26/11 Attacks: अमेरिका की एक अदालत ने 26/11के मुंबई आतंकवादी हमले में शामिल होने के आरोपी तहव्वुर राणा को बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि उसे प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत को प्रत्यर्पित किया जा सकता है. ‘यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर नाइंथ सर्किट’ ने 15 अगस्त को सुनाए अपने फैसले में कहा, ‘‘(भारत अमेरिका प्रत्यर्पण) संधि राणा के प्रत्यर्पण की अनुमति देती है.’
‘डिस्ट्रिक्ट कोर्ट’ के आदेश के खिलाफ दायर की थी याचिका
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई बिजनेसमैन राणा ने कैलिफोर्निया में अमेरिकी ‘डिस्ट्रिक्ट कोर्ट’ के आदेश के खिलाफ ‘यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर नाइंथ सर्किट’ में याचिका दायर की थी.
कैलिफोर्निया की अदालत ने राणा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को अस्वीकार कर दिया था. बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में मुंबई में आतंकवादी हमलों में उसकी कथित संलिप्तता के लिए उसे भारत प्रत्यर्पित किए जाने के मजिस्ट्रेट जज के आदेश को चुनौती दी गई थी.
‘यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर नाइंथ सर्किट’ के जजों ने पैनल के ‘डिस्ट्रिक्ट कोर्ट’ के फैसले की पुष्टि की. प्रत्यर्पण आदेश की बंदी प्रत्यक्षीकरण समीक्षा के सीमित दायरे के तहत, पैनल ने माना कि राणा पर लगाए गए आरोप अमेरिका और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि की शर्तों के अंतर्गत आते हैं.
कौन हैं राणा?
फिलहाल अमेरिकी जेल में बंद राणा पर मुंबई हमलों में शामिल होने के आरोप हैं. उसे पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का साथी माना जाता है जो 26/11 के मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है.
मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकी नागरिकों समेत कुल 166 लोगों की मौत हुई थी. मुंबई में 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 60 घंटे से अधिक समय तक हमलों को अंजाम दिया और शहर के कई प्रमुख जगह पर लोगों की हत्या की. सुरक्षाबलों ने 9 आतंकियों को मार गिराया था जबकि एक असमल कसाब जिंदा गिरफ्तार हुआ था जिसे बाद में फांसी दी गई.