पुलिस के कमरे में भ्रष्टाचार की महारानी, पूर्व मुख्यमंत्री की ‘हमराह’ लटके – झटके के साथ कानून की चौखट में, सौम्या चौरसिया को 4 दिनों की EOW रिमांड, धड़का भूपे बघेल का दिल, प्रदेशभर में अनुपातहीन संपत्ति का साम्राज्य……

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रायपुर : छत्तीसगढ़ के 22 सौ करोड़ के शराब और 6 सौ करोड़ के कोल खनन परिवहन घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल की ‘हमराह’ सौम्या चौरसिया के 4 दिनों तक के लिए EOW रिमांड ली गई है। इस अवधि में EOW के अधिकारी उससे तमाम घोटालों और भूपे बघेल के साथ अंजाम दिए गए, आर्थिक घोटालों को लेकर पूछताछ करेगी। वर्ष 2018 में डिप्टी कलेक्टर के पद से जंप करते हुए सौम्या चौरसिया सीधे बघेल की उपसचिव बन गई थी। इसके बाद बघेल और सौम्या के अपराधों से पूरा प्रदेश डोलने लगा था। सीएम हाउस में बतौर पटरानी सौम्या के आगमन से जहां प्रदेश को भ्रष्टाचार की महारानी प्राप्त हुई थी, वही पूर्व मुख्यमंत्री का दाम्पत्य जीवन भी चर्चा में रहा था।

घर में मचे घमासान और बाप की ढीली चड्डी के चलते पुत्री ने आत्महत्या जैसा घातक कदम भी उठा लिया था। यही नहीं सौम्या के कब्जे में दो जुड़वाँ बच्चों के वैधानिक और जेनेटिक माता – पिता की पहचान का मामला भी लंबित बताया जाता है।भूपे राज्य में आतंक की पर्याय बन चुकी सौम्या से होने वाली पूछताछ काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। माना जा रहा है कि आरोपी सौम्या चौरसिया और पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल के बीच चोली दामन का साथ होने के चलते छत्तीसगढ़ शासन की तिजोरी पर जमकर चूना लगा है।

आज अदालत में डिप्टी कलेक्टर सौम्या के साथ आरोपी आईएएस और रायगढ़ की पूर्व कलेक्टर रानू साहू को भी अदालत में पेश किया गया था। EOW ने दोनों ही आरोपियों से पूछताछ की मांग को लेकर 15 दिनों की रिमांड मांगी थी। हालांकि कोर्ट ने 4 दिनों की रिमांड प्रदान की। इसके बाद दोनों ही आरोपी अधिकारियों को EOW मुख्यालय भेज दिया गया है। यहाँ दोनों ही आरोपी पूछताछ कक्ष में अपनी – अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे है। इस दौरान उनके क़ानूनी सलाहकार और अन्य परिजन भी EOW मुख्यालय में नजर आये।

बताया जाता है कि पूछताछ से पूर्व आरोपी अधिकारियों का मेडिकल टेस्ट भी कराया गया है। बताते है कि कोर्ट में सौम्या और रानू साहू का आमना – सामना भी हुआ, दोनों ने एक दूसरे को घूर कर देखा और अपशब्द भी कहे। हालांकि मौके पर मौजूद महिला पुलिस कर्मियों ने फ़ौरन दोनों को एक दूसरे के सामने से चलता कर दिया। इसके पश्चात दोनों ही आरोपी एक दूसरे के अगल – बगल में खड़े नजर आये।

उधर सौम्या चौरसिया से घोटालों को लेकर व्यापक पूछताछ की संभावना जताई जा रही है। बताते है कि तमाम घोटालों और काली कमाई की बंदरबाट को लेकर पूर्व सुपर सीएम सौम्या और उन्ही के समकक्ष कुर्सी पर आसीन अनिल टुटेजा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सौम्या और कोयला दलाल सूर्यकान्त तिवारी एक ओर से धन बटोर रहे थे, तो दूसरी ओर से तत्कालीन रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू भी सूर्यकान्त के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोयले पर 25 रुपये टन अवैध लेव्ही वसूल रहे थे।

इस गिरोह ने सालाना 10 हज़ार करोड़ से ज्यादा की चपत सरकारी तिजोरी पर लगाई थी। हालांकि ED को लगभग 6 सौ करोड़ के ही सबूत हाथ लगे थे। आरोपी सौम्या चौरसिया से अभी तक मात्र 30 करोड़ की संपत्ति ही जप्त हो पाई है। जबकि 5 हज़ार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति और उसके सौदे राजधानी रायपुर के इर्द – गिर्द मंडरा रहे है।

जानकारी के मुताबिक कोयला घोटाले मामले में जेल में बंद निलंबित IAS रानू साहू और सौम्या चौरसिया प्रोडक्शन वारंट पर विशेष कोर्ट में पेश किया गया था। दरअसल ईओडब्ल्यू ने प्रोडक्शन वारंट के लिए कोर्ट में एक याचिका पेश की थी। दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद जज अतुल श्रीवास्तव की कोर्ट ने 4 दिनों की EOW रिमांड स्वीकृत की। बताते है कि पूछताछ के दौरान ही कई सबूतों को इकट्ठा करने और विवेचना योग्य दस्तावेजों की जप्ती को लेकर ED रिमांड की अवधि बढ़ाने के लिए कोर्ट में पुनः अर्जी पेश कर सकती है। इधर आरोपी रानू साहू ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खट – खटाया है। वही सौम्या चौरसिया की जमानत को लेकर बिलासपुर हाई कोर्ट में सोमवार को सुनवाई के आसार है।