलिस को 5 सितंबर तक तोड़फोड़ की घटना पर अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इसके अलावा बेंच ने सार्वजनिक अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कारगर कदम उठाने का भी आदेश दिया, जो कि इस घटना के बाद चिकित्सा समुदाय के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय बना हुआ है।