बेंगलुरु | कई बार हम जो सपनों में भी नहीं सोच सकते हैं जिसके बारे में हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं, वैसे ही घटना हमको सुनने को मिलती है । ऐसी घटना जिसको सुनने मात्र से आप पढ़ने वालों के और रोंगटे खड़े हो जाएंगे । आमतौर आप ने सुना होगा कि पिता ने अपने ही बेटी को मौत के घाट उतार दिया | लेकिन क्या अपने कभी सुना कि एक नाबालिग बेटी ने अपने ही पिता की हत्या कर दी | जी हां आपने सही सुना ,एक पिता को बेटी को नसीहत देना महंगा पड़ गया | बेटी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर कर दी पिता की हत्या |
जानकारी के अनुसार पिता का नाम जयकुमार जैन है जो मूलतः राजस्थान के निवासी है | अभी वह बेंगलुरु में कपड़े का व्यवसाय करते हैं और बहुत ही संपन्न है | खुद की दुकान खुद, का घर एक धार्मिक प्रवृत्ति के जयकुमार जैन का कत्ल हो जाता है | जब मालूम पड़ता है कत्ल किसने किया तो सुनने मात्र से रोंगटे खड़े हो जाते हैं क़त्ल और किसी ने नहीं किया उनकी खुद की बेटी ने किया । बेटी का नाम इसलिए नहीं लिख सकते हैं क्योंकि वह माइनर है उसकी उम्र मात्र 15 साल है | बताया जाता है कि आरोपी बेटी अपने प्रेमी 19 प्रवीण के साथ मोबाइल पर बात करती रहती थी | व्हाट्सएप पर चैट करती रहती थी एवं अन्य गतिविधियों में लिप्त थी | बताया यह भी जा रहा है कि लड़की ड्रग्स भी लेती थी ।
जब यह बात पिता को चली तो उन्होंने माेबाइल का कम इस्तेमाल करने और पढ़ाई में ध्यान लगाने की नसीहत दी । वे लड़के से दाेस्ती काे लेकर भी नाराज थे । यह बात लड़की को नागवार गुजरी और वह पिछले कई दिनों ने पिता की हत्या करने का मौका तलाश रही थी । शनिवार को मां व भाई ट्रेन में बैठाने के लिए पिता जैसे ही बाहर गए तो पीछे से उन्होंने नींद की गोलियां मंगवा लीं । रेलवे स्टेशन से जैसे ही पिता वापस लौटे तो दूध में नींद की 6 गोलियां दे दी । इससे कुछ देर बाद वह बेहोश हो गए । पिता बेहोश होने के बाद उसने प्रेमी प्रवीण को अपने घर बुला लिया । दोनों ने मिलकर चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी । उसके बाद सबूत मिटाने के लिए खून से सन्ने कपड़े धोए और फर्श को साफ किया । हत्या की वारदात को घटना का रूप देने के लिए सुबह बेटी बाहर गई और तीन बोतल पेट्रोल खरीदकर लाई और पिता के शव को बाथरूम पटककर पेट्रोल का छीड़काव करके करीब 7 बजे आग लगा दी । इस घर से धुआं निकलता देखकर पड़ोसियों ने पुलिस कंट्रोल रूम फोन कर दिया । घर में आदमी जिंदा जलने जैसी सूचना मिलने पर पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए । आग बुझाने के बाद पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लिया तो वहीं शक शुरू हो गया । मृतक के अन्य रिश्तेदारों का कहना है कि एक सप्ताह पहले लड़की के पिता ने प्रवीण को भी बेटी से दूर रहने की हिदायत दी थी । तब प्रेमी ने इसके लिए मना कर दिया और कहा कि उसकी जो मर्जी होगी वैसे ही करेगा |
जानकारी के अनुसार हत्या के आरोपी प्रेमी प्रवीण ने पुलिस को गुमराह करने के लिए आग के दौरान खुद के हाथ पर भी घाव कर लिए थे । ताकि बता सके कि लड़की के पिता को बचाने के चक्कर में चोट लगी है । इसके अलावा वह वहां से भागने की फिराक में था, लेकिन पड़ोसियों को देखकर कामयाब नहीं हो सका । बेंगलुरू में डीसीपी नॉर्थ एन शशि कुमार ने बताया कि तुरंत अलग-अलग टीमें गठित करके आस-पास रहने वाले लोग और बच्चों से पूछताछ की तो मृतक की बेटी व पड़ोसी प्रवीण के प्रेम संबंध में बारे में जानकारी मिली । उसके बाद दोनों से अलग-अलग पूछताछ की तो मामले की खुलासा हुआ । दोनों ने हत्या की बात कबूल कर ली है | पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है |
एक खून ने अपने ही खून का कत्ल कर दिया और उसको जरा सी दया भावना नहीं आई, जबकि हमारे धर्म में तो जीव मारना भी महापाप कहलाता है । इस लड़की ने तो अपने जन्म दाता को ही मौत के घाट उतार दिया । जबकि माता-पिता से बेहतर बच्चों के बारे में कौन सोच सकता है ? उनसे ज्यादा प्यार भी कौन कर सकता है? माता-पिता धरती के भगवान हैं । उनकी आपत्ति-सख्ती में भी संतान का हित होता है। बेंगलुरू में जो हुआ वह कच्ची उम्र की नासमझी से उपजी एक सामाजिक बुराई है।



