रायपुर : छत्तीसगढ़ में पत्रकारों के साथ ज्यादती और फर्जी FIR दर्ज अब दर्ज नहीं होगी। इसके लिए राज्य की बीजेपी सरकार ने ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए है। ताजा जानकारी के मुताबिक पूरवर्ती कांग्रेस की भूपे बघेल सरकार ने जिन पत्रकारों के खिलाफ फर्जी FIR दर्ज कर प्रताड़ित किया था, उन मामलों की जांच के निर्देश दिए गए है। पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर पुलिस को समुचित निर्देश भी जारी किये गए है।
राज्य की विष्णुदेव साय सरकार ने उन मामलों को गंभीरता से लिया है, जिसमे फर्जी सबूत और दस्तावेज गढ़ के दर्जनों पत्रकारों को जेल तक में निरुद्ध किया गया था। राज्य सरकार ने पत्रकारों को आश्वस्त किया है कि उनके साथ फर्जीवाड़ा नहीं होगा। चौथा स्तंभ स्वतंत्रता पूर्वक अपना कार्य कर सकेगा।
हाल ही में कई पत्रकार संगठनों और सिविल सोसाइटी ने कांग्रेस राज में प्रताड़ित पत्रकारों की हकीकत से बीजेपी सरकार को अवगत कराया था। बीजेपी मीडिया विभाग ने भी भूपे सरकार की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से तमाम प्रकरणों की निष्पक्ष जांच की मांग रखी थी। बताया जाता है कि पुलिस अब पत्रकारों से भी पूछताछ करेगी, ताकि फर्जीवाड़े से जुड़े मामलों की हकीकत उजागर हो सके।
उधर राज्य के कई वरिष्ठ पत्रकारों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और गृहमंत्री विजय शर्मा के प्रति आभार व्यक्त करते हुए, जल्द पुलिस अधिकारियों और कानून के जानकारों की एक कमेटी भी गठित करने की मांग की है। इस कमेटी में निष्पक्ष और बेदाग छवि के अधिकारियों को शामिल करने की गुहार भी लगाई गई है।
गौरतलब कि भूपे – सौम्या आर्थिक दम्पति के अलावा कई दागी आईपीएस अधिकारी जांच को प्रभावित करने के लिए जुट गए है। लिहाजा पत्रकारों ने गृहमंत्री विजय शर्मा का ध्यान इस ओर आकृष्ट करते हुए कहा है कि पत्रकारों को अपनी बेगुनाही साबित करने और फर्जीवाड़े सम्बन्धी बयान दर्ज कराने हेतु पर्याप्त मौका दिया जाना चाहिए। इससे पारदर्शितापूर्ण जांच संभव हो सकेगी।