सावधान! पृथ्वी के काफी करीब से गुजरने वाला है विशाल एस्टेरॉयड, NASA ने जारी की चेतावनी

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Asteroid News: अभी हाल में ही पृथ्वी के काफी करीब से एक 1500 फुट का विशालकाय एस्टेरॉयड गुजरा था लेकिन हमारा ग्रह इसमें बाल-बल बचने में कामयाब रहा था. लेकिन नासा की नई खतरे की चेतवानी ने वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दिया है. ये खतरा हमारे धरती के काफी करीब से कल गुजरेगा. नासा के एस्टेरॉयड ट्रैकिंग डेटा के मुताबिक, एस्टेरॉयड 2023 HW1 धरती के करीब 2.66 मिलियन मील की दूर से ‘कल’ 28 अप्रैल को गुजरने वाला है. नासा की CNEOS के देता के मुताबिक ये खतरनाक 120 फुट का एस्टेरॉयड करीब 36861 किमी/घंटे की गति से पृथ्वी के करीब आ रहा है.

नासा रेड फ्लैग भी जारी करता है
अपोलो ग्रुप का का एस्टेरॉयड 2023 HW1 का हाल में ही 18 अप्रैल को पता चला था. इन एस्टेरॉइड का नामकरण 1862 में खोजे गए अपोलो के नाम पर ही किया जाता है. मालूम हो कि कोई भी एस्टेरॉयड अगर पृथ्वी के 7.5 मिलियन किलोमीटर के करीब आता है और इसका आकर 150 फोट से ज्यादा होता है तो, नासा पृथ्वी के निकट वस्तु के लिए चेतावनी और रेड फ्लैग जारी करता है. शुक्र है कि, आकर के कारण, Asteroid 2023 HW1 ज्यादा खतरनाक नहीं है, लेकिन इसके थोड़े से पथ से विचलन से पृथ्वी को काफी खतरा हो सकता है.

क्या एस्टेरॉयड पथ से विचलित होते हैं?
कई लोग सोच रहे होंगे की क्या एस्टेरॉयड अपने पथ से विचलित होते हैं या नहीं? अगर हाँ तो कैसे संभव है? नासा ने बताया है कि एस्टेरॉयड अंडाकार पथ पर सूर्य की परिक्रमा करते हुए अपने पथ पर घूमते हुए अनियमित रूप से चलते हैं. कभी कभार वृहस्पति की गुरुत्वाकर्षण या किसी अन्य खगोलीय पिंडों से टक्कर उन्हें अपने पथ से निकालकर किसी अन्य के पथ या फिर धरती के पथ में डाल देते हैं. नासा ने बताया कि पूर्व में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं. जब कई आवारा एस्टेरॉयड पृथ्वी के कक्ष में आए है और पृथ्वी से टकराए हैं, जो पृथ्वी के विकास में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.

कौन ऐसे एस्टेरॉयड को करता है ट्रैक
नासा में सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज पृथ्वी के निकट की सभी ज्ञात वस्तुओं की निगरानी के लिए जिम्मेदार है ताकि उनके संभावित प्रभाव जोखिम का आकलन किया जा सके. खतरे का पता लगाने के लिए, नासा ने NEO ऑब्जर्वेशन प्रोग्राम की स्थापना की है, जिसे खोजने का काम सौंपा गया है. इसमें एस्टेरॉयड को ट्रैक करना और उनके लक्षण का वर्णन करना होता है जो पृथ्वी के लिए खतरा पैदा करते हों. ग्राउंड-बेस्ड टेलिस्कोप और NASA के NEOWISE अंतरिक्ष यान वर्तमान में NEOS का पता लगाने के लिए उपयोग किए जाते हैं.