रायपुर: भारी भरकम भ्रष्टाचार के कई मामलों में घिर चुके छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल की राजनैतिक रिलॉन्चिंग की चर्चा जोरो पर है। छत्तीसगढ़ विधानसभा के घेराव की आढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री अपनी खोई हुई कुर्सी फिर पाने की जुगत में भिड़ गए है। कांग्रेसी गलियारों में इसकी चर्चा खूब हो रही है। कुछ नेता तस्दीक करते है कि इस कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट को भी गुमराह किया गया है। वे हकीकत से वाकिफ नहीं है। कई नेता तस्दीक कर रहे है कि यह बघेल का शक्ति प्रदर्शन है, उनकी रिलॉन्चींग की जबरदस्त तैयारी की गई है। दरअसल पहले विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव में जनता ने भूपे बघेल को नकार दिया है। पार्टी के भीतर भी बघेल हासिये में चले गए है। लिहाजा कालातीत हो चुके बघेल का भोकाल फिर से खड़ा करने के लिए विधानसभा के घेराव की कवायत की जा रही है।

इसके प्रचार – प्रसार और कार्यकताओं की तीमारदारी का कार्य PR कंपनियों के मैनेजरों को सौंपा गया है। इसके लिए मोटी रकम भी खर्च की जा रही है। बताते है कि भूपे ने प्रदर्शन के नाम पर अपना भोकाल खड़ा करने के लिए काली कमाई से भरी अपनी तिजोरी भी खोल दी है। सूत्रों के मुताबिक कई कांग्रेसी विधायकों पर चलता सदन छोड़ प्रदर्शन में शामिल होने के लिए एक गुट विशेष द्वारा दबाव बनाया जा रहा है। प्रदर्शन को लेकर आमराय की स्थिति फ़िलहाल नजर नहीं आ रही है। न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ से चर्चा करते हुए आधा दर्जन से ज्यादा विधायकों ने साफ़ किया कि वे प्रश्नकाल से लेकर सदन चलने तक विधानसभा की कार्यवाही में शामिल रहना चाहते है।

लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से प्रदर्शन में शामिल होने के लिए जोर दिया जा रहा है। जबकि सदन में उनके सवालों का जबाव आना तय है, ऐसे समय सदन से नदारत रहना, जनता के विश्वास के साथ धोखा होगा. बावजूद इसके कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर वे प्रदेश अध्यक्ष के निर्देशों का पालन करेंगे। नाम ना छापने की शर्त पर विधायकों ने यह भी कहा कि बीजेपी सरकार के मात्र छह माह के कार्यकाल में, इस तरह का प्रदर्शन करना गैर वाजिब है, यह जल्दबाजी होगी। उनके मुताबिक अभी तो विष्णुदेव साय सरकार को अपना हुनर दिखाने का मौका ही नहीं मिल पाया है, इस सरकार के दो माह लोकसभा की आदर्श – आचार संहिता में गुजर गए, बाकि महीने ट्रांसफर – पोस्टिंग कारोबार में गुजर रहे है, जनता भी देख रही है, अभी तो उन्हें कार्य करने का पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए।

ऐसे में चलते सदन के बीच विधानसभा का घेराव – प्रदर्शन का आयोजन उचित प्रतीत नहीं होता। अपनी पहचान जाहिर नहीं करने का वक्तव्य दोहराते हुए इन विधायकों ने कहा कि वे उलझन में है, पार्टी कार्यक्रम के नाम पर पूर्व मुख्यमंत्री का आयोजन है, खूब खर्चा किया है। जाये तो दिक्कत, ना जाये तो भी दिक्कत, देखते है अध्यक्ष जी क्या कहते है ? छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल का नया दांव सुर्ख़ियों में है। विधानसभा उपाध्यक्ष के पद को हथियाने के मामले में मुँह की खा चुके पूर्व मुख्यमंत्री अपनी रिलॉंचिंग में जुटे बताये जाते है। इसके लिए उन्होंने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

विष्णुदेव साय सरकार पर दबाव बनाने के साथ – साथ बघेल का शक्ति प्रदर्शन कार्यक्रम राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। विष्णुदेव साय सरकार के मात्र 6 माह के कार्यकाल का हवाला देकर कांग्रेस ने विधानसभा के घेराव का ऐलान किया है। उसके इस प्रदर्शन के समय और फैसले को लेकर कई कांग्रेसी विधायक पसोपेश में है। वे प्रदर्शन को लेकर दबी जुबान से ही सही अपनी नाराजगी भी जाहिर कर रहे है।

उनके मुताबिक पार्टी फोरम में अपना पक्ष वे जरूर रखेंगे। कुछ विधायकों ने यह भी तस्दीक की है कि उन्होंने इस कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर कोई हामी नहीं भरी है, समय आने पर देखा जायेगा। उधर बीजेपी भी कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर हैरत में है। उसके मुताबिक बगैर किसी ठोस मुद्दे के विधानसभा का घेराव बेमानी है। बीजेपी नेता केदारनाथ गुप्ता के मुताबिक साय सरकार ने सत्ता में आते ही मोदी गारंटी पूरी कर किसानों के हित में फैसला लिया। इसके बाद बगैर देर किये महतारी वंदन योजना लागू की। यही नहीं कांग्रेस के हाथों – हाथ तबाह हो चुकी प्रदेश की कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने का कार्य सुचारु रूप से जारी है।

इस बीच कांग्रेस का यह प्रदर्शन समझ से परे है।गुप्ता ने कहा कि बीजेपी सरकार का लगभग 3 माह का वक़्त लोकसभा की चुनावी तैयारी और आदर्श – आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करने में गुजर गया। अब जब विकास की गति आगे की ओर बढ़ रही है तब जिम्मेदार विपक्ष का परिचय देने के बजाय कांग्रेसी नेता बेवजह का हल्ला कर रहे है। प्रदेश में भारी भरकम बारिश के बीच ऐसा प्रदर्शन कर जनता को परेशान किया जा रहा है।

बीजेपी नेता श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि बीजेपी सरकार की चंद माह की उपलब्धियों से कांग्रेस और उसके नेता हताश हो गए है। विधानसभा में जनता के सवालों और मुद्दों को उठाने के बजाय उन पर विधानसभा के घेराव में शामिल होने के लिए दबाव बनाना भी उन्हें अनुचित प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि विधायकों को फैसला लेने की स्वतंत्रता है, वे उम्मीद करते है कि माननीय विधायक किसी नेता की व्यक्तिगत रणनीति पर अमल करने के बजाय जनहित में फैसला लेंगे। सुंदरानी ने यह भी कहा कि विधानसभा के आयोजन में जनता का ही धन खर्च होता है, इसकी प्रत्येक कार्यवाही में लाखों की रकम खर्च होती है।

विधायक सदन में मौजूद रहते है तो इलाके की जनता की आवाज मजबूत होती है, ऐसे में किसी व्यक्ति विशेष के राजनैतिक कार्यक्रम में शामिल ना होकर कांग्रेस के माननीयों को जनता की गाढ़ी कमाई बचाने के लिए आगे आना चाहिए, सदन में अपनी उपास्थिति दर्ज कर नई मिसाल पेश करना चाहिए। उधर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने आरोप लगाया कि पीएम आवास योजना को लेकर बीजेपी ने जनता को धोखा दिया है, केंद्र ने साय सरकार की मांग पर एक भी मकान स्वीकृत नहीं किया है। दीपक बैज मोदी सरकार के आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे थे। उन्होंने कहा कि साय सरकार 18 लाख आवासों की सूची जारी कर जनता को अवगत कराये।