5 गज जमीन के नीचे से निकाले गए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल के भ्रष्टाचार के अवशेष, फर्जी होलोग्राम घोटाले में लिप्त तत्कालीन मुख्यमंत्री कार्यालय, पूर्व आबकारी मंत्री लखमा भी लपेटे में, जब मुँह खोला ढेबर ने…..   

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रायपुर: छत्तीसगढ़ के 2200 करोड़ के शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल सिर से लेकर पांव तक लिप्त पाए गए है। पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपे सरकार का लक्ष्य लोक कल्याण नहीं, बल्कि जन-धन की लूट मार था, बड़ी शिद्दत के साथ तमाम घोटालों को बघेल गिरोह ने अंजाम दिया था। किसी पेशेवर गिरोह की भांति जमीन के 5 गज नीचे हज़ारों की तादाद में फर्जी होलोग्राम दफ़न किये गए थे। जबकि उससे सटी जमीन पर हज़ारों होलोग्राम का दाह संस्कार किया गया था।

मतलब दो धर्मों में अंतिम संस्कार की प्रक्रिया एक समुदाय की दफ़न करने की, तो दूसरी बहु संख्यक समुदाय के अग्नि संस्कार की प्रकिया को अपनाया गया था। राजनीति और क्राइम के जानकारों के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के मामलों में सर्व धर्म सम्भाव की रणनीति का पालन किया था। राज्य के EOW / ACB ने कारोबारी अनवर ढेबर के फार्म हाउस में छापेमारी कर फर्जी होलोग्राम का जखीरा बरामद किया है।

इस सिलसिले में 3 लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है। बताते है कि ED और EOW की हालिया छापेमारी के दौरान ढेबर के फार्म हाउस में शराब घोटाले के सबूत नष्ट किये गए थे। कारोबारी ढेबर की गिरफ्तारी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा भी लपेटे में बताये जाते है।

सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ के तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा कम पढ़े – लिखे होने के चलते सिर्फ रबड़ स्टेम बनकर रह गए थे। जबकि कारोबारी अनवर ढेबर पूर्व मुख्यमंत्री के साथ हाथ से हाथ मिलाकर आबकारी गतिविधियों का संचालन कर रहे थे। यह भी बताया जा रहा है कि शराब की खरीद फरोख्त से जुड़े तमाम नीतिगत फैसले अनवर ढेबर लिया करते थे। विभागीय खर्चों से लेकर सरकारी रकम के बंदरबाट का जिम्मा ढेबर के कन्धों पर था।

वे हफ्ते दर हफ्ते घोटाले का हिसाब – किताब पूर्व मुख्यमंत्री बघेल को सौंपा करते थे।ढेबर इन दिनों उत्तर प्रदेश के मेरठ में है, यूपी STF उनसे पूछताछ में जुटी है। इस बीच फार्म हाउस से बड़ी तादात में होलोग्राम निकलने से पुख्ता सबूत एजेंसियों के हाथ लगे है। छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले की विवेचना के दौरान EOW कों बड़ी कामयाबी मिली है। रायपुर में कारोबारी ढेबर के खेत से नकली होलोग्राम का जखीरा बरामद हुआ है।

बताते है कि घोटाले के सबूत मिटाने के लिए यहाँ होलोग्राम कों आग के हवाले किया गया था। बचे कूचे होलोग्राम के पैकेटों को जमीन के भीतर दफ़न भी कर दिया गया था। EOW ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ एवं अन्य गैर क़ानूनी गतिविधियों के चलते मौके से तीन लोगों को भी गिरफ्तार किया है। 

जानकारी के मुताबिक प्रदेश के बहुचर्चित शराब घोटाले में कारोबारी अनवर ढेबर के पिता के ग्राम धनेली स्थित खेत में नकली होलोग्राम का जखीरा बरामद किया गया है। आशंका जाहिर की जा रही है कि सबूत मिटाने के लिए नकली होलोग्राम को यहाँ नष्ट किया गया था। EOW ने जिन 3 आरोपियों को हिरासत में लिया है, उनका नाम अनुराग द्विवेदी, अमित सिंह और दीपक द्वारी बताया जा रहा है। ईओडब्ल्यू को इनसे पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली है। इससे किसी बड़े खुलासे के आसार है। सूत्रों के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री बघेल और उनके पुत्र के खास सहयोगी आरोपी अरविंद सिंह का भतीजा अमित सिंह बताया जा रहा है।

उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया है। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले में दर्जनभर से ज्यादा आरोपी जेल की हवा खा रहे है। इस मामले की जांच ईडी के अलावा एसीबी भी कर रही है। एसीबी ने हाल ही में 10 हजार से अधिक पन्नों का चालान रायपुर की विशेष कोर्ट में पेश किया था। सूत्रों के मुताबिक यूपी STF को पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के खिलाफ कई पुख्ता सबूत हाथ लगे है। बताते है कि विवेचना के दौरान जब कारोबारी अनवर ने अपना मुँह खोला तो अधिकारियों के पैरों तले जमीन खिसक गई।

बताते है कि ढेबर ने अपनी बेगुनाही के कई सबूत पेश करते हुए घोटाले का पूरा ठीकरा पूर्ववर्ती भूपे सरकार पर फोड़ा है। सूत्र यह भी बताते है कि पूर्व मुख्यमंत्री और उनकी टोली की काली करतूत जमीन के भीतर से भी बाहर निकल रही है, जबकि घोटाले से जुड़े कई साक्ष्य सरकारी फाइलों में कैद है।

यह भी बताया जा रहा है कि कारोबारी ढेबर सरकारी गवाह भी बनाये जा सकते है। हालाँकि इसकी आधिकारिक पुष्टि एजेंसियों ने नहीं की है। फ़िलहाल घोटालेबाजों पर एजेंसियों का कसता शिकंजा पूर्व मुख्यमंत्री के ठिकानों की ओर बढ़ता नजर आ रहा है।