नई दिल्ली : रूस-यूक्रेन युद्ध के लेकर जर्मनी और रूस के बीच जो तनाव और तकरार थी वह अब बढ़ती जा रही है. खबर है कि बर्लिन स्थिति रूसी दूतावास के कर्मचारियों को ‘बड़े पैमाने पर’ हटाने के बाद रूस ने शनिवार को 20 से अधिक जर्मन राजनयिकों को जैसे को तैसा निष्कासन की घोषणा की. इसके साथ ही रूस ने जर्मनी पर संबंधों को नष्ट करने का भी आरोप लगाया.
न्यूज एजेंसी AFP के अनुसार रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने सरकारी टेलीविजन ज्वेज्दा को बताया कि ’20 से अधिक’ जर्मन राजनयिकों को मॉस्को छोड़ना होगा. मंत्रालय का यह बयान ‘जर्मनी में रूसी राजनयिक मिशनों के कर्मचारियों के एक और सामूहिक निष्कासन’ की निंदा करने के तुरंत बाद आया.
वहीं जर्मन विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने रूस के विदेश मंत्रालय के बयानों पर ध्यान नहीं दिया. जर्मन विदेश मंत्रालय ने कहा कि ‘संघीय सरकार और रूसी मंत्रालय ने हाल के हफ्तों में विदेशों में अपने संबंधित प्रतिनिधित्वों में कर्मियों के मामलों पर संपर्क किया है.’ रूस से राजनयिकों के निष्कासन का उल्लेख किए बिना जर्मन विदेश मंत्रालय ने कहा कि आज की उड़ान उसी प्रक्रिया का हिस्सा है.
इधर रूस ने जर्मनी पर ‘रूस-जर्मनी संबंधों की पूरी श्रृंखला को प्रदर्शनकारी रूप से नष्ट करना जारी रखने’ का आरोप लगाया है. रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा ‘बर्लिन की शत्रुतापूर्ण कार्रवाइयों की प्रतिक्रिया के रूप में, रूसी पक्ष ने निर्णय को बदलने और रूस से जर्मन राजनयिकों को निष्कासित करने का फैसला किया है.’ मालूम हो कि इससे पहले जर्मनी ने पिछले साल 40 रूसी राजनियकों को सुरक्षा खतरा का हवाला देते हुए जर्मनी से निष्कासित किया था.
गौरतलब है कि जर्मनी ने सालों से मास्को के साथ गहरे आर्थिक संबंध बनाए रखे थे, विशेष रूप से ऊर्जा क्षेत्र में जहां यह रूसी गैस पर निर्भर था. हालांकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन में एक सैन्य अभियान शुरू करने और बर्लिन द्वारा कीव को वित्तीय और सैन्य समर्थन बढ़ाने के बाद से संबंधों में खटास आ गई.