छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री के जिले में SP का दूसरी बार फर्जीवाड़ा, कवर्धा में तीन बैगा आदिवासियों की मौत को पहले आगजनी की घटना करार देकर मुआवजा भी दिलवा दिया, अब तीनों की हत्या के आरोप में 14 गिरफ्तार

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कवर्धा/रायपुर। छत्तीसगढ के कवर्धा से बड़ी खबर सामने आई है।यहां 3 बैगा आदिवासियों पति पत्नी व उनके 12 वर्षिय बेटे की आगजनी से मौत की खबर सामने आई थी। यह घटना 14 जनवरी 2024 की देर रात की बताई जाती है। जानकारी के मुताबिक मौका ए वारदात थाना कुकदूर के ग्राम पंचायत माठपूर के आश्रित ग्राम नागाडभरा की बताई जाती है। घटना की सूचना के बाद तत्कालीन स्थानीय थाना प्रभारी सावंत सारथी ने घटनास्थल का जायजा लेने के बाद तीनों आदिवासियों की मौत आग लगने से होना बताया था। इस मामले में मर्ग कायम कर जांच खत्म कर दी गई थी।लेकिन अब इन आदिवासियों की हत्या के आरोप में 14 लोगों की गिरफ्तारी की सूचना आ रही है।

मामला हत्या का दर्ज किया गया है।बताया जाता है कि हत्या के खुलासे के बाद स्थानीय पुलिस ने आरोपियों की धर पकड़ तेज कर दी है। हैरानी वाली बात यह है कि पुलिस की रिपोर्ट के बाद आगजनी की थ्योरी पर विश्वास करते हुए जिला कलेक्टर कवर्धा के निर्देश पर जनपद CEO पंडरिया द्वारा घटना से प्रभावित पीड़ित परिवार को राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के तहत 20 हजार की आर्थिक सहायता दी गई थी। इसके बाद प्रभावित परिवार को जिला प्रशासन द्वारा RBC06-04 के तहत 04-04 लाख रुपए कुल 12 लाख का चेक भी सौंपा गया था। बताते हैं कि यह राशि आकास्मिक मृत्यु होने पर जिला प्रशासन द्वारा स्वीकृत की जाती है। पहले आगजनी और फिर बाद में हत्या के खुलासे के बाद कवर्धा SP डॉ अभिषेक पल्लव की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग गया है।

बताते हैं कि आदिवासियों की मौत के मामले से पूर्व हाल ही में कवर्धा में चिल्फी के जंगलों से DSB और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ की खबर सामने आई थी। जानकार बताते हैं कि DSB पुलिस विभाग का असूचना तंत्र होता है। इस बल में तैनात जवानों को हथियार स्वीकृत नही किए जाते। यही नही DSB के जवान अपनी गोपनीयता तक जाहिर नही करते और ना ही नक्सल ऑपरेशन में गोलियां चलाते हैं।ऐसे में उनके द्वारा अंजाम दी गई इस मुठभेड़ ने काफी सुर्खियां बटौरी थी।

दिलचस्प बात यह है कि इस मुठभेड़ में DSB के जवानों ने भारी मात्रा में नक्सली साहित्य और साजो सामान बरामद कर पुलिस प्रशासन को भी हैरत में डाल दिया था। यह मुठभेड़ भी सवालों के घेरे में बताई जाती है।यह मामला अभी शांत भी नही हुआ था कि नागाडभरा गांव में आदिवासियों की मौत को पहले आगजनी और फिर बाद में उनकी हत्या का खुलासा करने का मामला तूल पकड़ रहा है।

जानकारी के मुताबिक स्थानीय कांग्रेसी नेता नीलू चंद्रवंशी ने आदिवासियों की मौत आगजनी से नही बल्कि उनकी हत्या होने संबंधी सूचना पुलिस तक पहुंचाई थी। सूत्रों के मुताबिक इस मामले को पहले रफा दफा करने की कोशिशें काफी हुई थी,लेकिन स्थानीय ग्रामीणों की नाराजगी के बाद पुलिस को ठोस कदम उठाने पड़े हैं। बताते हैं कि स्थानीय पुलिस ने हत्या के एंगल से जब जांच शुरू की तो कई गंभीर तथ्य सामने आए हैं।

इस सिलसिले में फिलहाल 14 लोगों की गिरफ्तारी की खबर सामने आई है, विवेचना जारी है।गौरतलब है कि कवर्धा जिला प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा का गृहनगर भी है। ऐसे में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजिमी बताया जा रहा है। न्यूज टुडे ने घटना के संबंध में पुलिस का पक्ष जानने के लिए SP अभिषेक पल्लव से संपर्क भी किया लेकिन उनका मोबाइल फ़ोन स्विच ऑफ आया।