छत्तीसगढ़ में ED के आरोपियों के फैशन शो के बीच तिहाड़ जेल तबादले की मांग, रंग बदलती गिरगिटों की टोली, आधुनिक परिवेशों में बगैर हथकड़ी कोर्ट पहुँच रहे तमाम आरोपी, सुविधाओं में आईफ़ोन भी, जानिए इसका राज…

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में राज्य की बीजेपी सरकार पर भूपे की नौकरशाही एक बड़ी चुनौती बन गई है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की तर्ज पर दागी नौकरशाह मौजूदा विष्णु देव साय सरकार पर भी हावी होने के लिए सेंधमारी में जुटे है। नतीजतन जेल एक्ट की धज्जियाँ उड़नी शुरू हो गई है। इसकी बानगी देखकर रायपुर कोर्ट परिसर में मौजूद कई लोग उस वक्त हैरान रह गए, जब उन्होंने निलंबित डिप्टी कलेक्टर सौम्या चौरसिया को बगैर हथकड़ी फैशनेबल ड्रेस में कुलाचे मारते देखा। यही हाल कोयला माफिया सूर्यकांत तिवारी का भी था। वह भी भ्रष्टाचारी पंडित का चोला ओढ़कर आम जनता की आँखों में धूल झोकता नजर आया।

उसका परिवेश उन ब्रामणों और धर्म सेवा में जुटे लोगो को मुँह चिढ़ा रहा था जो नेकी और इंसानियत की राह पर अपना जीवन – यापन कर रहे है। आरोपी सूर्यकान्त को भी हथकड़ी नहीं पहनाई गई थी, जबकि आम आरोपियों को जेल वाहन से उतरते ही हाथों में हथकड़ी पहना दी जाती है। कोर्ट में उपस्थिति के दौरान बंदी के हाथों से हथकड़ी खोल दी जाती है, जबकि बंदीगृह से कोर्ट रूम तक आवाजाही के दौरान पुनः हथकड़ी लगाई जाती है। आम बंदियों के साथ ऐसा ही सलुख किया जाता है, फिर ED के आरोपियों को इस नियम से छूट कैसे ?

यही नहीं उन्हें अदालत परिसर के बंदी गृह में तब तक बंद रखा जाता है, जब तक कि सम्बंधित कोर्ट से पेशी के लिए पुकारा ना हो जाये। यहाँ पुरुष और महिला बंदियों के लिए अलग – अलग बंदीगृह भी उपलब्ध है। फिर भी ED के तमाम आरोपी बेफिक्री के साथ बातचीत और जन संपर्क करते नजर आते है। उनकी VIP सुविधा में हर वो वस्तुए उपलब्ध कराइ जा रही है, जिसे जेल एक्ट के तहत प्रतिबंधित किया गया है। इसमें बंदियों के कपड़े, जूते – चप्पल और अन्य सामग्री से लेकर दैनिक उपयोग की कई वस्तुए शामिल है।

बावजूद इसके आरोपियों के इर्द – गिर्द मंडरा रहा पुलिस बल नियमों का पालन कराने के बजाये आरोपियों के ‘अर्दली’ के रूप में ‘सेवाभावी’ नजर आता है। ED के आरोपियों की हरकते सुर्ख़ियों में है। रायपुर कोर्ट परिसर में हालिया पेशी के दौरान 600 करोड़ के कोयला घोटाले के आरोपी सूर्यकांत तिवारी की फैशन परेड शासन – प्रशासन को मुँह चिढ़ा रही है। पीली धोती और कुर्ता  पहने यह आरोपी मीडिया को विक्ट्री साइन दिखा कर मौजूदा बीजेपी सरकार में भी अपने जलवे बरक़रार रखने का दावा कर रहा था। जबकि निलंबित आईएएस समीर विश्नोई लंबी दाड़ी में दिखाई दिए। 

कोयला माफिया सूर्यकांत तिवारी का पहनावा जहाँ चर्चा में रहा, लोग तरह-तरह के सवाल और तंज कसते दिखाई दिए। वही पूर्व मुख्यमंत्री भूपे की निलंबित उप सचिव सौम्या चौरसिया भी कम लटके – झटके देते नजर नहीं आई। उन्होंने ने भी आधुनिक परिधानों के साथ फैशन परेड में हिस्सा लिया। कहते है कि सौम्या मैडम अब मुँह दिखाने लायक तक नहीं रही। भूपे को उसने कही का नहीं छोड़ा, यही नहीं भूपे ने भी इसे जेल भेज कर ही दम लिया, सौम्या के तेवरों का कई लोग मजा भी लेते रहे। यही नहीं महिला पुलिस बल से कई लोग यह पूछने में पीछे नहीं रहे कि भ्रष्टाचार की इस मूर्ति के हाथों पर आम बंदियों की तर्ज पर आखिर क्यों हथकड़ी नहीं पहनाई गई।

ED के ये तमाम आरोपी किसी जनहित के मामले में नहीं बल्कि भारी भरकम भ्रष्टाचार के अपराधों में लिप्त पाए गए है। ऐसे आरोपियों को मौजूदा दौर में मिल रही VIP सुविधाएं जेल विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवालियां निशान खड़ा कर रही है। दिलचस्प बात यह है कि पहनावे को लेकर आरोपी कुतर्क करने में भी पीछे नहीं है। आम बंदियों को जेल एक्ट का पाठ पढ़ाकर ऐसी पोशाकों के इस्तेमाल पर रोक का हवाला दिया जाता है। न्यायिक हिरासत के दौरान जेल नियमों के मुताबिक बंदियों को गिने चुने कपड़े ही अपने साथ रखने की इजाजत होती है। सूत्र बताते है कि सूर्यकांत तिवारी समेत तमाम आरोपी आधुनिक पोशाकों और प्रतिबंधित सामग्री का उपयोग कर रहे है।

ऐसे कपड़ों को लेकर आरोपी सूर्यकांत की दलील है कि अपनी ग्रह दशाओं को सुधारने के लिए ऐसा पोशाक पहना है. वैसे प्रत्येक गुरुवार को मैं पिला वस्त्र ही धारण करता हूं. उधर 600 करोड़ के कोल स्कैम घोटाले में आरोपी सूर्यकांत तिवारी के साथ EOW की चौखट पर दस्तक दे रही, सौम्या चौरसिया लोगो को अपना मुँह तक दिखाने में बचती रही। उन्होंने मुँह में सफ़ेद मास्क पहन रखा था। कई मौको पर वो मीडिया के तरफ चेहरा तक करने में पहरेज बरत रही थी।

उन्होंने तस्वीरें लेने से मना करने के लिए अपने प्राइवेट गार्ड भी लगा रखे थे। कोरोना का संकट बीते महीनों हो चुके है। इन दिनों छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण को लेकर कही कोई पीड़ित भी ढूंढे नहीं मिल रहा है। प्रदेश में सामान्य स्थिति है, मास्क लगाना अनिवार्य भी नहीं है। इस बीच सौम्या और रानू साहू के चेहरे पे लगा मास्क अपनी दास्तान खुद बा खुद कहता नजर आया।

आईएएस समीर विश्नोई समेत ये तमाम आरोपी चार दिनों तक के लिए ईओडब्ल्यू रिमांड पर है। कोयले लेवी घोटाले में सभी से पूछताछ चल रही है। सूत्रों के मुताबिक ED के आरोपियों द्वारा जेल के भीतर उपयोग किया जा रहा एक आईफोन भी बरामद किया गया है। जेल प्रहरियों ने इसकी बरामदगी कर वरिष्ठ अधिकारीयों को सूचित भी किया है। रायपुर सेंट्रल जेल के अस्पताल में बैठकर तमाम आरोपी ED और बीजेपी सरकार के खिलाफ रणनीति तय करते है।

इलाज के नाम पर उनका जमघट चर्चा में है। बताते है कि बीजेपी सरकार में भी अपने रसूख जताने के लिए आरोपियों ने VIP सुविधाओं में आईफोन को भी उपलब्ध करा रखा है। जेल में आईफोन मिलने की घटना दो दिन पुरानी उस वक़्त की बताई जा रही है, जब EOW ने सूर्यकांत तिवारी का रिमांड माँगा था। न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने इस मामले को लेकर जेल प्रशासन की प्रतिक्रिया लेनी चाही, लेकिन अधिकारीयों ने  मामले को लेकर चुप्पी साध ली।    

इसकी बरामदगी उस स्थान से हुई है, जहाँ एक वरिष्ठ डॉक्टर नियमित सेलुलर सेवाएं प्रदान करते है। जेल प्रशासन मामले की तहकीकात में कितना दबाव महसूस करेगा, यह तो वक़्त ही बताएगा। लेकिन यहाँ हालिया पदस्थ जेल सुपरिटेंडेंट की कार्यप्रणाली को लेकर आम बंदियों में जहाँ संतोष देखा जा रहा है, वही ED के दल – बल शाली आरोपियों को नियम कायदों का पालन करना बिल्कुल भी रास नहीं आ रहा है।

जेल एक्ट के पालन कराने की हिदायत के बाद यहाँ के सुपरिटेंडेंट को आरोपियों ने तबादले की धमकी दी है। बताते है कि सूर्यकांत ने अपने राजनैतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए बीजेपी सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री के आगे VIP सुविधाएं मुहैया कराने की झड़ी लगा दी है।

उधर आरोपी यह भी दावा कर रहे है कि उनके निर्देश पर मंत्री जी ने नोटशीट भी दौड़ा दी गई है, बस 4 जून का इंतेज़ार है। बताते है कि सूर्यकांत को बीजेपी के इन्ही वरिष्ठ मंत्री का संरक्षण VIP ट्रीटमेंट की राह तय कर रहा है, जबकि सौम्या की सुख – सुविधाएं जुटाने को लेकर खुद भूपे सामने आये थे।

उन्होंने अपने दिल का दर्द बयां करते हुए विधानसभा परिसर से ही मुखिया जी को मोबाइल घन घनाया था। बहरहाल ED के तमाम आरोपी शासन – प्रशासन के लिए मुसीबत भी साबित हो रहे है। उनकी ऊँची पहुँच के चलते गवाहों को प्रभावित भी किया जा रहा है। आरोपियों की VIP सुविधाओं को लेकर ED ने अदालत में भी गुहार लगाई थी।

इसमें जेल एक्ट का पालन कराने पर जोर दिया गया था। लेकिन जेल प्रशासन अपने ही एक्ट का पालन कराने में नाकाम नजर आया। जानकारी के मुताबिक आरोपियों की VIP सुविधाओं से जेल में तेजी से असंतोष फ़ैल रहा है। एक ओर नियमों का पालन करने वाले हज़ारों बंदी है, जबकि दूसरे खेमे में ED के मुट्ठीभर आरोपी।

ऐसी कठिन परिस्थिति में जेल के भीतर बलवा – दंगा फैलने के भी आसार है। लिहाजा कई बंदियों के परिजनों ने ED के तमाम आरोपियों के दिल्ली तिहाड़ जेल स्थानांतरण की मांग की है। उनके मुताबिक ED की दिल्ली में दर्ज ECIR में कई आरोपी ऐसे है, जिनके खिलाफ रायपुर ED में भी ECIR दर्ज है। यही नहीं आरोपियों के खिलाफ EOW भी विभिन्न घोटालों की जांच कर रहा है। ऐसे में जनहित के मामले में आरोपियों का रसूख जांच एजेंसियों पर भारी पड़ा है।