UP News : धर्म छिपाकर की शादी, फिर उतारा मौत के घाट, 9 साल की बेटी ने पिता को दिलवाई उम्र कैद की सजा

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बरेली : यूपी के बरेली की एक अदालत ने नौ साल की बच्ची की गवाही देने पर पिता और दो अन्य सहयोगियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने पुलिस के साक्ष्यों के आधार पर डॉ इकबाल उर्फ डॉ राजू शर्मा को निशा देवी की हत्या करने के मामले में इकबाल के जीजा यासीन और सहयोगी मिसरियार खान उर्फ ​​मिश्रा को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

26 अक्टूबर 2021 को मीरगंज थाना क्षेत्र में निशा नाम की महिला की गला घोटकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में मृतका की मां की तरफ से हत्या का मामला दर्ज कराया था. पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि उसके पति इकबाल उर्फ राजू शर्मा ने अपने आपको हिंदू बताकर मृतका से शादी की थी. बेटी को जब इस बात की जानकारी हुई कि पति मुस्लिम है तब दोनों में विरोध शुरू हो गया था. जिसके कारण हत्या की गई. बरेली कोर्ट ने इस मामले में मंगलवार को सजा सुनाते हुए 9 साल की बच्ची की गवाही पर उसके पिता और दो अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.बेटी ने कोर्ट को बताया कि उसकी मां टीवी देख रही थी, जब उसके पिता और दो लोगों ने गला घोट कर हत्या कर दी थी.

इकबाल अहमद ने 2012 में निशा देवी से शादी की थी. शादी के बाद दंपति की दो बेटियां हुई. 26 अक्टूबर 2021 को निशा को उनके घर में मृत पाया था. 28 अक्टूबर 2021 को एफ आई आर दर्ज कराई गई थी. मृतक निशा की बेटी ने अपनी नानी को बताया कि उसकी मां को उसके पिता ने मार डाला था. इकबाल ने अपना आधार कार्ड के साथ-साथ अपने सहयोगियों के भी हिंदू होने के साक्ष्य दिए थे, जिसके चलते शादी निशा देवी ने की थी. “निशा और इकबाल ने लव मैरिज की थी. बाद में इकबाल ने खुद को ‘डॉ राजू शर्मा’ के रूप में पेश किया. शादी सहारनपुर में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न हुई थी.

निशा को अपने पति की पहचान के बारे में तब पता चला जब वे बरेली के मीरगंज शिफ्ट हुए थे. इकबाल ने यह भी बताया था कि मेरे मां बाप नहीं है. वह पहले से ही शादीशुदा था. इसके बाद आरोपी ने उस पर अपनी आस्था को अपनाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया था. जिससे उसने इनकार करने के कारण उसकी हत्या कर दी गई थी. एफआईआर दर्ज होने के लिए तीन महीने बाद इकबाल उर्फ राजू को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने जांच में पाया कि उसने निशा की हत्या अपने जीजा की मदद से की थी. मोहम्मद यासीन और सहयोगी मिसरियार खान उर्फ ​​मिश्रा ने सहियोग किया था.