रायपुर: छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल के भ्रष्टाचारों की पोल खोलना शुरू कर दिया है। इन मामलों को लेकर विधानसभा में कांग्रेस की जमकर फ़जीहत हो रही है। सत्ताधारी दल के विधायक जहाँ एक ओर सवाल पर सवाल दाग रहे है, वही मंत्री उन सवालों के जवाब जांच कमेटी गठित कर दे रहे है। दिलचस्प बात यह है कि प्रश्नकाल में कांग्रेसी विधायकों को बगले झाँकनी पड़ रही है। भ्रष्टाचार से जुड़ा सवाल और जवाब सुनकर चुप्पी साध लेना ही वे मुनासिब समझ रहे है। आज सदन में बीजेपी विधायक लता उसेंडी ने विपक्ष की बोलती बंद कर दी।
सवाल भूपे सरकार की गड़बड़ी और भ्रष्टाचार से जुड़ा था। इस मामले में सौर ऊर्जा की योजनाओं को संचालित करने वाला ‘क्रेडा’ सुर्ख़ियों में है। पूरे प्रदेश के आदर्श ग्राम योजना में सोलर लाइट खरीदी की जांच होगी. विधान सभा की जांच समिति जांच करेगी. भाजपा विधायक लता उसेंडी के सवाल के जवाब में मंत्री राम विचार नेताम ने 2021 से 2024 के बीच हुई खरीदी की जांच कराने की घोषणा की.
कोंडागाँव विधायक लता उसेंडी ने प्रश्नकाल में इस मामले को उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत हुई सोलर लाइट की खरीदी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है. अधिकारियों ने मंत्री को सदन में गलत जानकारी दी है. 12 जून को आरटीआई से मिली जानकारी में बताया गया है कि 3 अधिकारियों के खिलाफ शिकायत प्राप्त हुई है. मंत्री सदन में गलत जानकारी दे रहे हैं. पिछली सरकार में सोलर लाइट को लेकर गड़बड़ी हुई है. सक्षम अधिकारियों ने गड़बड़ी की है.
इस पर मंत्री रामविचार नेताम ने सदन में घोषणा करते हुए कहा कि सदन की समिति से इस मामले की जांच कराई जाएगी. पूरे प्रदेश के मामले इसमें शामिल किए जाएँगे. इस पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि सरकार ने जवाब दिया है कि राज्य स्तरीय समिति जांच कर रही है. क्या सदन की समिति से राज्य स्तरीय समिति की जांच के बिंदु शामिल किए जाएँगे. मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि सदन की समिति जिन-जिन विषयों को जांच में शामिल करेगी, उन पर जांच की जाएगी.
दरअसल पूरे प्रदेश में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत ग्राम पंचायतों में सोलर लाइट का कार्य होना था जिसमें कोंडागांव,नारायणपुर में स्ट्रीट लाइटों में धांधली बरती गई। सरकारी रिकॉर्ड में स्ट्रीट लाइट दर्ज है, लेकिन वास्तव में सड़कों में खंबा तक नहीं लगा है। बताया जाता है कि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अधिकारियों के साथ क्रेडा के ठेकेदारों की मिली भगत से करोड़ों का गबन कर लिया गया था। यह भी बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के कार्यकाल में क्रेडा ने कई विकासात्मक कार्य किये थे। लेकिन ठेके के कार्यों में उनके करीबी कारोबारियों ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कर योजना का भट्टा बैठा दिया था।
मामले के खुलासे के बाद RES के अधिकारियों ने क्रेडा के अफसरों और ठेकेदारों पर योजना के ठप होने और घटिया सामग्री प्रदाय करने का आरोप लगाया था। हालांकि लोकसभा चुनाव की गहमा – गहमी के चलते मामले की जांच थम गई थी। ये ठेकेदार तत्कालीन सीएम हाउस के निर्देश पर अधिकारियों पर दबाव डालकर सरकारी तिजोरी पर सेंधमारी कर रहे थे।पंचायतों में सोलर पावर यूनिट स्थापित करने में हुए भ्रष्टाचार को लेकर पूर्व में मोहन मरकाम ने भी विधानसभा में सवाल खड़ा किया था। लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से इसका समुचित जवाब नहीं मिल पाया था। अब लता उसेंडी ने ग्रामीणों की समस्याओं को विधानभसा में जोर-शोर से उठाया है। पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री और कोंडागांव विधायक लता उसेंडी ने विधानसभा में मामले की निष्पक्ष जांच और कार्यवाही की मांग की है।