Tinder पर आशिकी लड़ाना लड़की को पड़ा महंगा! लड़का ले भागा 4.5 लाख रुपये, जानिए कैसे

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Online Scams भारत में लगातार बढ़ते जा रहे हैं. वॉट्सएप पर बढ़ते स्कैम के बाद सरकार ने भी धोखाधड़ी करने वाले अकाउंट्स को ब्लॉक करने को कहा है. लेकिन ये स्कैम्स अब वॉट्सएप तक सीमित नहीं है, डेटिंग ऐप्स में भी स्कैम्स होने लगे हैं. स्कैमर्स हर तरह से लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं. बेंगलुरू की रहने वाली महिला ऑलाइन डेटिंग ऐप पर पहुंची और उसको लाखों रुपये का नुकसान हो गया. उसने सोचा कि उसे टिंडर पर प्यार मिला है, लेकिन बदले में उसे 4.5 लाख रुपये का नुकसान हुआ.

4.5 लाख रुपये का लगा चूना
बेंगलुरु के एक निजी फर्म में काम करने वाली एक 37 वर्षीय महिला ने अपने टिंडर मैच पर 4.5 लाख रुपये की ठगी का आरोप लगाया है. इसके बाद, महिला ने अपने पैसे वापस पाने की उम्मीद में पुलिस से संपर्क किया है. रिपोर्ट में इसका जिक्र करते हुए कहा गया है कि महिला ने डेटिंग एप्लिकेशन टिंडर पर एक व्यक्ति जिसका नाम अद्विक चोपड़ा है, जिससे मुलाकात की थी. उसने उसे बताया कि वह एक चिकित्सक के रूप में लंदन, ब्रिटेन में काम कर रहा है. लड़के ने लड़की के साथ एक महीने तक चैट की और प्यार का नाटक करके उसका भरोसा जीत लिया.

ऐसे निकाले गए पैसे
उसके बाद टिंडर मैच ने महिला से कहा कि वो उससे मिलने के लिए बेंगलुरू आ रहा है. 17 मई को महिला के पास एक अनजान नंबर से कॉल आया और कॉल के दूसरे छोर पर मौजूद व्यक्ति ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण का एक अधिकारी होने का दावा किया और महिला को बताया कि चोपड़ा को बेहिसाब नकदी के साथ पकड़ा गया था. कॉल किए शख्स ने महिला से 68,500 रुपये चोपड़ा को बेंगलुरू जाने के लिए ट्रांसफर करने की मांग की. उन्होंने फीस के रूप में 1.8 लाख रुपये और प्रोसेसिंग चार्ज के रूप में अतिरिक्त 2.06 लाख रुपये की भी मांग की.

उस वक्त महिला चाहती थी कि उसका टिंडर मैच बेंगलुरू आए तो उसने फोन कॉल पर उस आदमी पर आंख मूंदकर भरोसा किया और पैसे ट्रांसफर कर दिए. फिर जब कॉलर ने और 6 लाख रुपये की डिमांड की तो महिला समझ चुकी थी कि यह कोई स्कैम है. उसने फोन पर पूछताछ की तो कॉल अचानक कट हो गया और टिंडर मैच ने भी कम्यूनिकेशन बंद कर दिया. फिर उसने टिंडर से भी अपने प्रोफाइल को हटा लिया.

बाद में पता चला कि कोई अद्विक चोपड़ा नाम का शख्स ही नहीं है. किसी ने जाली नाम के साथ इस प्रोफाइल को तैयार किया था. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण का एक अधिकारी होने का दावा करने वाला व्यक्ति भी एक स्कैमर था. इस तरह की घटना हमें सीख देती है कि हमें और सतर्क रहने की जरूरत है.