Friday, September 20, 2024
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UPSC Result 2022: यूपीएससी में रहा बेटियों का दबदबा, 933 में से 320 लड़कियां, जानें पूरी डिटेल

UPSC Result 2022: संघ लोक सेवा आयोग ने UPSC CSE 2022 का रिजल्ट जारी कर दिया है. रिजल्ट जारी करने के साथ ही UPSC ने इतिहास भी रच दिया है. इस साल भारतीय सिविल सेवाओं के लिए अब तक की सबसे अधिक संख्या में महिलाओं का चयन किया गया है. UPSC की ओर से जारी फाइनल लिस्ट में 933 उम्मीदवारों (320) में से एक तिहाई से अधिक महिलाएं हैं. इससे केवल दो दशक पहले चयनित उम्मीदवारों में महिलाओं की संख्या केवल 20% थी.

इसके अलावा, इस साल टॉप 4 रैंक में महिलाओं ने जगह बनाई है. यह लगातार दूसरा वर्ष है जब महिला उम्मीदवारों ने टॉप 3 में स्थान हासिल किए हैं. गौतम बुद्ध नगर की दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट इशिता किशोर ने अपने वैकल्पिक विषयों के रूप में राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के साथ अपने तीसरे प्रयास में परीक्षा में टॉप किया है. उन्होंने Delhi University के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से अर्थशास्त्र (ऑनर्स) से ग्रेजुएशन की हैं.

वहीं टॉप 2 रैंक हासिल करने वाली बिहार के बक्सर की गरिमा लोहिया ने किरोड़ीमल कॉलेज से कॉमर्स विषय से ग्रेजुएशन की हैं. तेलंगाना की उमा हराथी एन ने IIT हैदराबाद से बीटेक किया है और UPSC में टॉप 3 रैंक प्राप्त की हैं. DU के मिरांडा हाउस कॉलेज से बीएससी ग्रेजुएट स्मृति मिश्रा ने चौथी रैंक हासिल की हैं.

सिविल सेवाओं में पिछले दो दशकों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में क्रमिक वृद्धि देखी गई है. वर्ष 2006 तक UPSC द्वारा चुने गए कुल उम्मीदवारों में उनकी हिस्सेदारी लगभग 20% थी. इस साल 34% के साथ सबसे अधिक महिलाओं की हिस्सेदारी देखी गई. वर्ष 2020 में महिलाओं की हिस्सेदारी 29% थी. वर्ष 1980 के दशक के अंत और 1990 के दशक की शुरुआत में, यह 20% से नीचे था. लेकिन इस वर्ष महिलाओं की कुल संख्या में उनकी पूर्ण संख्या और हिस्सेदारी में वृद्धि अब तक की सबसे उल्लेखनीय वृद्धि है.

पिछले साल नियुक्ति के लिए 685 उम्मीदवारों की सिफारिश की गई थी, जिनमें 508 पुरुष और 177 महिलाएं थीं. इस साल 933 चयनित उम्मीदवारों में से लगभग 320 महिलाएं हैं. पिछले वर्ष की तुलना में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में लगभग 9 प्रतिशत अंकों की वृद्धि देखी गई. वर्ष 2019 में, कुल 922 उम्मीदवारों की नियुक्ति के लिए सिफारिश की गई थी, जो इस वर्ष के रिजल्टों के बराबर है. फिर भी, कुल संख्याओं में महिलाओं की हिस्सेदारी 24% थी, जबकि इस साल यह संख्या 34% थी.

भारतीय वायु सेना (IAF) परिवार में पली-बढ़ी, इस साल की टॉपर इशिता किशोर ने कहा कि उनके परिवार में कम उम्र से ही कर्तव्य और सेवा की भावना पैदा की गई थी. वह भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में शामिल होना चाहती हैं और उन्होंने उत्तर प्रदेश कैडर को अपनी प्राथमिकता के रूप में इंगित किया है.

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