छत्तीसगढ़ विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे के काले कारनामों से कांग्रेसी विधायकों का लटका चेहरा, मजबूत विपक्ष के रूप में मुखर हो रहे बीजेपी विधायक

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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में रोजाना ऐतिहासिक कार्रवाई हो रही है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक अपने ही पूर्व मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार और काले कारनामों से दो-चार हो रहे हैं. बताते हैं कि ज्यादातर कांग्रेसी विधायकों के सामने उनके पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भ्रष्टाचारों का संसदीय परंपरानुसार खुलासा हो रहा है. सदन की कार्यवाही के बीच कांग्रेसी विधायकों के मायूस चेहरे बता रहे हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल और उनके साथियों ने छत्तीसगढ़ जैसे गरीब प्रदेश को लूटने में कोई कसर बाकी नही छोड़ी थी. इन विधायकों के सामने सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि वे भ्रष्टाचार जैसे गंभीर मुद्दे पर भूपेश बघेल का बचाव भी करें तो आखिर कैसे?

प्रश्नकाल में रोजाना कांग्रेस की बखिया उधड़ रही है. स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छी बात यह है कि सत्ताधारी बीजेपी के ज्यादातर विधायक ही भ्रष्टाचार जैसे गंभीर विषय पर मुखर हो रहे हैं. भले ही सदन में कांग्रेसी विधायकों ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी हो लेकिन उनके मन की बात को बीजेपी के विधायक सदन के समक्ष उठा रहे हैं. यह भी बताया जाता है कि बीजेपी सरकार के मंत्री उत्तर देते देते थक जाते हैं, लेकिन भू-पे सरकार के भ्रष्टाचार खत्म होने का नाम ही नही ले रहे. सूत्र बताते हैं कि कानून व्यवस्था और भारी भरकम भ्रष्टाचार को लेकर दागे गए सवालों का जवाब देने के लिए गृहमंत्री विजय शर्मा को रतजगा करना पड़ रहा है.वे पूरी तैयारी के साथ सदन में दाखिल हो रहे हैं.बीजेपी विधायकों के सवालों के जवाब में ज्यादातर मंत्री जांच का भरोसा दिला रहे हैं।

छत्तीसगढ़ विधानसभा में पूर्ववर्ती भू-पे सरकार के भ्रष्टाचार के मामले सुर्खियों में है. सदन की कार्यवाही शुरु होते ही सवालों की झड़ी लग रही है.राज्य की पीड़ित जनता की आवाज उनके जनप्रतिनिधि जोर शोर से उठा रहे हैं. सत्ताधारी बीजेपी के विधायक राजेश मूणत, अजय चंद्राकर और धरमलाल कौशिक ने तो ऐसे सवाल दागे हैं कि कांग्रेस की बोलती बंद हो गई है. हालाकि कांग्रेसी विधायकों के मंसूबे भी भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाने के हैं. लिहाजा वे भी पशोपेश में नजर आ रहे हैं.

बताते हैं कि लगभग 2 हफ्ते की सदन की कार्यवाही में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस बचाव की मुद्रा में है. भूपेश बघेल और उनकी टोली के कारनामे सुनकर बगले झांकने के अलावा इन विधायकों के पास और कोई रास्ता शेष बचे, दिखाई नही दे रहा है. विष्णुदेव साय सरकार के तमाम मंत्री भी जन आकांक्षाओं पर खरे उतर रहे हैं. उनके तेवर बता रहे हैं कि भ्रष्टाचार के मामलों की जल्द जांच कर वे इसमें लिप्त लोगों को ठिकाने भी लगाएंगे।

छत्तीसगढ़ विधानसभा में 600 करोड़ का कोल खनन परिवहन घोटाला,6 हजार करोड़ का महादेव ऐप घोटाला,2200 करोड़ का शराब घोटाला,300 करोड़ का चांवल घोटाला, और PSC घोटाले के बाद 2000 करोड़ के गोबर घोटाले ने भी प्रशासनिक मशीनरी को हिला कर रख दिया है. सदन में मंगलवार का दिन भी भ्रष्टाचार के नाम रहा. बीजेपी विधायक धरमलाल कौशिक ने 1200 करोड़ के डिस्टेंपर घोटाले की जांच का मुद्दा जोर शोर से उठाया. कौशिक ने सदन को बताया कि सरकारी स्कूलों में डिस्टेंपर लगाने के बजाए चूने में गुलाबी रंग डाल कर दीवारों को पोत दिया गया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री बघेल ने ये कार्य पंचायतों को देने के बजाए अपने ही लोगों को ठेके पर दे दिया था. इसमें भूपेश बघेल सरकार ने मोटा कमीशन खाया था।

सदन में कांग्रेस सरकार के रीपा प्रोजेक्ट में भी भारी भरकम भ्रष्टाचार को लेकर बीजेपी विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री बघेल पर सीधा निशाना साधा. सदन को बताया गया कि 2-2 करोड़ की लागत से प्रत्येक रीपा सेंटर को प्रोजेक्ट क्रियान्वित करने का कार्य सौंपा गया था. इसमें भी 1 सेंटर की प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के लिए 80-80 लाख की फीस दी गई थी. बावजूद इसके तमाम प्रोजेक्ट ठप पड़ गए और कार्यालयों में आज ताले लटके हैं. रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन के विरूद्ध भी बीजेपी विधायकों ने मोर्चा खोला. इस दौरान वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने अपने कड़े तेवर दिखाए. उन्होने सदन को बताया कि 15 दिन का विशेष अभियान चला कर रेत माफियाओं की नकैल कसी जाएगी।

छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र अपने शबाब पर है.विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह अपनी नई भूमिका को बखूबी निभा रहे हैं. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत भी अपनी नई भूमिका में बतौर नेता प्रतिपक्ष कांग्रेसी विधायकों का मनोबल बढ़ाने में जुटे हैं. उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती भू-पे के काले कारनामों से खराब हो रही कांग्रेस की छवि को फिर से चमकाने की है. जबकि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाए जाने पर जोर दे रहे हैं. मोदी गारंटी से जुड़े मामलों को लेकर सदन में वे काफी गंभीर रूप से प्रत्येक कार्यवाही से रूबरू हो रहे हैं. माना जा रहा है कि बीजेपी की नई सरकार का चेहरा मोहरा जल्द ही साफ़ हो जाएगा।