IAS Puja Khedkar: ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर का नया दांव, पुणे डीएम पर लगाया उत्‍पीड़न करने का आरोप

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IAS Puja Khedkar: महाराष्‍ट्र की ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकर ने अब नया दांव चला है. उन्‍होंने पुणे के डीएम पर परेशान करने का आरोप लगाया है. यहां तक क‍ि उन्‍होंने वासिम पुलिस स्टेशन में श‍िकायत भी दर्ज कराई है. पूजा के मुताबिक, जांच के बहाने उनका उत्‍पीड़न क‍िया जा रहा है. एक दिन पहले ही पुल‍िस की टीम पूजा खेडकर के घर पहुंची थी और उनसे लंबी पूछताछ भी की थी. पुणे ग्रामीण पुलिस की टीमें पूजा खेडेकर की मां मनोरमा खेडकर और पिता दिलीप खेडकर की तलाश के लिए अहमदनगर भी पहुंची थीं.

एक अधिकारी के अनुसार, महिला पुलिसकर्मी सोमवार को पूजा खेडकर से मिलने वाशिम स्थित उनके आवास पर गईं. तब उन्‍होंने पुणे के जिला कलेक्टर सुहास दिवसे के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी. इससे पहले दिन में खेडकर ने यह बताने से इनकार कर दिया था क‍ि महिला पुल‍िसकर्मी उनके घर क्‍यों आई थीं. पूजा ने सिर्फ इतना कहा क‍ि मैंने महिला पुलिसकर्मियों को बुलाया था क्योंकि मुझे कुछ काम था.

पूजा खेडकर पर कई तरह के आरोप लगे हैं. इसे देखते हुए सरकार ने उनकी ट्रेनिंग रद्द कर दी है और उन्‍हें 23 जुलाई तक लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में रिपोर्ट करने को कहा है. महाराष्‍ट्र सरकार के एक अध‍िकारी ने बताया क‍ि अकादमी ने आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए उन्हें वापस बुलाने का फैसला किया है. इसके बाद सरकार ने उन्‍हें तुरंत कार्यमुक्‍त कर दिया है. उधर, पुल‍िस उनकी कार से जुड़े मामले की जांच कर रही है. प्रशासन उनके प्रमाणपत्रों की छानबीन कर रहा है. विकलांगता सर्टिफ‍िकेट जांच के घेरे में है.

सोशल मीडिया पर पूजा और उनके पर‍िवार से जुड़े कई वीडियो भी वायरल हो रहे हैं. एक वीडियो उनकी मां मनोरमा खेडकर का सामने आया है. इस वीडियो में वह मेट्रो अधिकारियों और पुलिस से बहस करती नजर आ रही हैं. यह घटना साल 2022 की है और इसे पुलिस बल के एक कर्मचारी ने सबूत के तौर पर रिकॉर्ड किया था. खेडकर परिवार के पास पुणे के बानेर रोड पर ओम दीप नामक बंगला है. पिछले कुछ समय से इस बंगले के सामने मेट्रो चल रही है. इसके लिए मेट्रो कर्मचारियों ने खेडकर के बंगले के पास फुटपाथ पर सामग्री रखी थी. इस पर मनोरमा खेडकर की मेट्रो कर्मचारियों से बहस शुरू हो गई. मेट्रो अधिकारियों ने चतुश्रृंगी पुलिस को इसकी जानकारी दी तो चतुश्रृंगी पुलिस स्टेशन का स्टाफ वहां पहुंच गया, लेकिन मनोरमा खेडकर ने उनसे भी बहस की.