छत्तीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री बघेल पर कसने लगा IT-Ed का शिकंजा,पुत्र बिट्टू भी मालामाल, आधा दर्जन से ज्यादा महत्वपूर्ण ठिकानों पर छापेमारी जारी, आयकर के प्रेस नोट का इंतेजार

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रायपुर/दिल्ली। छत्तीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से जुड़े कई ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी अभी भी जारी है. रायपुर, दुर्ग, भिलाई समेत आधा दर्जन जिलों में आयकर के आलावा ईडी की टीम भी दबिश में शामिल बताई जा रही है. आज तड़के आयकर की टीम ने भिलाई में चर्चित रियल इस्टेट कारोबारी चौहान बिल्डर्स के ठिकानों पर दस्तक दी. इस टीम के साथ CRPF के आलावा छत्तीसगढ़ पुलिस की टीम भी मौजूद रही. यही हाल पूर्व खाद्यमंत्री अमरजीत भगत के ठिकानों पर भी नजर आया.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ मिलकर करीब 5 हजार करोड़ का चावल घोटाला करने के मामले में घिरे अमरजीत भगत के करीब आधा दर्जन ठिकानों में आयकर के साथ ईडी की टीम भी डटी हुई है. हाल ही में दोनों ही एजेंसियों ने भूपे की सरपरस्ती में अंजाम दिए गए तमाम घोटालों की जांच में तेजी लाई है.

सूत्र बताते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र बिट्टू, वर्ष 2018 तक आम किसान थे, बमुश्किल उनके बैंक खातों में पांच और दस हजार तक की नगदी सुर्खियों मे रहती थी,लेकिन भूपे के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही बाप-बेटे दोनों की कमाई छप्पर फाड़ कर होने लगी थी. बीते वर्ष 2023 के आखिरी दिनों तक भी बाप बेटे की कमाई आसमान छूते रही. अवैध कमाई के आधा दर्जन से ज्यादा श्रोतों पर आंख गड़ाई बैठी एजेंसियों ने एक बार फिर सक्रियता दिखाते हुए बुधवार सुबह से छापेमारी की कार्यवाही शुरू कर दी है. छापों से रियल इस्टेट कारोबारी सख्ते में है दरअसल भूपे के कई मंत्रियों और नौकरशाहों के लिए जमीनों की खरीद फरोख्त करने वाला अरोरा दलाल भी आयकर के हत्थे चढ़ गया है.आयकर के छापों से राजनैतिक गलियारा भी गरमाया हुआ है.

ताजा जानकारी के मुताबिक़ आयकर विभाग ने रायपुर के राजीव नगर स्थित लाविष्टा सोसायटी में निवासरत जमीन कारोबारी चंद्रभान शेरवानी और कारोबारी अमर होरा के ठिकानों पर दबिश दी है. आयकर की एक टीम तेलीबांधा इलाके में निवासरत जमीन कारोबारी संदीप जैन के ठिकानों पर भी नजर आईं. हालाकि चौंकाने वाली कारवाई भूपेश बघेल के गृह नगर पाटन से लेकर दुर्ग भिलाई तक की बताई जा रही है. भिलाई में चर्चित चौहान ग्रुप के कई ठिकानों पर आयकर की टीम मुस्तैदी से डटी हुई है.

अजय चौहान के रामनगर और मौर्या टॉकीज के पास स्थित चौहान एस्टेट से बड़ी तादाद में वाउचर,रजिस्ट्रियां और जमीन जायदाद के दस्तावेज बरामद किए हैं. इसके अलावा लाखों के गहनें और निवेश सम्बंधी कई दस्तावेज भी आयकर के हाथो लगे हैं.सूत्र बताते हैं कि यहां से भूपे के करीबी नौकरशाहों का निवेश सम्बंधी काला चिट्ठा आयकर टीम ने हासिल किया है. यह भी बताया जा रहा है कि भूपे पुत्र बिट्टू की काली कमाई इन्ही ठिकानों पर संग्रहित की जाती थी. दुर्ग के ग्रीन चौंक स्थित हनुमंत राइस इंडस्ट्री के कई ठिकानों पर भी आयकर की टीम ने दस्तक दी है.

छत्तीसगढ मे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में जनकल्याण के बजाय सिर्फ घोटालों पर ही जोर दिया गया था. गंभीर तथ्य ये है कि भ्रष्टाचार का केंद्र भूपे का मुख्यमंत्री कार्यालय ही बन गया था. सरकारी योजना के तहत एक ओर जहां राज्य की गरीब जनता को गोबर बिनने पर लगा दिया गया था. जबकि दूसरी ओर भूपे गिरोह कोयले की खुदाई और दलाली में जुट गया था. नतीजा जनता के सामने रोजाना उजागर हो रहा है. गिरोह की काली कमाई पर आयकर और ईडी समेत अन्य जांच एजेंसियों की दबिश जारी है. अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि घोटालेबाज पिता पुत्र दोनों जल्द ही ईडी के हत्थे चढ़ सकते हैं.

यह जानकारी भी सामने आई है कि छापेमारी से पूर्व कुछ घंटों पहले भिलाई के भट्टी इलाके में एक कार से पौने 3 करोड़ रूपए की बरामदगी हुई है. स्थानीय पुलिस ने जब्ती की कारवाई करते हुए आयकर विभाग को सूचित भी किया है. इस घटना के उपरांत आयकर की विभिन्न टीमों ने भिलाई और दुर्ग में ताबड़तोड़ छापे डाले थे. बताते हैं कि पौने 3 करोड़ की यह रकम तीन युवकों के पास से बरामद की गईं है. सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि इन युवकों को छुड़ाने के लिए स्थानीय पुलिस पर भारी भरकम दबाव भी आया था। भूपे गिरोह ने मामले को रफा दफा करने के लिए जमकर हाथ पांव भी मारे थे लेकिन पुलिस कर्मी दबाओ में नही आए. उन्होंने संदेहियों को थाने ले आया और विधिसंगत करवाई कर दी. सूत्र यह भी बताते हैं कि आयकर विभाग ने इस रकम के स्रोतों की पड़ताल भी शुरू कर दी है. जानकारी के मुताबिक़ भूपेपुत्र बिट्टू की स्वामित्व वाली रियल इस्टेट कंपनी और विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट की भी जांच जारी है. इस मामले में ईडी बिट्टू से पहले भी पूछताछ कर चुकी है. बहरहाल आयकर और ईडी की सक्रियता से नौकरशाही में भी हड़कंप है.