IAS Coaching Deaths: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर में UPSC छात्रों की मौत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया। शीर्ष अदालत ने इस मामले में सोमवार को केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि कोचिंग सेंटर बच्चों की जिंदगी से खेल रहे हैं और डेथ चैंबर बन चुके हैं। अदालत ने केंद्र और दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को नोटिस जारी कर पूछा कि कोचिंग सेंटर्स में सुरक्षा के लिए क्या नियम लागू किए गए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोचिंग सेंटर सुरक्षा मानदंडों को पूरा नहीं करते तो उन्हें ऑनलाइन मोड में चलाया जाना चाहिए। कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को इस मामले में सहयोग करने को कहा और बताया कि कोचिंग संस्थान तभी संचालित हो सकते हैं, जब तक वहां पढ़ने वाले युवाओं के गरिमामयी जीवन के लिए सुरक्षा मानदंडों का पालन किया जाए, जिसमें बेहतर वेंटिलेशन, सुरक्षित निकास, शुद्ध हवा और रोशनी शामिल हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने इस हादसे की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है। अदालत ने एमसीडी और दिल्ली पुलिस पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि निर्दोष व्यक्ति को गिरफ्तार करने की बजाए अपराधी को पकड़ना चाहिए और निर्दोष पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।
दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने पर सुप्रीम कोर्ट ने कोचिंग सेंटर फेडरेशन के अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष पर एक लाख रुपए जुर्माना लगाया है। हाईकोर्ट ने मुखर्जी नगर कोचिंग हादसे के बाद जिन कोचिंग सेंटर के पास फायर एनओसी नहीं थी, उन्हें बंद करने का आदेश दिया था। इस आदेश को कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
बता दें कि ओल्ड राजेंद्र नगर में राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में पानी भरने से सिविल सेवा की तैयारी करने वाले तीन अभ्यर्थियों की मौत हो गई थी। हादसे के बाद बड़ी संख्या में छात्र इंसाफ की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि कोचिंग सेंटर उनकी जिंदगियों को ताक पर रखकर चलाए जा रहे हैं और अगर समय पर कार्रवाई हुई होती तो दुखद हादसा नहीं होता।