रायपुर के MMI अस्पताल में “तख्तापलट” ? मैनेजमेंट की जवाबदारी अब पुराने ट्रस्टियों के कंधो पर | बिलासपुर हाईकोर्ट के निर्देश के बाद रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसायटी ने सुनाया फैसला |

0
4

रायपुर | रायपुर के NH-MMI अस्पताल में अब जल्द “तख्तापलट” के आसार बढ़ गए है | इस अस्पताल की बागडोर अब “पुराने ट्रस्ट्रियो” के हाथो में सौपे जाने का रास्ता साफ़ हो गया है | बिलासपुर हाईकोर्ट के निर्देश पर “रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसायटी”   ने दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद “पुराने ट्रस्ट्रियो” के पक्ष में अपना फैसला सुनाया है | “पुराने ट्रस्ट्रियों” में डॉक्टर हरख जैन समेत आठ सदस्य शामिल है ,जबकि विरोधी खेमे में उद्द्योगपति सुरेश गोयल समेत लगभग सत्तर सदस्य शामिल है | ” रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसायटी”  के फैसले के बाद MMI अस्पताल के मौजूदा प्रबंधन ने एक आपात बैठक बुलाई थी | इस बैठक में आगामी रणनीति पर विचार विमर्श किया गया | चूँकि फैसला हाईकोर्ट के निर्देश पर ” रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसायटी”   द्वारा जारी किया गया है ,लिहाजा सुरेश गोयल खेमे को “हाईकोर्ट” से राहत की कम ही उम्मीद है | आपातकालीन बैठक में कई सदस्यों ने “सुप्रीम कोर्ट” का दरवाजा खटखटाने का मत जाहिर किया है | कुछ सदस्यों को इस पर भी संशय है ,कि सुप्रीम कोर्ट में उनकी अपील स्वीकार होगी भी या नहीं ? इस बीच MMI अस्पताल में “तख्तापलट” की ख़बरों को लेकर हड़कंप मचा है |

बताया जा रहा है कि MMI अस्पताल में प्रबंधन को लेकर “पुराने और नए ट्रस्ट्रियों” के बीच लंबे समय से तलवारे खींची हुई है | यह विवाद लंबे समय से बिलासपुर हाईकोर्ट में विचाराधीन था | हाईकोर्ट ने “असली और नकली” ट्रस्ट्रियों की पड़ताल के लिए “रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसायटी” को अधिकृत किया था | दोनों पक्षों की दलीले और सबूतों की जांच के बाद ”  रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसायटी” ने “पुराने ट्रस्ट्रियो” के पक्ष में फैसला दिया है | इन ट्रस्ट्रियों में डॉक्टर हरख जैन ,प्रदीप गुप्ता ,लूणकरण जैन ,महेंद्र धाड़ीवाल ,शांतिलाल बरडिया ,नारायणन ,शरद जैन शामिल है | जबकि विरोधी खेमे में उद्द्योगपति सुरेश गोयल समेत लगभग 70 ट्रस्टी शामिल है | बताया जाता है कि दोनों पक्षों में विवाद का मूल कारण “नए ट्रस्ट्रियों” की नियुक्ति से जुड़ा है | एक जानकारी के मुताबिक MMI अस्पताल में मूल ट्रस्ट्रियो की संख्या कुल 11 थी | इस बीच उभरे मतभेद के चलते मूल ट्रस्ट्रियो के एक गुट ने संविधान संशोधन कर “नए ट्रस्ट्रियों” की संख्या 70 तक बढ़ा दी थी | इसके बाद इस गुट ने MMI अस्पताल का मैनेजमेंट अपने हाथो में ले लिया था | नए ट्रस्ट्रियों की अवैधानिक नियुक्ति और संविधान के साथ हुई छेड़छाड़ के आरोपों को लेकर डॉक्टर हरख जैन एवं अन्य ने मामले को अदालत में चुनौती दी थी | बिलासपुर हाईकोर्ट में कई सालो तक इस मामले की सुनवाई चली | आखिरकर हाईकोर्ट ने विवाद के पटाक्षेप के लिए “रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसायटी” को अधिकृत किया था |

“रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसायटी” के फैसले के बाद MMI अस्पताल में हड़कंप मचा है | अब यह अस्पताल NHMMI के रूप में तब्दील हो चूका है | “पुराने ट्रस्ट्रियो” की दलील है कि उन्होंने इस अस्पताल की नींव “लोक कल्याण” के लिए रखी थी | ताकि राज्य की जनता को रियायती दरों पर स्वास्थ सुविधा मुहैया हो सके | लेकिन “नए ट्रस्ट्रियो” की नियुक्ति के बाद इस अस्पताल ने “व्यवसायिक पेशा” अपना लिया है | नतीजतन MMI की स्थापना का मकसद अपनी राह से भटक गया | उधर उद्द्योगपति सुरेश गोयल खेमे से भी प्रतिक्रिया लेने के लिए न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने संपर्क किया | लेकिन ज्यादातर पदाधिकारियों के मोबाईल फोन बंद मिले | कुछ ने फोन रिसीव किया लेकिन प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया |