Polls: आंध्र में टीडीपी 152 सीट से, ओडिशा में बीजद 44 सीट पर आगे, विधानसभा  चुनाव में दोनों राज्यों में BJP का हाल

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दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आज ओडिशा और आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे भी आएंगे। इन दोनों राज्यों से भाजपा और एनडीए के लिए अच्छी खबर आ रही है। सभी प्रमुख एग्जिट पोल में एनडीए को इन राज्यों में बढ़त दिखाई गई थी, जो अब सही साबित हो रही है। ओडिशा में भाजपा को विधानसभा सीटों में भी फायदा मिलता दिख रहा है। ओडिशा में BJD को कांटे की टक्कर मिली है। थोड़े भी नतीजे प्रभावित हुए तो नवीन पटनायक सरकार की विदाई भी हो सकती है। जबकि आंध्र प्रदेश में भी सत्ता बदलने का अनुमान है। यहां जगन मोहन रेड्डी को झटका लग रहा है। 
 
देशभर की लोकसभा सीटों के साथ-साथ आंध्र प्रदेश और ओडिशा की विधानसभा सीटों पर भी वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। आंध्र प्रदेश में फिलहाल टीडीपी 152 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं वाईएसआरसीपी 17 सीटों पर आगे है। जबकि अन्य दलों का खाता भी नहीं खुल पाया है। इसके अलावा, ओडिशा में भाजपा 80 सीटों से आगे चल रही है। वहीं बीजद के खाते में 44 सीटें है। जबकि कांग्रेस और अन्य का भी खाता भी खुल गया है। कांग्रेस 11 सीटों पर आगे है, जबकि अन्य के खाते में पांच सीटें गई हैं। 

2024 के ओडिशा विधानसभा चुनावों में बीजद की तरफ से मौजूदा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक एक बार चुनावी मैदान में हैं तो दूसरी तरफ भाजपा ने बिना किसी क्षेत्रीय चेहरे के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के भरोसे यह चुनाव लड़ा था। यहाँ की विधानसभा की 147 सीट और लोकसभा की 21 सीटों के लिए 13 मई से 1 जून तक चार चरणों में मतदान हुआ था। 

बता दें कि ओडिशा विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 74 सीटों का है। 2019 के विधानसभा चुनावों में बीजद को 112 सीटें मिली थीं। जबकि भाजपा को 23 सीटें, कांग्रेस को नौ, सीपीआई एम को एक और एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी। इस चुनाव में बीजद को करीब 45 फीसदी वोट मिले थे। जबकि भाजपा को करीब 33 फीसदी वोट मिले थे। कांग्रेस के खाते में 16 फीसदी वोट और अन्य को 6 फीसदी वोट मिले थे।

आंध्र प्रदेश की 175 विधानसभा सीटों पर कड़ी टक्कर का मुकाबला है। यहां बहुमत के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन को 88 सीटें जीतनी होंगी। यहां एक तरफ सीएम जगन मोहन रेड्डी हैं, जिनकी सरकार ने 30 मई को ही पांच साल पूरे किए हैं तो दूसरी तरफ टीडीपी-भाजपा गठबंधन है, जो इस चुनाव में जीत दर्ज करने के दावे कर रहा है। बता दें कि सूबे में चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी, पवन कल्याण की जनसेना पार्टी और भाजपा मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। एनडीए का सीधा मुकाबला जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी से है। 

चुनाव से पहले भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के नेता चंद्रबाबू नायडू ने वापसी की थी। साल 1996 में टीडीपी पहली बार एनडीए का हिस्सा बनी थी। चंद्रबाबू नायडू ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर मंत्रिमंडल में काम किया था। आंध्र प्रदेश में 2014 का लोकसभा और विधानसभा चुनाव भी टीडीपी ने भाजपा के साथ लड़ा था, लेकिन 2019 में टीडीपी, एनडीए से अलग हो गई थी।

तब जगन मोहन रेड्डी को आंध्र प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था। इस बार चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई में तेलुगू देशम, भाजपा और पवन कल्याण की जन सेना पार्टी का गठबंधन हुआ है। वाईएस शर्मिला के नेतृत्व में फिर से उभरती कांग्रेस का इस बार लेफ्ट पार्टियों के साथ ने चुनाव को त्रिशंकु बना दिया है।