छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री की दिलेरी, मोटर-बाइक पर सवार होकर कुख्यात नक्सली कमांडर हिडमा के गांव पहुंचे विजय शर्मा, सरकार और नक्सलियों के बीच टकराव का रास्ता ख़त्म होने के आसार, देखे वीडियो……

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बस्तर/रायपुर: छत्तसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा का दुःसाहसी कदम सुर्ख़ियों में है। सरकार और नक्सलियों के बीच बातचीत की पेशकश का कोई परिणाम सामने नहीं आने के बाद गृहमंत्री ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने सुदूर आदिवासी अंचलों का रुख कर कई नक्सलियों के परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों से लंबी चर्चा की है। इसके लिए गृह मंत्री ने खुद उन इलाकों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है, जहाँ नक्सलियों की सामानांतर सरकार चलने का दावा किया जाता है। बताया जाता है कि मोटर-बाइक में सवार होकर गृहमंत्री ने दर्जनों संवेदनशील इलाकों का दौरा किया। यहाँ उन्होंने नक्सलियों के रुख और सरकार के कार्यों को लेकर विस्तृत चर्चा की।

गृहमंत्री को सामने देखकर ग्रामीण उस समय हैरत में पड़ गए, जब उन्होंने कुख्यात नक्सली कमांडर हिडमा के गांव में दस्तक दी।यहाँ उनकी मुलाकात आम ग्रामीणों के साथ-साथ उन परिवारों से भी हुई, जिनके किसी ना किसी सदस्य ने नक्सली दलम में शामिल होकर अपने हाथों में बंदूके थाम ली है। बताते है कि सरकार और नक्सलियों के बीच बातचीत अधर में देखकर गृहमंत्री ने शांति की राह खोजने के लिए सीधे ग्रामीणों के घरों में दस्तक दे दी है। माना जा रहा है कि सरकार का यह कदम कारगर साबित हो रहा है।

जगदलपुर में डिप्टी CM और गृहमंत्री विजय शर्मा ने अधिकारीयों के साथ बैठक कर अचानक जंगलों का रुख किया है। उनका मोटर-बाइक दौरा चर्चा में है। बस्तर में खूंखार नक्सली कमांडर हिड़मा के गांव ‘पूवर्ती’ पहुंचे शर्मा ने लोगों से बातचीत कर उन्हें नक्सलवाद से मुक्ति का भरोसा दिलाया है। पूवर्ती गांव में सड़कें, अस्पताल और स्कूलों की स्थिति का जायजा लेने के बाद गृहमंत्री ने लोगों की जान-माल की सुरक्षा का भरोसा दिलाया है। हाल ही में बस्तर के प्रभारी मंत्री की कमान संभालने के बाद उनका यह दौरा सुर्ख़ियों में आ गया है। बताया जाता है कि इस गांव में नक्सलियों की नियमित आवाजाही है, बावजूद इसके तमाम खतरों को दरकिनार कर गृहमंत्री ने सीधे ग्रामीणों से ही इस समस्या के निराकरण को लेकर खुली बातचीत की है।

गृहमंत्री ने नक्सलियों से भी दो टूक कहा है कि हथियार थामना इस समस्या का हल नहीं है, बल्कि बैठकर जन समस्याओं को सुलझाने में ही जनता का हित होगा। इसके पूर्व छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलियों से बातचीत की पेशकश की थी। लेकिन लंबा समय बीत जाने के बावजूद नक्सलियों की ओर से कोई भी संगठन वार्ता के लिए सामने नहीं आया था। गृहमंत्री का यह दौरा नक्सलवाद खात्मे की दिशा में बड़ा कदम बताया जा रहा है। यह भी बताया जाता है कि स्थानीय ग्रामीण उस समय हैरत में पड़ गए जब उन्हें पता पड़ा कि मोटर-बाइक पर सवार शख्स कोई पुलिस अधिकारी नहीं बल्कि प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा है।

बताया जाता है कि जंगल का रुख करने से पूर्व शर्मा दंतेवाड़ा पहुंचे थे, जहां उन्होंने आत्मसमर्पित महिला नक्सलियों से बातचीत की और उनकी समस्याओं से अवगत हुए। यहाँ पूर्व महिला नक्सलियों ने राखी बांध कर उनका अभिवादन किया। डिप्टी सीएम ने ग्रामीणों से मुलाकात कर सरकार की नीतियों से उन्हें ना केवल अवगत कराया, बल्कि उन्हें आश्वस्त किया कि रोजगार मिलेगा, बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलेगी, गांवों में सड़कें बनेंगी, अस्पताल और एंबुलेंस सेवा भी मुहैया कराई जाएगी। गृह मंत्री ने लोगों से नक्सलवाद का रास्ता छोड़ने की अपील भी की।

उन्होंने साफ किया कि इन इलाके में शांति स्थापित हुए बगैर आखिर कैसे आम इलाकों की तरह यहाँ सुख-सुविधाएं उपलब्ध होगी ? उन्होंने लोगों से सहयोग की अपील की। पूर्वती गांव में गृहमंत्री ने अलग-अलग कई घरों और गली मोहल्लों का रुख कर ग्रामीणों से उनकी समस्याओं के निराकरण के पहलुओं को जाना। गृहमंत्री ने पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के कैंपों का भी जायजा लिया। छत्तीसगढ़ में नक्सली इलाकों में एक बार फिर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने अपने ऑपरेशन छेड़ दिए है।

जानकारी के मुताबिक बीते 8 महीने में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 146 नक्सलियों को मार गिराया गया है। हालांकि विभिन्न घटनाओं में दर्जनों पुलिस कर्मी भी नक्सली हिंसा का शिकार हुए है। नक्सल प्रभावित इलाकों में ग्रामीणों की जान-माल की सुरक्षा के लिए 32 नए कैंप खोले गए है। इनमे से 29 नए कैंप में जवानों की तैनाती कर दी गई है।

यही नहीं नक्सलवादी घटनाओं में अनुसंधान की कार्रवाई अच्छे से हो सके इसलिए एसआईए का गठन भी किया गया है। उधर नक्सली संगठन भी सरकार से बातचीत के लिए कोई रूचि नहीं दिखा रहे है। लिहाजा, इन इलाकों में हिंसा का दौर थमता नजर नहीं आ रहा है। सरकार और नक्सलियों के बीच चल रही रस्साकसी के बीच गृहमंत्री का संवेदनशील इलाकों में दौरा पीड़ित जनता के लिए राहत भरा कदम साबित हो रहा है।