देश में मतगणना से पूर्व महंगाई का डबल अटैक, आज से दूध 2 रुपए महंगा, भैंस दूध: 36 रुपए/आधा लीटर, हाईवे पर टोल टैक्स भी 5 फीसदी तक बढ़ा, गौशालाओं का कीमत बढ़ाने से इंकार, महंगाई से कैसे निपटेगी नई सरकार ?………  

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नई दिल्ली। देश में नई सरकार के गठन के पहले महंगाई आसमान छूने लगी है। मोदी सरकार के सामने महंगाई से निपटना मौजूदा दौर में सबसे बड़ी चुनौती साबित होगा। तमाम एग्जिट पोल दावा कर रहे है कि अबकी बार फिर मोदी सरकार, इंडिया गठबंधन सिर्फ उम्मीदों के सहारे आँका जा रहा है। लिहाजा संभावना बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार के ही दिल्ली की कुर्सी पर काबिज होने की है। हालांकि अभी लोकसभा चुनाव खत्म हुए ही है, मतगणना तक नहीं हुई है। बावजूद इसके आम आदमी को महंगाई का डबल झटका लगा है।

आज 3 जून से अमूल दूध 2 रुपए प्रति लीटर महंगा हो गया है। अमूल भैंस दूध: 36 रुपए/आधा लीटर, अमूल गोल्ड: 33 रुपए/आधा लीटर और अमूल शक्ति: 30 रुपए/आधा लीटर हो जाने से गांव कस्बों और शहरों में कार्यरत अन्य स्थानीय कारोबारियों ने भी दूध के दाम बढ़ा दिए है। हालाँकि देशभर की कई गौशालाओं ने दूध की कीमत बढ़ाने से इंकार कर दिया है। उनके मुताबिक वे धंधा नहीं सेवा में जुटे है, बाजार के तात्कालिक उतार – चढ़ाव से फ़िलहाल कोई घाटा नजर नहीं आ रहा है। ऐसी गौशालाओं ने दूध की कीमत यथावत रखी है। 

अमूल ब्रांड से दूध बेचने वाली गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) ने दाम बढ़ाने का एलान किया है। हालांकि कहा है कि दूध के मूल्य में 3-4 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जो औसत खाद्य महंगाई से कम है। यह मूल्य वृद्धि अमूल के सभी प्रकार के दूध पर लागू होगी। इसी तरह नेशनल हाईवे पर लगने वाले टोल टैक्स भी 5 फीसदी बढ़ा दिया गया है। आज से राष्ट्रीय राजमार्ग पर सफर भी महंगा हुआ है।

ताजा दरे आज 3 जून से लागू कर दी गई है। भारत सरकार के अधीन राष्ट्रीय राजमार्ग का उपयोग करने वाले वाहन चालकों को अब अधिक भुगतान करना होगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने देशभर में टोल दरों में औसतन 5 फीसदी की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। टोल शुल्क में यह बढ़ोतरी पहले एक अप्रैल से लागू होना था, लेकिन लोकसभा चुनावों के कारण इस बढ़ोतरी को टाल दिया गया था। अब चुनाव ख़त्म होते ही, उसे भी जनता के कन्धों पर डाल दिया गया है।

फ़िलहाल तमाम दिग्गज नेता राष्ट्रपति भोज की तैयारी में जुटे है। शेरवानी, कुर्ता – पजामा और कोट -टाई, बूट को लेकर ज्यादातर नेता अपना लिबास ‘फिक्स’ करने में जुटे है। इस कार्य में उनके चमचा – चम्मच समेत पीए भी व्यस्त है। विपक्ष के ज्यादातर नेता तो जनता के इस मुद्दे को दरकिनार कर अपने नए हुलिए को अंतिम रूप दे रहे है। ऐसे में महंगाई के डबल डोज का एहसास तक उनसे कोसो दूर बताया जा रहा है।