News Today Exclusive: छत्तीसगढ़ में सराफा और रियल स्टेट कारोबारियो पर केंद्रीय एजेंसियों की नजर,DRI का स्टाफ भी आया,4 हजार करोड़ के गुलाबी नोट ठिकाने लगाने की कवायद जोरो पर…

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दिल्ली / रायपुर : छत्तीसगढ़ में रियल स्टेट कारोबार मनी लॉन्ड्रिंग का बड़ा जरिया बन गया है। राज्य के पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड समेत कई नौकरशाहों की काली कमाई जाम हो गई है। छत्तीसगढ़ की गरीब जनता की सरकारी तिजोरी पर कई सफेदपोश नेताओ और कतिपय अधिकारियो द्वारा हाथ साफ़ करने का मामला अब 2 हजार रुपयों की नोटबंदी की सरकारी मुहिम से जुड़ गया है। 

सूत्र बताते है कि सत्ताधारी दल के चुनिंदा राजनेताओ और नौकरशाहों का काला धन रियल स्टेट और सराफा कारोबार में ठिकाने लगाने की राह तक रहा है,इसके लिए रायपुर सेन्ट्रल जेल से सरकारी संरक्षण में मुहिम शुरू हो गई है। ED से आंख मिचौली कर रहे सुपर सीएम अनिल टुटेजा इन दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के वैधानिक कार्यो को अंजाम देने में जुटे हुए है।

छत्तीसगढ़ शासन के अर्थतंत्र में मुख्यमंत्री और उनके कुनबे के अलावा नौकरशाही में शामिल दागी अफसरो का विशेष स्थान है। बताते है कि साहब का लगभग 4 हजार करोड़ गफलत में पड़ गया है,इसे ठिकाने लगाने के सरकारी-गैरसरकारी प्रयास सुर्खियां बटोर रहे है।

देश में 2 हजार की नोट बंदी के बाद सबसे ज्यादा खलबली छत्तीसगढ़ में मची है,जनधन को ठिकाने लगाने के लिए कुछ चुनिंदा नेताओ और उनके मंत्रालय में पदस्थ नौकरशाहों के होश फाख्ता है।

बताते है कि पौने पांच साल तक यह वर्ग गुलाबी-गुलाबी 2 हजार के नोटों को सहेज कर रख रहा था। बाजार से 2 हजार के नोटों को इकट्ठा करने के लिए पूरे पौने पांच सालो तक बघेलखण्ड कैडर के नौकरशाहों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। लेकिन अब उसे ठिकाने लगाने के रास्ते तलाशे जा रहे है। 

सूत्र बता रहे है कि पिछले 10 घंटो से रायपुर,दुर्ग,कवर्धा,भिलाई, राजनांदगांव,रायगढ़, कोरबा, बिलासपुर और महासमुंद में जारी एक मुहिम खूब सुर्खियां बटोर रही है,यहां सराफा और रियल स्टेट कारोबारियों का चाल-चलन और 2 हजार के नोटों को खपाने का हाजमा,जांचा परखा जा रहा है। भारत सरकार की नोट बंदी को मुँह चिढ़ाती,यह मुहिम केंद्रीय जांच एजेंसियों के लिए बड़ी चूनौती बन गई है।

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सूत्र बताते है कि बैंक मैनेजरों और उन दलालो के लिए बेजा कमाई का रास्ता अचानक खुल गया है,जिनकी रियल स्टेट और सराफा कारोबार में अच्छी खासी पकड़ है। 

बताते है कि इस हफ्ते करीब 4 हजार करोड़ के 2 हजार के नोट छत्तीसगढ़ के खुले बाजार में उछलने की तैयारी में है। उसके स्थान पर 500 के नोट का राजतिलक होगा। इस रकम का 25 फीसदी हिस्सा बट्टा के रूप में काटने के बाद ग्राहकों को शेष रकम इज्जत के साथ दलालो के हाथो में सौंपनी होगी। वर्ना मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ग्राहक छत्तीसगढ़ की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के हत्थे चढ़ सकता है।   

सूत्र यह भी बताते है कि रायपुर,दुर्ग,महासमुंद और राजनांदगांव के कुछ चुनिंदा सराफा कारोबारियों को सोने के बिस्किट,मूर्तियां,गहने,कीमती पत्थर और अन्य धातुओं की नियमित आपूर्ति जारी रखने के निर्देश दिए गए है।

यह फरमान जेल में निरुद्ध सौम्या चौरसिया की ओर से जारी किया गया है। इसमें सूर्यकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल के भी 2 हजार के नोट रूपी धनसंपदा को ठिकाने लगाने का जोखिम दलालों को उठाना पड़ेगा। 

सूत्र बताते है कि अनवर ढेबर के सेन्ट्रल जेल में दस्तक देते ही,2 हजार के नोटों की बंदी से तनाव में आई सौम्या ने राहत की साँस ली है। बीते दिन-रात  से अनवर ढेबर सेन्ट्रल जेल में परेशान बताए जाते है,उनसे स्थानीय अखिल भारतीय सेवाओं के कुछ अफसरों का संपर्क भी स्थापित कराए जाने की खबरें आ रही है।

जेल सूत्र बताते है कि अनवर ढेबर को उसी बैरक में स्थान दिया गया है,जहां ED के आरोपी एक साथ पहले से ही विद्यमान है।सूत्र बताते है कि मोह माया से विरक्त अनवर ढेबर अब सौम्या,सूर्यकांत,समीर और सुनील अग्रवाल को “स” अक्षर राशि पर मंडरा रहे,शनि दोष से मुख्यमंत्री बघेल के अन्य साथियो को भी अवगत कराया है।

फिलहाल इस टोली को “क्या लेकर आए थे ? खाली हाथ जाओगे,सच बोलो वर्ना पछताओगे”,जैसा गीता का ज्ञान देने में ढेबर व्यस्त बताए जाते है। 

जानकारी के मुताबिक 2 हजार के नोट बंदी के एलान होने के बाद ED के आरोपियों की न्यायिक हिरासत की अवधि को जेल प्रशासन ने और ढीली कर दिया है,इसके तहत सौम्या समेत अन्य को मनी लॉन्ड्रिंग का पर्याप्त अवसर और संसाधन मुहैया कराए जा रहे है। ED के अभियुक्तों की जेल में मौज-मस्ती उस समय से किरकिरी हो गई है,जब से 2 हजार के नोटों पर पाबंदी का ऐलान हुआ है।

आमतौर पर जेल में निरुद्ध ऐसे आरोपियों और बंदियों को एक साथ,एक ही बैरक या सेल में नहीं रखा जाता है,जो किसी गंभीर आपराधिक साजिश के तहत न्यायिक रिमांड में अदालत द्वारा जेल भेजे जाते है।लेकिन छत्तीसगढ़ शासन संरक्षण प्राप्त अभियुक्तों पर जेल प्रशासन की मेहरबानी चर्चा में है।

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News Today Chhattisgarh ने ED के बंदियों के क्रियाकलापों एवं हालचाल जानने को लेकर रायपुर सेन्ट्रल जेल के अफसरों से संपर्क किया,लेकिन कोई प्रतिउत्तर नहीं मिला पाया है।फिलहाल बाजार 4 हजार करोड़ खपाने की तैयारी में जुटा है। यह देखना गौरतलब होगा कि छत्तीसगढ़ में गुलाबी-गुलाबी, 2 हजार की नोट बंदी का मामला आने वाले दिनों और कौन सा रंग दिखाता है ? 

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