पटना / अररिया : करीब 12 करोड़ की लागत से आधुनिक तकनीक से बना एक पुल उद्घटान से पहले ही भर – भरा कर गिर गया। इसके उद्घाटन की तैयारियां जोर – शोर से जारी थी। इस बीच मानसून की पहली फुआर पड़ते ही इस पुल के परखच्चे उड़ गए। उस पर पहले तो कई जगह से दरार पड़ी, फिर मिट्टी खिसकी, विभागीय कर्मी जोड़ – तोड़ कर मामला दबाने में ही जुटे थे कि पहली बारिश ने इतने बड़े कार्य की गुणवत्ता की पोल खोलकर रख दी।
घटना, अररिया से सामने आ रही है, यहाँ बकरा नदी पर बना पड़रिया घाट ब्रीज अचानक गिर गया है। हालाँकि अभी जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं आई है। मौके पर भारी भीड़ जुटी है, राहत और बचाव कार्य भी शुरू कर दिया गया है। मौके पर मौजूद न्यूज़ टुडे नेटवर्क संवाददाता ने बताया कि करोड़ों की लागत से बने इस पुल के गिर जाने से सिकटी और कुर्साकांटा प्रखंड का संपर्क टूट गया है.
बिहार ग्रामीण विकास कार्य विभाग की तरफ से इस पुल का निर्माण कराये अभी माह भर भी नहीं बीता है। बताते है कि सिकटी के पड़रिया घाट के निर्माण में बड़े पैमाने पर धांधली बरती गई थी। ग्रामीणों के मुताबिक 12 करोड़ का पुल मात्र 3 करोड़ की लागत से तैयार किया गया था। शेष रकम मंत्री और अफसरों ने निपटा दिए। चश्मदीद बताते है कि मंत्री और सरकार से ठेकेदार का करीब का नाता है। इस ठेकेदार ने सिर्फ अरिरया ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों में भी घटिया निर्माण कार्य किया है।
जानकारी के अनुसार, बकरा नदी पर बने इस पुल का उद्घाटन इसी हफ्ते होना था, चूँकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली दौरे पर थे, इसलिए कार्यक्रम टल गया था। लेकिन इसी हफ्ते इसके शुभारंभ की घड़ी आती उससे पहले ही करोड़ों रुपये खर्च कर बनाया गया यह पुल धड़ाम से गिर पड़ा। निर्माण कार्य से जुड़े कर्मी तस्दीक करते है कि इस पुल पर रंग – रोंगन का ही कुछ काम होना बाकी रह गया था।
उनके मुताबिक सरकारी अधिकारियों की देख – रेख में निर्माण हो रहा था, इसके चलते घटिया निर्माण सामग्री इस्तेमान करने के आरोप निराधार है। फ़िलहाल पुल गिरने की घटना से नीतीश सरकार, विपक्ष के निशाने पर है। गौरतलब है कि पुल निर्माण करने वाले ठेकेदार के तेजस्वी यादव से भी मधुर संबंध बताये जाते है, ऐसे में सरकारी रकम के सदुपयोग को लेकर विभागीय मंत्री चुप्पी साधे हुए है। मंत्री जी से संपर्क किया गया, लेकिन घटना को लेकर कोई प्रतिउत्तर प्राप्त नहीं हुआ।