7th Pay Commission: सातवे वेतन आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों का अगला महंगाई भत्ता 1 जुलाई से लागू होगा. लेकिन इससे पहले लाखों केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी आ रही है. सूत्रों का कहना है कि कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में बड़ा इजाफा होने वाला है. दरअसल, अगले साल होने वाले लोक सभा चुनाव से पहले सरकारी कर्मचारियों को खुश करने के लिए यह प्लान किया जा रहा है. हालांकि यह भी चर्चा है कि 8वां वेतन आयोग नहीं आएगा.
पिछले वेतन आयोग के आधार पर होगी कैलकुलेशन
आठवें वेतन आयोग के वक्त कर्मचारियों की सैलरी में सबसे बड़ा इजाफा होगा. लोकसभा चुनाव के बाद वेतन आयोग के गठन पर चर्चा संभव है. सूत्रों का कहना है कि इस पर बात आगे बढ़ रही है. 8वें वेतन आयोग का जिक्र संसद में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने भी किया था. आठवें वेतन आयोग का गठन होने पर केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में जबरदस्त इजाफा आएगा. पिछले वेतन आयोग की तुलना में इसकी कैलकुलेशन की जाएगी.
कब लागू होगा नया वेतन आयोग?
8वें वेतन आयोग का गठन साल 2024 के अंत तक होने की उम्मीद है. इसके बाद इसे एक से दो साल के अंदर लागू किया जा सकता है. यानी यह 2025 के अंत तक या 2026 के शुरू में प्रभाव में आ सकता है. 7वें वेतन आयोग के मुकाबले 8वें वेतन आयोग में कुछ बदलाव होने हैं. इसमें फिटमेंट फैक्टर के आधार पर सैलरी नहीं बढ़ेगी. बल्कि दूसरे किसी फॉर्मूले से सैलरी में बढ़ोतरी की जाएगी.
कब कितनी बढ़ी सैलरी?
- चौथे वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में 27.6% का इजाफा हुआ था. इसमें न्यूनतम वेतन 750 रुपये तय किया गया था.
- पांचवे वेतन आयोग में कर्मचारियां की सैलरी में 31 प्रतिशत का बड़ा उछाल आया. इससे उनका न्यूनतम वेतन बढ़कर 2550 रुपये महीना हो गया.
- छठे वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को लागू करके 1.86 गुना रखा गया. इससे कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में 54 प्रतिशत का इजाफा हुआ और बेसिक सैलरी बढ़कर 7000 रुपये हो गई.
- सातवे वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को आधार मानकर 2.57 गुना की वृद्धि हुई. न्यूनतम बेसिक सैलरी बढ़कर 18000 रुपये हो गई. कर्मचारी अब फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन यह 2.57 गुना पर बना हुआ है.
कितनी बढ़ेगी न्यूनतम सैलरी?
8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को आधार रखा जा सकता है. इस आधार पर कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 3.68 गुना किया जा सकता है. ऐसे में कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में 44.44% की वृद्धि हो सकती है. कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये या इससे ज्यादा हो सकता है.