छत्तीसगढ़ में एक्शन मोड पर ACB, महादेव ऐप,कोयला और शराब घोटाले के आरोपियों से पूछताछ शुरू, बड़े षडयंत्र की आशंका, CBI जांच जरूरी…

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रायपुर/दिल्ली। छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच महादेव ऐप सट्टा, शराब घोटाला और कोयला घोटाला मामले में ACB ने आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है। इससे जांच में तेजी आने के आसार हैं। EOW ने आरोपियों से पूछताछ के लिए विशेष टीम गठित की है। अदालत से अनुमति मिलने के बाद आज 29 मार्च से 2 अप्रैल तक जेल में बंद आरोपियों से ACB और EOW की टीम पूछताछ करेगी। बताया जाता है कि स्पेशल कोर्ट से ACB को 29 मार्च से 2 अप्रैल के बीच अलग-अलग दिनों में अलग-अलग प्रकरणों में पूछताछ करने की अनुमति मिली है।

प्रवर्तन निदेशालय की विशेष अदालत में एसीबी की ओर से तीन आवेदन पेश किए गए थे। इन आवेदनों में जेल में बंद आरोपियों से पूछताछ की मांग की गई थी। सबसे गंभीर तथ्य यह है कि आरोपियों की पूछताछ सूची में सबसे महत्वपूर्ण शख्स सी.बी. वर्मा का नाम दर्ज नही किया गया है। आरोपी पुलिस अधिकारी सी.बी. वर्मा वही शख्स है जो महादेव ऐप सट्टे की नगद रकम को तत्कालीन मुख्यमंत्री भू-पे बघेल और उनके सलाहकार विनोद वर्मा के ठिकानों पर पहुंचाया करता था। इसके निर्देश उसे IPS अधिकारी शेख आरिफ, आनंद छाबड़ा, अजय यादव और प्रशांत अग्रवाल द्वारा प्राप्त होते थे।

ED को दिए बयान में सी. बी. वर्मा ने महादेव ऐप घोटाले के तमाम कारोबारियों और IPS अधिकारियों का काला चिट्ठा भी दर्ज कराया था। उसने बताया था कि वो मात्र छोटा प्यादा है, असल कारोबार तो IPS अधिकारियों के संरक्षण में चल रहा था। इतने महत्वपूर्ण गवाह का नाम पूछताछ सूची में ना होना किसी बड़े षडयंत्र की ओर इशारा कर रहा है। सूत्रों का दावा है कि दागी IPS अधिकारियों को बचाने के लिए कम समय में सभी घोटालों की एक साथ पूछताछ की जा रही है। जबकि तमाम आरोपियों के तार एक दूसरे घोटाले से जुड़े हुए हैं। मामले के जानकार ACB की पूछताछ को संदेह की निगाहों से देख रहे हैं।

शराब घोटाला, महादेव ऐप,और कोयला घोटाला मामले में एक साथ अदालत में पेश आवेदन सुर्खियों में है।अदालत में राज्य सरकार के अधिवक्ताओं ने आवेदन पेश कर विशेष न्यायाधीश से आग्रह किया कि ED के प्रतिवेदन के आधार पर एसीबी ने कोयला स्कैम, महादेव ऐप सट्टा घोटाला और शराब घोटाला मामले में अपराध दर्ज किया है। मामले की विवेचना में आरोपियों से पूछताछ की आवश्यकता जताई गई है। ईडी की विशेष अदालत ने एसीबी की ओर से पेश आवेदन को स्वीकार करते हुए जेल में निरुद्ध आरोपियों से पूछताछ की अनुमति दी है, जिन आरोपियों से पूछताछ होनी है उसमें महादेव ऐप सट्टेबाजी मामले में असीम दास, भीम यादव और सतीश चंद्राकर का नाम दर्ज कराया गया है, जबकि सी.बी. वर्मा का नाम नदारद है। उससे कब पूछताछ होगी यह भी साफ नही किया गया है।

फिलहाल EOW की पूछताछ शुरू होने की जानकारी सामने आई है। राज्य के 2200 करोड़ के शराब घोटाला मामले में अरविंद सिंह के पूछताछ होगी, करीब 600 करोड़ रूपए के कोयला घोटाला मामले में समीर बिश्नोई, सूर्यकांत तिवारी, शिवशंकर नाग और एस.नायर से पूछताछ की जाएगी। हालाकि ACB सूत्रों से संकेत मिले हैं कि मामलों में निष्पक्ष जांच की जा रही है।

छत्तीसगढ़ में करीब 6000 करोड़ के महादेव ऐप घोटाला मामले में मुख्य भूमिका भू-पे की बताई जाती है, लेकिन इस कारोबार का संचालन और नियंत्रण IPS अधिकारियों के हाथों में बताया जाता है।ED की जांच में घोटाले के तार दागी IPS अधिकारियों के दफ्तर और घरों तक जुड़े पाए गए हैं।

यह भी बताया जाता है कि महादेव ऐप के संचालन में दागी IPS अधिकारियों ने कई अधिनस्थ ASP, DSP और थानेदारों को भी शामिल कर लिया था। घोटालों से अर्जित नगद रकम से आरोपी अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर नामी-बेनामी संपत्ति भी बनाई है। इसे करीबी नाते- रिश्तेदारों, नौकरों और परिचितों के नाम पर क्रय-विक्रय किया गया है।

बताया जाता है कि अखिल भारतीय सेवाओं में आने के बाद देश के सबसे धनवान IPS और IAS अधिकारी छत्तीसगढ़ में ही पाए जाते हैं,उनका नाम भी ED ने EOW को सौंपे गए दस्तावेजों में दर्ज किया है। बहारहाल महादेव ऐप घोटाला मोदी गारंटी के दायरे में है। इसे लेकर CBI जांच की मांग जोर पकड़ चुकी है। अदालत से लेकर सड़को तक दागी IPS अधिकारियों के खिलाफ जनता का गुस्सा आग उगल रहा है।

कई सामाजिक संगठनों और कार्यकर्ताओं ने घोटाले की CBI जांच की मांग को लेकर अदालत का रूख भी किया है। न्यूज टुडे छत्तीसगढ़ संवाददाता ने मामले की जानकारी को लेकर EOW के अधिकारियों से भी संपर्क किया। लेकिन विवेचना को लेकर आधिकारिक रूप से कोई जानकारी नही प्राप्त हो पाई।