छत्तीसगढ़ के कवर्धा में फर्जी एनकाउंटर, सिर्फ 5 जवानों ने कई नक्सलियों को मार भगाया, खुफिया शाखा DSB के जवानों की मुठभेड़ चर्चा में

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रायपुर/कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा में एक मुठभेड़ सुर्खियों मे है. हैरानी की बात है कि विशेष असूचना खुफिया शाखा के अधिकारी वेपन लेकर सर्चिंग में जुटे थे. इसी दौरान उन्हें जंगल में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना प्राप्त हुई. DSB शाखा के जवानों ने फौरन मोर्चा लिया और तमाम नक्सलियों के हौसले पस्त कर दिए. मुठभेड़ में नक्सलियों का साजो सामान बरामद किया गया है. घटना 6.02.2024 के शाम साढ़े 3 बजे की बताई जा रही है. बताते हैं कि थाना चिल्फी के ग्राम माराडभरा इलाक़े में यह मुठभेड़ हुई थी. सूत्र बताते हैं कि यह कागजी मुठभेड़ है.किसके निर्देश में यह मुठभेड़ की गईं इसकी जांच जरूरी है.

आमतौर पर देश में ऐसा कोई राज्य नही है, जहां DSB अर्थात विशेष असूचना शाखा के अधिकारी वेपन लेकर सर्चिंग करते हों, यही नही इस शाखा के अधिकारी और कर्मी अपनी गोपनीयता बरकरार रखने के लिए खाखी वर्दी तक नही पहनते. बताते हैं कि DSB को मुठभेड़ के लिए तैनात भी नहीं किया जाता है.ऐसे में यह पुलिस नक्सली मुठभेड़ चर्चा में है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ छत्तीसगढ़ में भी DSB कर्मी वर्दी धारण नही करते और ना ही उन्हें सरकारी वेपन स्वीकृत किया जाता है. लिहाजा इलाके के लोग भी इस मुठभेड़ को लेकर हैरानी जता रहे हैं।

सूत्र बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में DSB शाखा के जवानों को हथियार कब से स्वीकृत किया जाने लगा है,इसे लेकर आदेश और निर्देशों की पड़ताल में पुलिस का एक वर्ग भी जुटा हुआ है. सूत्र बताते हैं कि इस फर्जी मुठभेड़ से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगने लगा है. सूत्रों का यह भी कहना है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में ऐसी कई मुठभेड़ सवालों के घेरे में है. लेकिन बीजेपी के सत्ता में आने के बाद इसकी पुनरावृति भी सुर्खियां बटोर रही है। जानकारी के मुताबिक़ कवर्धा की चिल्फी घाटी में नक्सलियों की आवाजाही कोई नई बात नही है। मध्यप्रदेश के बालाघाट से सटी सीमा पर अंतरराज्यीय नक्सली संगठन अपनी पैठ जमाए हुए है. हालाकि इस इलाके में पहले भी कई मुठभेड़ हो चुकी है.लेकिन यह मुठभेड़ कई मायनों में अनोखी बताई जा रही है।

दरअसल कवर्धा के वरिष्ठ अधिकारियों ने मात्र 5 जवानों को हथियारबंद नक्सलियों से दो दो हाथ करने के लिए घने जंगलों में भेज दिया था. जवानों ने भी मोर्चा लिया और नक्सलियों के दांत खट्टे कर दिए। केस डायरी के मुताबिक बोडला एरिया कमेटी के समर, नवीन और जरीना समेत अन्य 5 नक्सली घटनास्थल पर मौजूद थे. इस दौरान पुलिस पार्टी ने उन्हें आत्मसमर्पण के लिए ललकारा, पर नक्सलियों ने DSB जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी. 15 से 20 मिनट की मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से DSB पुलिस ने भारी मात्रा में नक्सली सामान बरामद किया है, इसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं।

मुठभेड़ की केस डायरी भी गौरतलब बताई जाती है. इस बारे में न्यूज टुडे ने गृहमंत्री और DGP से संपर्क भी किया ताकि इस घटना के बारे में अधिकृत तथ्य प्राप्त हो सके. लेकिन विधानसभा में व्यस्तता का हवाला देते हुए कोई जानकारी प्राप्त नही हो सकी.DGP का फोन रिसिव नही हुआ. सूत्र बताते हैं कि इस मुठभेड़ को लेकर SIB और पुलिस मुख्यालय के कई अफसर भी हैरत में हैं।