छत्तीसगढ़ कांग्रेस में फिर फूटा पर्चा, हाईकमान को लिखा पत्र वायरल, पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के काले कारनामों से मुश्किल में कार्यकर्ता, लिखे पत्र में पार्टी की हार का हवाला, पढ़े लेटर….

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रायपुर /दिल्ली: छत्तीसगढ़ कांग्रेस में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी के भीतर सत्ता की मलाई खाने वालों के खिलाफ अनुशासन का डंडा चलाये जाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। कांग्रेस के कई जमीनी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के लिए बघेल को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचारों को कांग्रेस की हार का मुख्य कारण बताने में आम कार्यकर्त्ता बगैर किसी हिचकिचाहट के अपनी भावनाओं से पार्टी आलाकमान को अवगत करा रहे है।

लोकसभा चुनाव के दौरान सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने बघेल के रुख के चलते बीजेपी का दामन थाम लिया था। अब पार्टी के भीतर भूपे बघेल बनाम ईमानदार कार्यकर्ताओं के बीच रस्साकस्सी जोरो पर है। इस मुद्दे पर एक लेटर सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। यह पत्र न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ तक भी पहुंचा है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री बघेल और उनके गिरोह के काले कारनामों से आलाकमान को अवगत कराया गया है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में एक बार फिर लेटर बम फूटने से कार्यकताओं में गहमागहमी है। सूत्रों के मुताबिक एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने पार्टी आलाकमान को पत्र लिख कर प्रदेश में कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी तय करने की मांग की है। इस पदाधिकारी का पत्र वायरल हो रहा है।

हालांकि न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ इस वायरल पत्र की आधिकारिक पुष्टि नहीं करता। सोशल मीडिया में सुर्ख़ियों में आये इस पत्र को लेकर वरिष्ठ पदाधिकारी ने हामी भरते हुए बताया कि कांग्रेस की बेहतरी के लिए पत्र लिखने के अलावा उनके पास और कोई विकल्प मौजूद नहीं था। उन्होंने नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि यह कांग्रेस का भीतरी मामला है, यह पत्र कैसे वायरल हुआ, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। उनके मुताबिक हाल ही में कई पदाधिकारियों ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। इसके बाद पत्र लिखकर असलियत से आलाकमान को वाकिफ कराने की पहल की गई है।

इस पदाधिकारी ने दावा किया कि 4 पन्नों के पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल और उनके समर्थकों का काला चिटठा सौंपा गया है। इसमें 5 साल के कार्यकाल का ब्यौरा है। इस पदाधिकारी ने कहा कि सिर्फ बघेल के भ्रष्टाचारों के कारण ही पहले विधान सभा में और फिर लोकसभा में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। इसके बावजूद आम कार्यकर्ताओं की सुध नहीं ली जा रही है। कांग्रेस में अवसरवादियों को सत्ता से दूर रखना और पार्टी की मजबूती के लिए समय रहते कदम उठाने की जरुरत है, अन्यथा भविष्य में भी नुकसान उठाना पड़ेगा।

कांग्रेस में लेटर बम कोई नहीं बात नहीं है। पिछले 10 सालों में पत्र लिखने की नई परंपरा से कार्यकर्ताओं को ‘मन की बात’ करने का सुलभ अवसर प्राप्त होता है। कई कार्यकर्त्ता तस्दीक करते है कि 15 सालों बाद बीजेपी के शासन से मुक्ति मिली थी। लेकिन बघेल ने तस्तरी में रखकर बीजेपी को सत्ता सौंप दी। उनके मुताबिक पार्टी आलाकमान ने समय पर सुध ली होती तो कांग्रेस को सत्ता से हाथ नहीं धोना पड़ता। पत्र लेखन को लेकर ऐसे कार्यकर्ताओं की दलील है कि जब जिम्मेदार नेता ही आम कार्यकताओं की भावनाओं से मुँह मोड़ ले तो संवाद स्थापित करने के लिए इससे कोई बेहतर विकल्प नहीं है। न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने आरोपों को लेकर उन नेताओं से भी संपर्क किया, जिनका हवाला इस पत्र में दिया गया है। हालाँकि ये नेता प्रतिक्रिया देने से बचते रहे। फ़िलहाल लेटर बम से कांग्रेस की राजनीति गरमाई हुई है।