उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने तोते की तरह बोलने लगे शराब घोटाले के आरोपी, छत्तीसगढ़ में आखिर क्यों बोलती बंद ? मेरठ कोर्ट में पेशी के बाद आरोपी अनिल टुटेजा ने पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की जाहिर की असलियत, खोला मुँह…  

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मेरठ/ लखनऊ/ रायपुर: छत्तीसगढ़ के 22 सौ करोड़ के शराब घोटाले में प्रमोटी आईएएस अनिल टुटेजा ने अपना मुँह खोल दिया है। उसने शराब घोटाले की कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल की कलई खोल कर रख दी है। सूत्रों के मुताबिक मात्र 2 घंटे की पूछताछ में आरोपी टुटेजा ने फर्जी होलोग्राम की छपाई और उससे होने वाली अवैध कमाई के तमाम लाभार्थियों का नाम उगला है। इसमें भूपे बघेल, सौम्या चौरसिया, अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी समेत अन्य आरोपियों की भूमिकाओं पर STF को कई अहम जानकारियां दी है। यह भी बताया जा रहा है कि प्रारंभिक पूछताछ में ही आरोपी ने साफ कर दिया है कि आबकारी विभाग की गतिविधियों को पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की सहमति से ही संचालित किया जा रहा था।

उसके मुताबिक शराब की खरीद – फरोख्त, ठेकों और नीतिगत निर्णय सिर्फ बघेल की अनुमति के बाद ही अंजाम दिए जाते थे। कारोबारी अनवर ढेबर और तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा समानांतर रूप से सभी तरह के कारोबार को संचालित कर रहे थे। इन सभी मामलों में वह मुख्यमंत्री और विभाग के बीच सेतु का काम कर रहा था। शराब के अवैध कारोबार से होने वाली कमाई का बड़ा हिस्सा मुख्यमंत्री के संज्ञान में प्रतिमाह लाया जाता था। टुटेजा ने इसकी तस्दीक करते हुए यह भी बताया कि प्रदेश की सभी डिस्लरी में आबकारी विभाग के बजाय प्राइवेट कारोबारियों का कब्ज़ा था।

विभागीय कर्मचारी सरकारी दिशा – निर्देशों का पालन करते थे। जबकि कारोबार प्राइवेट पार्टियों को सौंपा गया था। इसमें आउट सोर्सिंग कंपनी महत्वपूर्ण रोल प्ले कर रही थी। उसका कार्य शराब दुकानों से होने वाली बिक्री की रकम को बैंकों और लाभार्थियों के खातों तक पहुँचाना था। यही नहीं सरकारी राजस्व को कलेक्टर कार्यालय के जरिये सरकारी तिजोरी तक पहुंचाने का कार्य भी प्राइवेट लोगों को सौंपा गया था। 

सूत्र यह भी बता रहे है कि पूछताछ के दूसरे दौर में टुटेजा ने शराब दुकानों में मेंटेन किये जा रहे नंबर एक और नंबर दो के लेजर – रजिस्ट्रो की भी तस्दीक की है। उसने यह भी बताया है कि नकली होलोग्राम से होने वाली कमाई पूर्व मुख्यमंत्री के विश्वसनीय व्यक्तियों के हाथों में सौंपी जाती थी।निलंबित आबकारी सचिव अरुणपति त्रिपाठी द्वारा समय – समय पर उसे सौंपी गई, नगद रकम का ब्यौरा भी टुटेजा ने STF के साथ साझा किया है। बताया जाता है कि लगभग 2 घंटे तक पूछताछ के बाद आरोपी टुटेजा ने थकावट का हवाला देते हुए कुछ देर का रेस्ट माँगा है। इससे पूर्व यूपी पुलिस की एक टीम ने अनिल टुटेजा को ट्रांजिट वारंट पर आज मेरठ कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने STF को उसकी रिमांड सौंप दी है। 

टुटेजा से पहले यूपी पुलिस ने कारोबारी अनवर ढेबर और आबकारी विभाग के तत्कालीन विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी से पूछताछ लगभग पूरी कर ली है। शराब घोटाले में नकली होलोग्राम के इस्तेमाल पर आधिकारिक मुहर उस समय लगी जब छत्तीसगढ़ EOW की एक टीम ने कारोबारी अनवर ढेबर के फार्म हाउस पर छापामार कार्यवाही को अंजाम दिया था।

यह कार्यवाही उस समय सामने आई थी जब कारोबारी ढेबर से उत्तरप्रदेश STF मेरठ में पूछताछ में जुटी थी। बताया जाता है कि ढेबर ने अपने कारोबार और पूर्व मुख्यमंत्री से तालुकात को लेकर महत्वपूर्ण बयान भी दर्ज कराया है। उन्होंने साफ़ किया है कि वे सिर्फ तत्कालीन मुख्यमंत्री बघेल के दिशा निर्देशों का ही पालन करते थे। इसके अलावा आबकारी विभाग की अन्य गतिविधियों को लेकर भी अनवर ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी है।

गौरतलब है कि नकली होलोग्राम मामले की विवेचना के लिए अनवर ढेबर को रायपुर से मेरठ रिमांड में भेजा गया है। बताते है कि ढेबर और त्रिपाठी से विस्तृत पूछताछ के बाद अनिल टुटेजा से भी अब पूछताछ का दौर शुरू हो गया है। इस सिलसिले में अनिल टुटेजा के पुत्र यश टुटेजा से भी पूछताछ की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक बीते 5 सालों में यश टुटेजा के नाम पर लगभग 100 करोड़ की चल – अचल संपत्ति अर्जित की गई है।

जबकि शुरुआती दौर से ही वे बेरोजगार (परिवार पर निर्भर) रहे है। रायपुर और बिलासपुर समेत विदेशों में भी हवाला के जरिये नगद रकम के भुगतान को लेकर यश टुटेजा से भी पूछताछ के आसार है। बताते है कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के सत्ता में आते ही यश टुटेजा भी अचानक कई कंपनियों के मालिक बन गए थे। उनकी ये कंपनियां रोजाना लाखों का लाभ अर्जित करने लगी थी। इस सिलसिले में एजेंसियों ने दो चार्टर्ड अकाउंटेंट से पूछताछ कर कई महत्वपूर्ण तथ्य भी जुटाए है।

इन्ही चार्टर्ड अकाउंटेंट ने यश टुटेजा को रातों – रात सफल उद्योगपति बना दिया था। उसकी लॉन्चिंग कर पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने शराब घोटाले को नए मोड़ पर ला दिया था। बताते है कि यूपी STF, छत्तीसगढ़ EOW के अलावा ED को भी यश टुटेजा की तलाश है। हालांकि वे भूमिगत बताये जाते है, सूचना के बावजूद एजेंसियों को वे ढूंढे नहीं मिल रहे है।
छत्तीसगढ़ के करोड़ो के शराब घोटाले में जुलाई 2023 में नकली होलोग्राम के इस्तेमाल को लेकर ED के डिप्टी डायरेक्टर ने नोएडा के कासना थाने में एक FIR दर्ज कराई थी।

इसमें प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली के मालिक विधु गुप्ता पर भी गंभीर आरोप लगाए गए थे। विधु गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में उसने अनवर, अरुणपति त्रिपाठी और टुटेजा एंड कंपनी के साथ हुए अवैध करार को लेकर कई जानकारियां दी थी। शराब घोटाले की महत्वपूर्ण कड़ी के बारे में इस एफआईआर में पूरी दास्तान दर्ज की गई है।

इसके अनुसार, छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग ने अवैध रूप से प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्रालि को होलोग्राम का टेंडर दिया था। आरोपियों ने खुद लाभ अर्जित करने के लिए टेंडर – निविदा शर्तों को संशोधित कर बड़े पैमाने पर नकली होलोग्राम की आपूर्ति छत्तीसगढ़ शासन को की थी। अवैध कमाई और मोटे कमीशन को ध्यान में रखते हुए डुप्लीकेट – नकली होलोग्राम से सरकारी तिजोरी को जमकर चूना लगाया गया था। फ़िलहाल पूर्व मुख्यमंत्री बघेल पर एजेंसियों के कसते शिकंजे के बीच आरोपी अनिल टुटेजा की स्वीकारोक्ति से राजनैतिक गलियारा भी गरमाया हुआ है।