छत्तीसगढ़ में घोटालों के सरताज भू-पे बघेल और अनिल टुटेजा क्या होंगे गिरफ्तार ? स्टे को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती ? EOW और महाधिवक्ता कार्यालय के बीच कमजोर कड़ी का मिला था फायदा…

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रायपुर/बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में घोटालों के सरताज कुख्यात पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे बघेल और उसका बंदोबस्त अधिकारी पूर्व IAS अनिल टुटेजा सुर्खियों में है। जनधन की लूट में शामिल रहीं टुटेजा एंड कंपनी भी, क्या वाकई गिरफ्तार होंगी यह देखना गौरतलब है ? दरअसल कारोबारी अनवर ढेबर,अचानक EOW के हत्थे चढ़ गए हैं। बताते हैं कि बारी पहले भू-पे और टुटेजा पिता-पुत्र की थी। लेकिन इसके पहले ही EOW में ऐसा उलटफेर हुआ कि गाज”अनवर मियां”पर गिर गई। अनवर के बयान भी भू-पे बघेल को जेल की हवा खिलाने में कारगर साबित होंगे, जानकारी यही सामने आ रही है। EOW के हत्थे चढ़ने से पहले अनवर ढेबर ने एक बार फिर दावा किया था कि वे पाक-साफ हैं। उन्हें राजनैतिक प्रतिद्वंदिता के चलते फंसाया जा रहा है, ढेबर ने अपना पक्ष अदालत में भी रखा है।

अंतरिम जमानत पर छूटे कारोबारी अनवर ढेबर की इस बार गिरफ्तारी EOW ने की है। इसके पूर्व ED ने उन्हें शराब घोटाले में नामजद आरोपी बनाया था। बीमारी का हवाला देने के बाद ढेबर को हाई कोर्ट से अंतरिम राहत मिली थी। महीनों बाद ढेबर अब ED के सवालों का जवाब देने में जुटे हैं। EOW ढेबर से पूछताछ करने में जुटी है। छत्तीसगढ में शराब घोटाले को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। अनवर ढेबर की गिरफ्तारी के बाद भूपेश बघेल और अनिल टुटेजा की भी गिरफ्तारी को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है।

कानूनी दांव-पेचों के चलते दोनों ही आरोपी अभी तक बचते रहे हैं।इस बीच खबर आ रही है कि पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे बघेल की करीबी निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया ने भी अब अपना मुंह खोला है। EOW की टीम आरोपी सौम्या से पूछताछ करने में जुटी है। उससे सच उगलवाया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक अब तक की पूछताछ में सौम्या चौरसिया ने पहले तो किसी शराब घोटाले के होने से ही इंकार किया था। लेकिन EOW द्वारा काला चिट्ठा दिखाए जाने के बाद सौम्या ने सारा दोष पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे पर मढ दिया है। उसने साफ तौर पर कहा है कि अधिकारी “सरकार” के निर्देश पर कार्य कर रहे थे। “सरकार” शब्द से उसका तात्पर्य भू-पे बघेल ही बताया जा रहा है।

EOW की टीम आने वाले दो दिनों तक सौम्या चौरसिया के अलावा निलंबित IAS रानू साहू से भी पूछताछ करेगी। रानू साहू भी हकीकत बयान कर रही है, उनके मुताबिक सौम्या चौरसिया और भू-पे, दोनों हमजोली की तरह दबाव बना कर गैर कानूनी कार्यों में जुटे हुए थे। सूत्रों के मुताबिक रानू साहू ने सरकारी गवाह बनने की इच्छा जाहिर कर भू-पे और कोयला माफिया सूर्यकांत तिवारी के काले कारनामों के कई राज उगले हैं।शराब घोटाले के आरोपियों से जेल में ही पूछताछ की जा रही है, जबकि EOW की एक अन्य टीम अनवर से अपने ही दफ्तर में पूछताछ में जुटी हुई है, अनवर ढेबर को आज अदालत में पेश कर EOW ने रिमांड भी मांगा है। फिलहाल मामले की सुनवाई जारी है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे बघेल भूमिगत होने की तैयारी में जुटे बताए जाते हैं। उन्हें भी अपने गिरफ्तारी का अंदेशा सता रहा है।

छत्तीसगढ़ में EOW ने घोटालेबाजों के खिलाफ अपनी कार्यवाही तेज कर दी है। अब आरोपियों पर शिकंजा कसने के लिए विधिसंगत कदम उठाए जा रहे हैं, इसके पूर्व EOW का महात्मा कुख्यात आरोपियों को बचाने में जुटा था। जेल में बंद आरोपियों से पूछताछ और नई गिरफ्तारी से EOW और आरोपियों के बीच लंबे अरसे से जारी आंख मिचौली का खेल नए मोड़ में आ गया है। अब पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे बघेल की गिरफ्तारी के कयास लगाए जा रहे हैं। हालाकि बघेल अपने बचाव में इसे बीजेपी की हताशा करार दे रहे हैं। दूसरी ओर लोगों को आश्चर्य हो रहा है कि दर्जनों घोटाले करने के बावजूद आखिर कोई शख्स चुनाव का हवाला देकर कैसे बच निकल सकता है ? चाहे राजनीति के बघेल क्यों ना हों ? क्या कानून ऐसे गिरोहबाजों पर लगाम कसने के मामले में सक्रियता दिखाएगा ? जनता अब यह सवाल भी पूछने लगी है।

भू-पे राज से लेकर आखिर क्यों अभी तक फिसड्डी साबित हुआ था EOW का अमला। इसे लेकर राजनैतिक और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा सरगर्म है। सूत्रों का दावा है कि भूपे गिरोह में शामिल कुछ चुनिंदा IPS अधिकारी अभी भी सौम्या चौरसिया के संपर्क में हैं। अब नए अफसर नए फरमान के चलते अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि जल्द भू-पे और उनकी टोली भी EOW की गिरफ्त में होगी। अदालती सूत्र बताते हैं कि बिलासपुर हाई कोर्ट में टुटेजा एंड कंपनी की कई याचिका पर झूठे कथन डार्क किए हैं। भू-पे राज में जारी सुनवाई के लिए EOW के कुछ चुनिंदा अफसरों ने सरकारी पक्ष के तथ्यों को कमजोर बना कर पेश कर दिया था।

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के सत्ता में आने के बावजूद दागी अफसरों की निष्ठा शासन के प्रति ना होकर दागी मुख्यमंत्री भू-पे और अनिल टुटेजा के पक्ष में नजर आती है। कानून के जानकार बताते हैं कि सौम्या और टुटेजा के खिलाफ दर्ज तमाम मामलों में अभी तक EOW का रूख कमजोर दलीलों के साथ अदालत में उपस्थित होता था। इस मामले में IPS पी.सदानंद की महत्वपूर्ण भूमिका बताई जाती है। EOW के तत्कालिन SP रहे पी. सदानंद और आरोपी टुटेजा एंड कंपनी, पिता-पुत्र की कई व्हाट्सएप चैट सार्वजनिक हुई है।

यह अनुशासनहीनता और कानून के उल्लंघन के दायरे में है।EOW द्वारा आरोपियों के पक्ष में गैर कानूनी सहायता दिए जाने के मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। इससे जुड़ी ED की पड़ताल में कई चैट भी सामने आई है।पता चलता है कि EOW खुद शुरुवाती दौर से टुटेजा एंड कंपनी के बचाव में जुटा था। लेकिन अब बीजेपी के सत्ता में आने के बाद EOW ने कानून की राह पकड़ ली है। नई टीम के साथ EOW ने आरोपियों के खिलाफ विधिसंगत कार्यवाही शुरू कर दी है।