कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में लेडी डॉक्टर से रेप और महाराष्ट्र के बदलापुर में 2 मासूम बच्चियों से हैवानियत का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ और पूरे देश में आक्रोश है. इस बीच महाराष्ट्र के अकोला में भी बदलापुर जैसा मामला सामने आया है, जहां अश्लील वीडियो दिखाकर टीचर लड़कियों का यौन उत्पीड़न कर रहा था. 42 साल का टीचर पर 8वीं क्लास की 6 छात्राओं के साथ छेड़छाड़ का आरोप है. पुलिस ने आरोपी टीचर के खिलाफ पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है.
आरोप है कि प्रमोद सरदार नाम का टीचर अकोला शहर से 40 किलोमीटर दूर बालापुर तालुका के काजीखेड़ा गांव में जिला परिषद स्कूल परिसर में पिछले चार महीने से स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों को अश्लील वीडियो दिखा रहा था और यौन शोषण कर रहा था. जब घरवालों को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने पुलिस थाने में टीचर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी टीचर को गिरफ्तार कर लिया है.
लड़कियों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, प्रमोद सरदार उन्हें अपने मोबाइल पर अश्लील वीडियो दिखाता था और फिर उन्हें गलत तरीके से छूता था. यह मामला तब प्रकाश में आया जब चाइल्ड हेल्पलाइन को एक स्कूल टीचर के बारे में शिकायत मिली. हालांकि, शिकायतकर्ता की पहचान उजागर नहीं की गई, लेकिन सूत्रों का कहना है कि पीड़ित लड़कियों ने हिम्मत जुटाकर 1098 हेल्पलाइन पर फोन किया.
चाइल्ड हेल्पलाइन पर शिकायत के बाद, बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने मंगलवार को स्कूल का दौरा किया. अपने दौरे का उद्देश्य न बताने के लिए, सीडब्ल्यूसी सदस्यों ने स्कूल में एक घंटे का सत्र आयोजित किया और प्रिंसिपल से कहा कि वे कक्षा 8 की लड़कियों से व्यक्तिगत रूप से बात करना चाहते हैं. इस बातचीत के दौरान लड़कियों ने बताया कि पिछले चार महीनों से वे किस तरह के मानसिक आघात से गुजर रही हैं. सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने तुरंत पुलिस को बुलाया.
उरल पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर गोपाल ढोले ने कहा, ‘हमें सीडब्ल्यूसी के एक सदस्य का फोन आया और हमने पुलिस की एक टीम को स्कूल भेजा. इसके बाद नाबालिग लड़कियों के बयान दर्ज किए. शिक्षक प्रमोद सरदार उन्हें अश्लील तस्वीरें दिखाता था और उन्हें गलत तरीके से छूता था. हमने आरोपी को हिरासत में ले लिया है और उसके खिलाफ बीएनएस और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है.’
स्कूल के प्रिंसिपल रवींद्र समदुर ने कहा कि वे सदमे में हैं. उन्होंने कहा, ‘अगर मुझे इस बारे में पता होता तो मैं सबसे पहले कार्रवाई करता. जब सीडब्ल्यूसी की टीम हमारे स्कूल आई और लड़कियों से बात की, तब हमें इस अपराध के बारे में पता चला.’ सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने मीडिया से बात नहीं की. महिला आयोग की पूर्व सदस्य आशा मिर्जे ने कहा, ‘यह बहुत ही चौंकाने वाली घटना है और हम टीचर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं. साथ ही, स्कूल के अन्य सभी कर्मचारियों को भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए, क्योंकि स्कूल में यह सब चल रहा था तो वे कैसे अनजान हो सकते हैं.’