कवर्धा/ रायपुर: छत्तीसगढ़ का कवर्धा जिला प्रदेश के संवेदनशील इलाकों में शामिल हो गया है। यहाँ आम अपराधों के अलावा नक्सली वारदाते इस जिले को और ज्यादा चर्चित कर रही है। कवर्धा की चर्चा ‘अयोध्या’ की तर्ज पर की जाने लगी है, जहाँ एक दौर में सांप्रदायिक तनाव और कर्फ्यू आम हो चला था। इस इलाके में भी कानून व्यवस्था चर्चा में है। दरअसल, हादसे और सनसनीखेज घटनाओं को लेकर अचानक यह इलाका सुर्ख़ियों में है। इस इलाके का प्रतिनिधित्व राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा करते है। प्रदेश में हिंदुत्व की पाठशाला के रूप में चर्चा में आया यह इलाका अब प्रदेश के सबसे बड़े सड़क हादसे और इसके लिए जिम्मेदार सरकारी महकमे को लेकर सुर्ख़ियों में है। इस हादसे के बीत जाने के घंटो बाद भी सरकारी जिम्मेदारी तय नहीं की गई है।
आखिर सड़क और परिवहन विभाग के स्थानीय अधिकारी पाक- साफ है ? पुलिस ने हादसे के लिए वाहन मालिक और उसके ड्राइवर पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन सरकारी महकमे की जिम्मेदारी भी इसी तर्ज पर तय करने के लिए हीला – हवाली बरतना भी शुरू कर दिया है। हालांकि मुआवजा और मातम के बीच सरकारी अधिकारियों पर कार्यवाही समाचार लिखे जाने तक लंबित बताई जाती है। कार्यवाही के नाम पर ‘औपचारिकता’ ही सही, पर समय रहते वैधानिक कदम तो उठाइये ‘सरकार’ ताकि जनता को एहसास हो सके, सड़कों पर उनकी जान ‘जोखिम’ में नहीं है। राज्य में सड़कों पर दौड़ रहे वाहनों की फिटनेस, ड्राइवरो की समय सेवा, सड़क परिवहन नियमों के समुचित पालन हेतु ठोस कदम उठाये जाना आवश्यक बताया जा रहा है।
कवर्धा के कुकदूर इलाके में एक साथ 19 शवों को जलता देख लोगो की आत्मा उस समय बिलख उठी जब मारे खौफ में उन्होंने इन अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया। वे तेज रफ़्तार वाहनों और अनियंत्रित गति से हवा में बात करने वाले वाहनों के हादसे से रूबरू हुए। जीवन में पहली बार एक साथ दर्जनों शवों को जलता देखकर उन्हें भी अब अपनी जान जोखिम में नजर आने लगी है। नजर हटी दुर्घटना घटी नारो से कितनी जागरूगता बढ़ी है, इसका आंकलन सड़क हादसों को लेकर NCRB के आंकड़ों से किया जा सकता है। राज्य की मौजूदा बीजेपी सरकार के सामने सड़क और परिवहन व्यवस्था को चूस्त – दुरुस्त बनाये जाना सबसे महत्वपूर्ण चुनौती है। कवर्धा सड़क हादसा इसकी बानगी मात्र है। प्रदेश में रोजाना सड़क हादसों में मारे जाने वालों का आंकड़ा किसी महानगर की तुलना में सर्वाधिक स्तर पर है।
गंभीर तथ्य यह है कि बेहतर सड़कों का नेटवर्क उपलब्ध होने के बावजूद नागरिको की जान जोखिम में नजर आ रही है। इसके लिए सरकारी प्रयास ना काफी है, नागरिको को भी यातायात नियमों का पालन कराने में खुद को जिम्मेदारी के साथ पहल करनी होगी। फ़िलहाल तो कवर्धा हादसों का शहर बन गया है। यहाँ एक घटना में 15 महिलाओं और तीन नाबालिग लड़कियों सहित 19 की मौत और तीन अन्य घायल हो गए थे। छत्तीसगढ़ का कवर्धा जिला अब प्रदेश में ‘हॉट केक’ के रूप में अव्वल नंबर पर है।
यहाँ प्रशासिक व्यवस्था से लेकर कायदे कानूनों के पालन का मामला प्रदेशभर में मिसाल के रूप में देखा जा रहा है। गृहमंत्री विजय शर्मा का गृहनगर ही नहीं बल्कि उनके कर्म क्षेत्र का राजनैतिक अखाड़ा बन जाने के चलते इस सीट को हिंदुत्व की पाठशाला के रूप में भी देखा जाने लगा है। राष्ट्रीय राजनीति में अलख जगाने वाले इस इलाके को विकास की गति से भी जोड़ कर देखा जाने लगा है। गृह मंत्री के प्रतिनिधित्व का इलाका होने के चलते आम जनता की उम्मीदे भी आसमान छू रही है।
इस नई पहचान के साथ बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे, यहाँ के लोग हादसों, घटनाओं और दुर्घटनाओं को लेकर खौफ में है। ताजा मामला उस सड़क हादसे का है, जिसमे 19 की मौत हो गई, जबकि दर्जनों घायल हो गए थे। इस घटना से पूर्व कवर्धा में नक्सली वारदात और एन्काउंटर से समूचा प्रदेश दहल गया था। यहाँ साम्प्रदायिक तनाव और कर्फ्यू आम हो चला है, इसकी नीव वर्ष 2018 में उस समय रख दी गई थी, जब मोहम्मद अकबर यहाँ से विधायक चुने गए थे। इसके बाद से लॉ एंड आर्डर के मामले में कवर्धा संवेदनशील माने जाने लगा है।
हालिया पुलिस नक्सली मुठभेड़ में यहाँ डेढ़ दर्जन से ज्यादा नक्सली मारे गए थे। हत्याओं, बलवा और शराब की अवैध बिक्री के मामले में भी यह इलाका चर्चा में है। विजय शर्मा के गृहमंत्री बनने के बाद से जहाँ इस इलाके में विकास की नई राह नजर आ रही है, वही रोजमर्रा की घटनाओं ने समूचे जिले में खौफ पैदा कर दिया है। सिर्फ सड़क और यातायात परिवहन ही नहीं बल्कि सरकार की योजनाओं को आम लोगो तक पहुँचाना भी शासन – प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। इस बीच एक पिकअप वाहन के घाटी में गिर जाने से 19 लोगों की दर्दनाक मौत की घटना से एक बार फिर कवर्धा सुर्ख़ियों में है।
उधर घटना स्थल पर जान – माल की सुरक्षा के साथ – साथ स्थानीय पुलिस ने दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के साथ -साथ दोषियों पर वैधानिक कार्यवाही शुरू कर दी है। पुलिस ने दुर्घटना के लिए जिम्मेदार वाहन मालिक और उसके चालक को गिरफ्तार कर लिया है। कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव के मुताबिक कुकदूर थाना क्षेत्र के निवासी वाहन मालिक रामकृष्ण साहू और चालक दिनेश यादव को गैर इरादतन हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। एसपी पल्लव ने कहा कि दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 279, 337 और 304 (गैर इरादतन हत्या) तथा मोटर वाहन अधिनियम 1988 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
कवर्धा में घटित यह हृदय विदारक घटना उन पीड़ित परिवारों के साथ हुई जो जंगलो से तेंदू पत्ता संग्रहण किया करते थे। स्थानीय विधायक व मंत्री विजय शर्मा और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने फ़ौरन घटना का जायजा लेकर पीड़ितों के प्रति दुःख जताया है। राज्य सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। यह सहायता ऐसे मामलों में जिला प्रशासन द्वारा प्रदान की जाने वाली अनुग्रह राशि के अतिरिक्त होगी। फ़िलहाल इलाके में पसरे मातम के बीच सड़क और परिवहन हादसों को रोकने और नियमों के सख्त पालन कराये जाने की मांग जोर पकड़ रही है।