CG News: अब नहीं होगी सत्संग में भगदड़, अलर्ट पर छत्तीसगढ़ पुलिस, दुर्ग में पं. प्रदीप मिश्रा की कथा में SOP का पालन सुनिश्चित, आयोजकों से भीड़ का ब्यौरा लेने के बाद मोर्चे पर 600 से ज्यादा जवान….. 

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दुर्ग: देशभर में सावन के महीने की धूम है। शिव मंदिरों से लेकर रास्तों में कावड़ियों की चहलकदमी देखी जा रही है। इस बीच कई जिलों में आयोजित सत्संग समारोह में भारी भीड़ जुट रही है। यहाँ भक्तों को काबू में करना आयोजकों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है, लिहाजा पुलिस ने मोर्चा संभाला हुआ है। नतीजतन समारोह स्थल में भीड़ के अनुमान के साथ – साथ उनका आगमन और गमन दोनों सुनिश्चित किया गया है, ताकि किसी भी अशोभनीय घटना से बचा जा सके। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा की शिवपुराण सुर्ख़ियों में है।

पंडाल में मंच से लेकर तमाम रास्तों में भक्तों की आवाजाही के लिए पुख्ता इंतेज़ाम किये गए है। इसमें कई युवा, महिला और पुरुष स्वयंसेवकों के अलावा लगभग 600 पुलिस कर्मी लोगों की आवाजाही को नियंत्रित कर रहे है। हाल ही में उत्तरप्रदेश के हाथरस में ऐसी ही एक सत्संग समारोह में 121 से ज्यादा लोगों की भगदड़ मचने से मौत हो गई थी। ऐसी घटनाओं से सबक लेते हुए पुलिस अब अलर्ट मोड़ पर है। उसने दुर्ग में आयोजकों से कार्यक्रम का पूरा ब्यौरा लेने के साथ – साथ सुरक्षा के उपायों का भी जायजा लिया। 

दुर्ग के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला ने न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ से चर्चा करते हुए बताया कि भिलाई क्षेत्र के सुंदर नगर इलाके में पंडित प्रदीप मिश्रा के कथा मंच से लेकर तमाम स्थानीय रास्तों पर निगाह रखी जा रही है। उनके मुताबिक कथा में रोजाना डेढ़ से दो लाख लोग जुट रहे है। ऐसे में आम नागरिकों की हिफाजत के सभी कदम उठाये गए है। लोगों की आवाजाही सुनिश्चित कर पुलिस मोर्चे पर डटी है।

उन्होंने बताया कि मौके पर पर्याप्त बल तैनात किया गया है, ताकि लोग निश्चिन्त होकर कथा श्रवण कर सके। उन्होंने बताया कि पुलिस नियमित रूप से आयोजकों के संपर्क में है। इससे कई तरह की कठिनाई दूर हो रही है। शुक्ला के मुताबिक जवानों की यहां तैनाती के बावजूद पुलिस विवेचना प्रभावित ना हो, इस ओर भी ध्यान दिया जा रहा है। 

बताया जाता है कि सावन के महीने में कथा और सत्संग समारोह आमतौर पर प्रदेश के गांव कस्बों तक में आयोजित किये जाते है। हाथरस की घटना से सबक लेते हुए पुलिस भी ऐसे आयोजनों को लेकर सक्रीय नजर आ रही है। उसने सत्संग समारोह को और प्रभावी बनाने के लिए कथा-वाचकों की भी सहायता ली है। दुर्ग में प्रदीप मिश्रा के कार्यक्रम में आम नागरिकों खासतौर पर युवा पीढ़ी को नशे के दुष्प्रभाव से बचाने की पहल भी स्थानीय पुलिस ने शुरू की।

कथा श्रवण के साथ ‘नशा मुक्त दुर्ग’ अभियान भी इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया जाता है कि लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में पुलिस ने लोगों को नशे से तबाह हो रहे, घर – परिवारों और पीड़ितों की दयनीय हालत से वाकिफ कराया है। कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने इस नशा मुक्ति अभियान की प्रशंसा करते हुए नौजवान पीढ़ी को इससे दूर रहने की सलाह दी है।