मुंबई. Mumbai Police: सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट के अलग-अलग फैसलों के बाद अब ट्रांसजेंडरों को भी समाज की मुख्य धारा में लाने का काम किया जा रहा है. महाराष्ट्र सरकार ने मार्च माह में बॉम्बे हाई कोर्ट को सूचित किया था कि वह अपने सभी विभागों को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आवेदन करने के लिए ‘थर्ड जेंडर’ के विकल्प को शामिल करने का निर्देश देगी. इसमें कांस्टेबल और ड्राइवर के पदों के लिए ट्रांसजेंडरों के लिए शारीरिक मानक भी शामिल होंगे. इसके बाद अब महाराष्ट्र पुलिस में ट्रांसजेंडरों के आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं. मुंबई पुलिस कांस्टेबल और ड्राइवर के पदों के लिए आवेदन स्कैन कर रही है.
महाराष्ट्र की निकिता मुखियादल पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करती हैं. लेकिन अब वह इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए पुलिस वर्दी पहनने की इच्छा रखती हैं. उनकी इच्छा थी कि वह लंबे समय तक खाकी वर्दी पहनें. यही वह समय था जब उन्होंने मुंबई पुलिस में कांस्टेबल के पद के लिए आवेदन करने का फैसला किया. लेकिन जब वह इसके लिए फॉर्म भरने गईं, तो अहसास हुआ कि ट्रांसजेंडर के रूप में पहचान का कोई विकल्प नहीं है. निकिता पहले नितिन मुखियादल थीं. यह सब महसूस होने के बाद उनको ऑपरेशन करवाना पड़ा, क्योंकि वह एक महिला के रूप में अपनी पहचान दर्शाना चाहती हैं.
इस बीच देखा तो महाराष्ट्र पुलिस की ओर से मेगा भर्ती अभियान चलाया गया है. इस भर्ती अभियान में अपनी किस्मत आजमाने के लिए निकिता की तरह ट्रांसजेंडर समुदाय के दूसरे अन्य 73 आवेदकों ने अप्लाई किया है. यह भर्ती कांस्टेबल और ड्राइवर के पदों पर की जा रही है.
बताया जाता है कि मुंबई पुलिस ने दोनों पदों के लिए ट्रांसजेंडर समुदाय के 13 आवेदन स्वीकार किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है. जबकि ट्रांसजेंडर समुदाय के एक व्यक्ति ने ड्राइवर के पद के लिए स्किल टेस्ट भी पास कर लिया है. लेकिन कांस्टेबल पद पर अप्लाई करने वाले आवेदकों का अभी रिजल्ट नहीं आया है. संभावना जताई जा रही है कि माह के अंत तक इसको घोषित कर दिया जाएगा.
महाराष्ट्र सरकार ट्रांसजेंडर कम्युनिटी को मुख्यधारा से जोड़ने का काम कर रही है. सभी विभागों में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आवेदन करने के लिए “थर्ड जेंडर” को विकल्प दे रही है. वहीं, कांस्टेबल और ड्राइवर के पदों पर ट्रांसजेंडरों की भर्ती के लिए शारीरिक मानकों को भी शामिल किया जा रहा है. लेकिन ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए भर्ती स्व-पहचान के आधार पर की जा रही है, जिसके तहत पद के लिए आवेदन करने वालों को यह घोषित करना होगा कि क्या वे “ट्रांस पुरुष” या “ट्रांस महिला” के रूप में पहचान रखते हैं. इस परीक्षा मानदंड के बाद, मार्किंग और सेलेक्शन की प्रक्रिया होगी जोकि ‘ओपन कैटेगरी’ के बराबर होगी.
इस बीच देखा जाए तो मुंबई पुलिस अभी आवेदनों की स्क्रूटनी की प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पाई है. जबकि अन्य बलों के लिए दोनों राउंड के परिणाम जारी किए जा चुके हैं. कुछ ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों का मानना है कि ओपन कैटेगरी में प्रतिस्पर्धा करना उनके लिए अनुचित था, क्योंकि इससे उनके चुने जाने की संभावना हल्की हो जाती थी. सुप्रीम कोर्ट के एनएएलएसए के फैसले के अनुसार, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को “थर्ड जेंडर” घोषित किया गया था, जबकि कोर्ट ने यह भी पुष्टि की कि संविधान के तहत दिए गए मौलिक अधिकार समुदाय पर समान रूप से लागू होंगे.
कोर्ट ने यह भी कहा था कि ट्रांसजेंडरों को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा माना जाता था. इसलिए उनको शैक्षणिक संस्थानों और नौकरियों में प्रवेश में रिजर्वेशन दिया जाएगा.