वो ढोंगी बाबा जिसके कहने पर 909 भक्तों ने कर ली थी ख़ुदकुशी, फिर दर्दनाक तरीके से हुआ अंत, पढ़िए दिल दहला देने वाली कहानी

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न्यूयार्क/दिल्ली: भारत में धार्मिक कार्यक्रम के दौरान अक्सर घटनाओं की खबर सामने आती है। 2 जुलाई यूपी के हाथरस में बाबा नारायण साकार के सत्संग समाप्त होने के बाद उनकी चरण की धूल लेने के लिए लोगों में इतनी उत्सुकता बढ़ी की धार्मिक कार्यक्रम मातम में बदल गया। इस बीच आज हम आपको अमेरिका के एक बाबा के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके हजारों अनुयाई थे जो उसके कहने पर अपनी जान तक दे दी।

जिस बाबा की बात कर रहे हैं उसका नाम जेम्स वारेन जोन्स है। इस बाबा के बारे में कहा जाता है कि, वो पूरी तरह से कम्युनिस्ट था और भगवान पर विश्वास नहीं करता था लेकिन फिर भी लोग इसके दिवाने थे। ये बाबा अपने भक्तों को अपनी बातों में फंसाने का हुनर जानता था ही वजह है कि लोग इससे प्रभावित होकर बाबा के साथ रहने लगे थे।

अमेरिका का ढोंगी बाबा का नाम जेम्स वारेन जोन्स था दो एक अमेरिका पंथ नेता था। 1955 से लेकर 1978 के बीच जोन्स ने पीपुल्स टेम्पल का नेतृत्व किया था। जोन्स अमेरिकी सरकार का विरोध करता था क्योंकि उसका विचारधारा अमेरिकी सरकार से नहीं मिलता था। वह गुयाना के जंगल में एक गांव बसाया था जिसमें वह अपने अनुयायियों के साथ रहता था। जोन्स के बारे में कहा जाता है कि वो बहुत ही तेज दिमाग का था और उसे किताबें पढ़ने का बहुत शौक था।

जिम जोंस ने गुयाना के जंगलों में अपना एक अलग ही गांव बसाया हुआ था। लोग उससे और उसकी बातों से इस कदर प्रभावित थे कि, वो अपने घर छोड़कर बाबा के साथ जंगल में रहने चले गए। बाबा जोंस ने इस गांव का नाम Jonestown रखा था जिसे चारों तरफ से बंद करके रखा था। जिम जोंस अनुयायियों से दिन भर काम करता था और रात को प्रवचन सुनाता था। इस दौरान कुछ लोगों को बाबा के असलियत के बारे पता चलने लगे लेकिन जब वो भागने की कोशिश करते थे उसके लोग उसे खूब मारते थे। यहां तक लोगों को गांव के अंदर से किसी भी लोगों को बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। कोई व्यक्ति वहाँ से भाग न जाये इसके लिए उसके सिपाही गांव के चारों ओर रात – दिन पहरा देते थे।

बाबा के असलियत के बारे में जब अमेरिका के सरकार को पता चला तो उन्होंने नवंबर, 1978 को एक कांग्रेसमैन लियो रेयान को बाबा के गांव का मुआयना करने के लिए भेजा। जब लियो वहां पहुंचे तो बाबा ने उनका स्वागत किया इसी दौरान बाबा के अनुयाई ने एक पत्र में लिखकर उन्हें छुपके से दे दिया। पत्र में अनुयायी ने खुद के और गुयाना के बाकी सदस्यों को वहाँ से निकालने के लिए मदद मांगता है। 18 नवम्बर की दोपहर को Leo Ryan अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ मंदिर के 15 सदस्यों को निकालने में भी कामयाब हो जाता है। लेकिन जब ये बात जोन्स को पता चलता है तो वह Leo Ryan पर हमला करवा देता है। इस हमले में लियो समेत 5 लोगों की मौत हो जाती है।