NEWS TODAT CG : छत्तीसगढ़ के सुपर सीएम अनिल टुटेजा लापता, जोखिम में जान, थाने में गुमशुदगी दर्ज कराने को लेकर जारी हो सकता है फरमान, परिजनों ने जताई चिंता, पासपोर्ट भी गायब, खोजबीन जारी

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रायपुर / दिल्ली : छत्तीसगढ़ से बड़ी खबर आ रही है, राज्य के सुपर सीएम अनिल टुटेजा के लापता होने से सरकारी काम काज ठप्प हो गया है। बताते है कि उनकी अनुपस्थिति के चलते राज्य भर में देशी विदेशी मदिरा की सप्लाई बुरी तरह से प्रभावित हुई है, वही मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े कई प्रशासनिक कार्य भी लटक गए है। बताते है कि मंत्रालय और मैदानी इलाको में पदस्थ अधिकारियो के समक्ष “मार्गदर्शन” को लेकर गहमा-गहमी है।

सूत्र यह भी बताते है कि कई विकास योजनाओं और निविदा टेंडर जारी करने को लेकर गतिरोध की स्थिति है, ऐसे कार्यो को टुटेजा की अनुमति के बाद ही मूर्त रूप दिया जाता था। लेकिन कई दिनों से अधिकारियो को भी टुटेजा साहब ढूंढे नहीं मिल रहे है, उनकी अनुपस्थिति में प्रशासनिक कामकाज के  प्रभावित होने से पीड़ितो ने अब मुख्य सचिव और DGP कार्यालय का रुख करना शुरू कर दिया है। 

बताया जाता है कि ED के चंगुल से छूटने के बाद नान घोटाले का मुख्य आरोपी अनिल टुटेजा बिलासपुर में आखिरी बार देखा गया था। सूत्रों के मुताबिक बिलासपुर और कोरबा के मुहाने पर स्थित चैतुरगढ़-खुटाघाट इलाके में उनके पद-चाप कई लोगो को नजर आये थे। बताते है कि यहां स्थित एक जीर्ण-शीर्ण पुराने हेलीपेड पर कई लोगो ने कुछ संदिग्धों को भी देखा था। उनके मुताबिक एक वाहन में सवार कुछ अज्ञात हफ्ते भर पहले यहां के जंगलो की खाक छानते देखे गए थे। अंदेशा है कि उनमे से एक शख्स का हुलिया अनिल टुटेजा की कद काठी की तर्ज पर था। 

यह भी बताया जा रहा है कि अनिल टुटेजा के पासपोर्ट की खोजबीन में एजेंसियां भी जुटी हुई है, टुटेजा की तर्ज पर उनका पासपोर्ट भी गायब बताया जाता है। सूत्र बताते है कि छत्तीसगढ़ सरकार के आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो और एंटी करप्शन ब्यूरो दोनों में भी टुटेजा के पासपोर्ट की तलाश जारी है। नान घोटाले और ED के अपराध दर्ज करने के उपरांत पासपोर्ट की भी जप्ती चर्चा में थी। बताते है कि टुटेजा की अग्रिम जमानत स्वीकृत होने के दौरान तत्कालीन अधिकारियो ने इसी दफ्तर की अलमारी में टुटेजा का पासपोर्ट सुरक्षित रखा था। लेकिन अब यह गायब बताया जाता है। 

बताते है कि ACB-EOW के रिकॉर्ड से भी अनिल टुटेजा और सौम्या चौरसिया के गुनाहो से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और फाइल भी मौजूदा अधिकारियो को साधारण आँखों से नजर नहीं आ रही है, अंदेशा है कि उसे भी गायब कर दिया गया है। यह भी बताया जा रहा है कि एजेंसियों की नजरो से ओझल हुए अनिल टुटेजा ने बिलासपुर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर ED की कार्यवाही को चुनौती दी है।

बताते है कि संदेही भले ही मैदान में नजर न आ रहे हो, लेकिन अब बघेलखंड के चंगुल में घोटालो की जांच बाधित करने के लिए एड़ीचोटी का जोर आजमा रहे है। सूत्र बता रहे है कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा टुटेजा के पासपोर्ट की सुध लेने के बाद राज्य सरकार के कई अधिकारियो के पैरो तले जमीन खिसक गई है। चर्चा है कि टुटेजा के रखवाले अफसरों ने ही उनका पासपोर्ट इतनी हिफाजत से रखा है कि अब वो उन्हें भी दिखाई नहीं दे रहा है। 

सूत्र बताते है कि शराब घोटाले के सामने आने के बाद ED के कब्जे में पहुंचे टुटेजा ने “साहब” के समस्त प्रकार के गोरखधंधो की तस्दीक की है। बताते है कि अपने पुत्र को आपराधिक दायरे में देखने के बाद टुटेजा साहब का ह्रदय परिवर्तन हो गया था।

बताते है कि सौम्या चौरसिया की काली करतूतों का भी बखान करते हुए प्रमुख संदेही ने एजेंसियों को हकीकत से रूबरू कराया था। बता दे कि ED की छापेमारी ख़त्म होने के बाद संदेही टुटेजा को अपने कब्जे में लेकर ED ने कई घंटो तक पूछताछ की थी। इस दौरान उसने बघेलखंड का हिसाब किताब सहिंत काला चिठ्ठा एजेंसियों के सामने रख दिया था। 

सूत्र दावा कर रहे है कि एजेंसियों का विश्वास अर्जित करने के बाद गिरफ़्तारी लटकती तलवार से संदेही बच तो गया लेकिन तलवार के म्यान में जाने के बाद उसका नौ-दो ग्यारह होना सुर्खियों में है। बताते है कि प्रमुख संदेही को जमीन निगल गई या आसमान खा गया, समझ से परे बताया जा रहा है। सूत्र बताते है कि ED के चंगुल से छुटते ही टुटेजा ने सबसे पहले अपने घर का रुख किया था।

यहां कुछ विश्वस्त लोगो से मेल मुलाकात के बाद वे देर रात तक तनाव में नजर आ रहे थे। सूत्र बताते है कि पूरी रात गिरोह का सरगना समेत कई सदस्य टुटेजा साहब को डराते धमकाते रहे, वे उन्हें गद्दारी का अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दे रहे थे। टुटेजा के पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक साहब घर में बगैर कोई पत्र छोड़े लापता हो गए है। 

बताते है कि हफ्ते भर तक परिजनों ने भी उनका इंतजार किया इसके बाद उनके लापता होने की सूचना स्थानीय थाने के बजाय अपने शुभ चिंतको को दी है। यह भी बताया जा रहा है कि उनकी गुमशुदगी को लेकर फ़िलहाल किसी भी थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है, अलबत्ता मामला “ईश्वर” पर छोड़ दिया गया है, बदहवास परिजन छत्तीसगढ़ के पालनहार की राह तक रहे है।  


सूत्रों का दावा है कि बघेलखंड के गुनाहों की तस्दीक के बाद से ही अनिल टुटेजा पर शराब माफियाओं ने अपना शिकंजा कस दिया था। बताते है कि टुटेजा के ED के चंगुल में फंसते ही बघेलखंड में सनसनी है, एक ओर जहां टुटेजा के हाजिर होने से कई गुनहगारों की असलियत सामने आने का खतरा बढ़ गया है, वहीँ दिनों दिन टुटेजा साहब की जान पर जोखिम भी बढ़ता जा रहा है, परिजनों को सताती उनकी चिंता से साहब भी पशोपेश में बताये जाते है। ताजा जानकारी के मुताबिक कई प्रशासनिक अधिकारियो की तर्ज पर ED को भी अनिल टुटेजा का इंतजार है। 

न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने अनिल टुटेजा की मौजूदगी और उनका हाल-चाल लेने के लिए उनके मोबाईल पर संपर्क किया, आवास और दफ्तर में भी दस्तक दी लेकिन कोई सुराग नहीं लग सका। पीड़ित परिजनों ने भी मामले को हाई प्रोफ़ाइल करार देकर अपना मुँह खोलने से इंकार कर दिया। बताते है कि पिछले 24 घंटो से अनिल टुटेजा द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे सभी नंबर स्विच ऑफ आ रहे है।

जबकि सौम्या चौरसिया के जेल की हवा खाने के बाद अनिल टुटेजा के भी भूमिगत हो जाने से सरकारी कामकाज प्रभावित हो रहा है। बहरहाल सरकार के दोनों कर्णधारों को मुश्किल में देखकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ताजा प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है। कई लोगो का मानना है कि मुख्यमंत्री बघेल की कार्यप्रणाली के चलते सौम्या और टुटेजा को अपने सरकारी आवास के बजाय कानून प्रदत्त स्थानों पर वक्त गुजारना पड़ रहा है।