छत्तीसगढ़ में हिंदुत्व के बाद ‘हिंदी’ पर जोर, भाषाई समझ बुझ के लिए उर्दू की जगह हिंदी का प्रयोग,  गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा – देश को जोड़ती है हिंदी, सख्ते में कांग्रेस….  

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में पुलिस की लिखा – पढ़ी और विवेचना में हिंदी का व्यापक इस्तेमाल होगा। पुलिस कर्मी भी अब कठिन फ़ारसी और उर्दू के शब्दों के इस्तेमाल से बच सकेंगे। इसकी जगह विवेचना में इस्तेमाल होने वाले शब्दों में अब हिंदी का इस्तेमाल बखूबी हो सकेगा। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार सक्रीय हो गई है। उसका मानना है कि हिंदी शब्दों का प्रयोग आम बोलचाल की भाषा में अधिक से अधिक होता है, कई बार कार्यालीन भाषा आम लोगो के समझ से परे होती है। लिहाजा पुलिस के दैनिक कार्यों में उर्दू, फारसी के शब्दों को हटाकर इनकी जगह सरल हिंदी शब्द जोड़ने के लिए निर्देशित किया गया है। 

राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा ने अपर मुख्य सचिव को पत्र लिख कर हिंदी के उपयोग को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए है। इस पत्र में शर्मा ने जोर दिया है कि छत्तीसगढ़ पुलिस अपनी लिखा-पढ़ी और बोलचाल में उर्दू,फारसी के शब्दों की जगह सरल हिंदी शब्दों का प्रयोग करे, ताकि आम जनता या पीड़ित को पुलिस की कार्यप्रणाली समझ आए। गृहमंत्री शर्मा ने कहा है कि 1896 से पुलिस विभाग में प्रयोग में लाए जा रहे कई शब्द आम लोगों की समझ में नहीं आते, इसलिए इन्हें बदलना आवश्यक है।

उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के 24 साल बाद हिंदी के प्रयोग को लेकर प्रभावी पहल की गई है, इससे व्यापक जनहित झलकता है। शर्मा ने कहा कि, हमारे पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश की पुलिस ने अब अपनी कार्य प्रणाली में उर्दू के शब्दों का प्रयोग नहीं करने का निर्णय लिया है। उनके मुताबिक यहाँ पुलिस की लिखा-पढ़ी और बोलचाल की भाषा में उर्दू, फारसी और अन्य भाषाओं के 69 शब्दों का प्रयोग बंद करके इनकी जगह हिंदी के शब्दों का उपयोग किया जाने लगा है, यह अच्छा उदाहरण है। 

छत्तीसगढ़ का कवर्धा इलाका मौजूदा दौर में हिंदुत्व की पाठशाला के नाम से जाना पहचाना जाता है। यहाँ बीजेपी के युवा नेता विजय शर्मा भगवा ब्रिगेट के चेहरे के रूप में अचानक प्रदेश के मानचित्र में उभरे और देखते ही देखते देश – भर में छा गए। अब शर्मा ने हिंदी के प्रचार – प्रसार का बीड़ा उठाया है। उनका मानना है कि यह किसी राज्य नहीं बल्कि देश की भाषा है। उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राजस्थान में महंत बालकनाथ योगी और मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा का चेहरा भी सनातन धर्म की पहचान बन चूका है।

इन नेताओं के सिर्फ बयान ही नहीं बल्कि उनकी चहल – कदमी भी राजनीति में मायने रखती है। यही नहीं बीजेपी के हिंदुत्व को जन – जन तक पहुंचाने में जुटे इन नेताओं की दिनचर्या सुर्ख़ियों में है। ताजा मामला छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा से जुड़ा है। शर्मा ने शासन – प्रशासन को ‘हिंदी प्रेम’ के लिए प्रेरित किया है। शर्मा ने कहा कि हिंदी देश को जोड़ती है, भाषाई समझ – बुझ विकसित करने में हिंदी का स्थान सर्वोपरि है।

उनका मानना है कि देश में सर्वाधिक बोली जाने वाली हिंदी का प्रचार – प्रसार अब गैर हिंदी भाषी राज्यों में ज्यादा हो रहा है। इस भाषा से लोग अपनापन महसूस करते है। लिहाजा छत्तीसगढ़ में हिंदी को और अधिक सरल और प्रभावी बनाने के लिए दफ्तरी कार्यों में उर्दू के स्थान हिंदी को महत्व देने की योजना तैयार की गई है। इससे आम जनता को सरकारी कार्यों को समझने – बुझने और उसे क्रियान्वित करने में आसानी होगी।